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बुलंदशहर: नरौरा परमाणु केंद्र के नजदीकी गांव के लोगों को 18 घंटे बाद मिली राहत

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के नरौरा परमाणु केंद्र से महज 200 मीटर की दूरी पर गैस से भरा कैप्सूल पलट गया. दो रिफलिंग टैंक मंगाकर गैस रिफलिंग कर कैप्सूल को खाली करा लिया गया है. इससे अब लोगों ने राहत की सांस ली.

पलटा कैप्सूल भरा ट्रक
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Published : Oct 5, 2019, 10:50 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर : जनपद के नरौरा-रामघाट रोड पर नरौरा परमाणु केंद्र के समीप गैस से भरा कैप्सूल पलट गया था. जिसके बाद से लोग दहशत के साये में जी रहे थे. देर रात को कड़ी मशक्कत के बाद गैस के कैप्सूल से हो रहे रिसाव को दो अन्य रिफिलिंग टैंकों में रिफिल कर गैस के कैप्सूल को खाली कराया गया.

नरौरा परमाणु केंद्र के नजदीकी गांव के लोगों को मिली राहत.

कैसे हुआ हादसा

  • नरौरा परमाणु केंद्र से महज 200 मीटर की दूरी पर शुक्रवार की सुबह एलपीजी से भरा गैस कैप्सूल अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया था.
  • घटनास्थल के आस-पास के गांवों को खाली करा लिया गया था.
  • गैस को दो अन्य रिफिलिंग टैंक में डालकर 50 टन वजनी गैस के कैप्सूल को खाली कराया गया.
  • लोगों को महज आधे घंटे के लिए चूल्हा जलाने की इजाजत मिली.
  • गैस रिफलिंग के लिए तमाम दिक्कतों को देखते हुए ग्रामीणों को यहां पहले ही तमाम हिदायतें दी गईं.
  • 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हुई.

इसे भी पढ़ें - बिहार बाढ़ : 21 दिनों से पेड़ों पर हैं दर्जनों परिवार, सरकार पर अनदेखी का आरोप

बुलंदशहर : जनपद के नरौरा-रामघाट रोड पर नरौरा परमाणु केंद्र के समीप गैस से भरा कैप्सूल पलट गया था. जिसके बाद से लोग दहशत के साये में जी रहे थे. देर रात को कड़ी मशक्कत के बाद गैस के कैप्सूल से हो रहे रिसाव को दो अन्य रिफिलिंग टैंकों में रिफिल कर गैस के कैप्सूल को खाली कराया गया.

नरौरा परमाणु केंद्र के नजदीकी गांव के लोगों को मिली राहत.

कैसे हुआ हादसा

  • नरौरा परमाणु केंद्र से महज 200 मीटर की दूरी पर शुक्रवार की सुबह एलपीजी से भरा गैस कैप्सूल अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया था.
  • घटनास्थल के आस-पास के गांवों को खाली करा लिया गया था.
  • गैस को दो अन्य रिफिलिंग टैंक में डालकर 50 टन वजनी गैस के कैप्सूल को खाली कराया गया.
  • लोगों को महज आधे घंटे के लिए चूल्हा जलाने की इजाजत मिली.
  • गैस रिफलिंग के लिए तमाम दिक्कतों को देखते हुए ग्रामीणों को यहां पहले ही तमाम हिदायतें दी गईं.
  • 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हुई.

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Intro:बुलंदशहर के नरौरा- रामघाट रोड पर नरौरा परमाणु केंद्र के समीप गैस से भरा कैप्सूल पलटने के बाद से दहशत के साये में रहे हजारों लोगों को अब फिर से राहत की सांस ले पा रहे है,देर रात को कड़ी मशक्कत के बाद गैस के कैप्सूल से हो रहे रिसाव को जब किसी भी तरह से नहीं रोका गया तो, गैस रिफिलिंग कर दो अन्य रिफिलिंग टैंक में पलटी करके 50 टन वजनी गैस के कैप्सूल को खाली कराया गया और फिलहाल अब वहां स्थिति सामान्य है ,रास्ता भी खुल चुका है तो वहीं ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।प्रशासन की सख्ती और परमाणु केंद्र के इंजीनियर्स व गैस कम्पनी के तकनीशियनों के जरिये करीब 18 घण्टे बाद क्षेत्र के ऊपर मंडरा रहे संकट को हटा दिया।Body:बुलन्दशहर जिले के नरौरा में स्थित विख्यात परमाणु केंद्र के समीप कल सुबह पलटे गैस से भरे 50 टन वजनी कैप्सूल, व उसमें से हो रहे गैस के रिसाव को रोकने के किये सभी तकनीकी फेल साबित हुईं और जब सफलता नहीं मिली तो शाहजहांपुर से दो रिफलिंग टैंक मंगाए गए , और कैप्सूल के पलट जाने के बाद उसमें से हो रहे रिसाव के बाद आसपास के कई गांवों में लोगों की दिनचर्या बदल कर रख दी थी, जिला प्रशासन पूरे तरह से हर गतिविधि पर नजर गड़ाए रहा और जो भी राय इण्डेन गैस के इंजीनियर्स ,एक्सपर्ट्स और परमाणु केंद्र के इंजीनियर देते रहे उसे प्रशासन स्थानीय ग्रामीणों को बताता रहा,आलम ये था कि महज आधे घण्टे के लिए गांव वालों को चूल्हा जलाने की इजाजत मिली, शाम को 7:00 बजे से 7:30 बजे तक खाना बनाने की अनुमति जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इंडियन ऑयल और नरौरा परमाणु केंद्र के अधिकारियों से वार्ता के बाद ग्रामीणों को दी जिसके बाद ग्रामीणों ने आनन-फानन में खाना बनाया और ग्रामीणों ने तय समय सीमा के अंदर खाना बनाने के तत्काल अफसरों को सूचित कर दिया,जिसके बाद देर रात तक जिला प्रशासन वहां मुस्तैद रहा और गैस रिफलिंग के लिए तमाम दिक्कतों को देखते हुए हालांकि ग्रामीणों को यहां पहले ही तमाम हिदायतें दे दी थी ,हम आपको बता दें कि ऐसे में अगर गलती से भी कहीं से किसी चिंगारी तक गैस छू लेती तो यह हादसा इतना भयावह हो सकता था कि इसका अंदाजा लगाना भी नामुमकिन था। हम आपको बता दें कि कैप्सूल पलटने से पहले 440 वोल्ट की लाइन के खंभे से टकराया था करंट की चपेट में आकर के चालक और कंडक्टर की मौत भी हो सकती थी ,लेकिन कैप्सूल की टक्कर लगने के बाद और लाइन के तार टूट गए इसके बाद एहतियात के तौर पर पुलिस अधिकारियों को तत्काल सीचित किया गया,नरौरा परमानु केंद्र के इंजीनियर भी काफी सचेत थे, गांव की बिजली सप्लाई बंद करवा दी थी , आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी बिजली के तार टूटते हैं तो कई बार स्पार्किंग भी हो जाती है, लेकिन गनीमत रही,और एक ऐसा हादसा होने से बच गया जिसकी शायद कोई गवाही भी नहीं देने को मिलता,गैस रिसाव के दौरान अगर मुस्तेदी नहं दिखाई जाती तो भारी नुकसान हो सकता था, फिलहाल कड़ी मशक्कत और सूझबूझ से एक ऐसी दुर्घटना को होने से रोक लिया जिससे होने वाले नुकसान की भरपाई का अंदाजा लगाना भी आसान नहीं था। सड़क से फिलहाल हटा लिया गया है, लेकिन रात भर कड़ी मशक्कत जिला प्रशासन ने यहां की है जिसके लिए अलीगढ़ से इंजीनियर बुलाए गए थे तो वही शाहजहांपुर से दो खाली कैप्सूल्स रिफलिंग के लिए मंगाए गए थे ।
इस बारे में ईटीवी भारत से डिबाई एसडीएम संजय सिंह ने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद यहां टीमवर्क से 18 घंटे तक तमाम कवायद की गई, जिसके बाद जाकर हम अब कह सकते हैं कि स्थिति सामान्य है और अब किसी तरह का कोई जोखिम यहां नहीं है।जनजीवन पूरी तरह से सामान्य है।
Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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