बुलंदशहर: देशभर में कोरोना कहर जारी है. इस कारण से जिले में श्रम विभाग का दफ्तर महज दो कमरों में सेवायोजन विभाग की बिल्डिंग में किराए पर चलाया जा रहा है. कोरोना की वजह से कमरे में स्टॉक रूम से लेकर सभी क्लेरिकल स्टॉफ और अन्य कर्मचारियों के लिए पर्याप्त स्थान तक नहीं है.
देश में चल रहे कोरोना संक्रमण काल में सरकारी दफ्तरों में भीड़ भी लगातार बढ़ी है. खासतौर ऐसे कार्यलयों में तो और भी अधिक संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिन कार्यालयों में कोरोना के समय में सरकार ने जरूरतमंदों को योजनाओं के लाभ की घोषणा की है. उन्ही में से एक है बुलंदशहर जिले का श्रम विभाग. जिला मुख्यालय पर स्थित श्रम विभाग का दफ्तर जिले के सेवायोजन कार्यालय परिसर में किराए की बिल्डिंग में संचालित है.
दो कमरों में संचालित हो रहा श्रम विभाग का दफ्तर
सेवायोजन कार्यालय की बिल्डिंग में किसी तरह दो कमरों में श्रम विभाग का दफ्तर संचालित हो रहा है. इनमें से एक छोटे कमरे में जहां सहायक श्रम आयुक्त मुकेश कुमार दीक्षित के बैठने की व्यवस्था है. वहीं दूसरी तरफ जो दूसरा कमरा है, उसमें न सिर्फ विभाग से जुड़ी संबंधित तमाम फाइलों को रखा गया है, बल्कि 5 कंप्यूटर ऑपरेटर के बैठने की भी व्यवस्था उसी सिंगल कमरे में है. अन्य कर्मचारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भी उसी में रहना होता है. जिम्मेदार अधिकारी कोविड-19 के नियमों को पालन कराने के इरादे से ऑफिस में क्रमबद्ध तरीके से स्टॉफ को बुलाने की बात कर रहे हैं.
लॉकडाउन में हजारों प्रवासी श्रमिक लौटे बुलंदशहर
खास बात यह है कि कोरोना काल में लॉकडाउन में हजारों प्रवासी श्रमिक बुलंदशहर में भी वापस लौटे हैं. वहीं सरकार की तरफ से सन्निर्माण श्रमिकों समेत श्रम विभाग से जुड़े कामगारों को आर्थिक मदद दी गई थी, जिस वजह से अचानक एकाएक अपनी दुविधाओं को लेकर लोग श्रम विभाग के जिम्मेदारों से सम्पर्क कर रहे थे. कई बार तो देखा गया कि आवेदकों की अनियंत्रित भीड़ कार्यालय पर एकत्रित हो जाती है. जिले के सहायक श्रम आयुक्त मुकेश दीक्षित भी कोरोना संक्रमित हुए थे. हालांकि अब वह स्वस्थ होकर काम पर लौट आए हैं. वहीं एक ही कमरे में स्टॉक रूम और विभाग का सारा स्टॉफ सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर नहीं बैठ सकता क्योंकि स्टाफ कम है.
कर्मचारियों को बुलाया जा रहा क्रमबद्ध तरीके से
सहायक श्रम आयुक्त मुकेश दीक्षित ने बताया कि सभी कर्मचारियों को दफ्तर में सीमित जगह होने की वजह से क्रमबद्ध तरीके से बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पर्याप्त संसाधनों के साथ प्रशासन की सभी जो जिम्मेदारियां हैं, उन्हें कर्मचारी निभाने की कोशिश कर रहे हैं. योगी सरकार ने इस दौरान संनिर्माण श्रमिक और अन्य श्रमिकों के लिए सहयोग की घोषणा की थी, जिसकी वजह से श्रमिक दिनभर श्रमिक विभाग कार्यालय में पहुंचते रहते हैं. ऐसे में कहीं न कहीं जहां काम प्रभावित हो रहा है, वहीं कोरोना का खतरा भी लगातार यहां बना रहता है.
सरकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित
सहायक श्रम आयुक्त मुकेश दीक्षित का कहना है कि हर संभव कोशिश की जा रही है कि कोई कार्य पेंडिंग न रहे. साथ ही वह मानते हैं कि अपर्याप्त स्थान होने की वजह से दिक्कतें तो आ रही हैं, लेकिन मैनेज करने की कोशिशें भी जारी हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि वह सेवायोजन कार्यालय के दो कमरों में किसी तरह अपने स्टॉफ के साथ निरंतर सरकार की योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए लगातार दृढ़ संकल्पित हैं. उनका कहना है कि विभाग का अपना कोई भवन न होने की वजह से किराए के लिए भवन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी इस तरह का परिसर नहीं मिला है, जिसमें प्रॉपर तरीके कामकाज किया जा सके.