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'एक जनपद एक उत्पाद' के बाद भी पॉटरी की हालत खस्ता, GST ने लगाया उद्योग में ग्रहण

उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर जिला खुर्जा की वजह से देश ही नहीं विश्व भर में अपनी अलग पहचान बना चुका है. खुर्जा में विश्व विख्यात चीनी मिट्टी के बर्तन और साज सज्जा के उत्पाद बनाए जाते हैं, लेकिन मंहगाई और जीएसटी की वजह से पॉटरी उद्योग अब दम तोड़ता नजर आ रहा है.

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GST ने पॉटरी उद्योग को किया चौपट.
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Published : Dec 8, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: देश-विदेश में पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्जा का पॉटरी उद्योग दम तोड़ता नजर आ रहा है. यहां के उद्यमियों का दावा है कि यूपी सरकार भले ही 'एक जनपद एक उत्पाद' योजना के तहत पॉटरी उद्योग को बढ़ावा देने का दम भर रही हो, लेकिन हालात पहले से और भी बदतर हो गए हैं.

GST ने पॉटरी उद्योग को किया चौपट.

खुर्जा में बने चीनी मिट्टी के उत्पादों ने बनाई दुनिया भर में पहचान
खुर्जा के पॉटरी उद्योग को एक जिला एक उत्पाद के तहत सरकार ने चुना था. उद्यमियों को आशा थी कि शायद वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के आने से व्यापार में कुछ सुधार आएगा, लेकिन ये बातें महज कोरी ही रह गईं. चीनी मिट्टी के उत्पादों के लिए देश भर में अलग पहचान रखने वाले जिले की पॉटरी नगरी खुर्जा का हर जगह जलवा कायम है, जिसकी बड़ी वजह यहां के पॉटरी व्यावसायी ही हैं.

NGT के दिशा-निर्देश से गैस से चल रही पॉटरी
NGT के दिशा-निर्देशों के बाद अप्रैल के बाद से लगातार यहां की इंडस्ट्री को बदल दिया गया है, इसकी वजह से व्यापारियों के मुनाफे में भारी कमी आई है. व्यापारियों का कहना है कि कोयले से बनने वाले उत्पादों से उन्हें औसत लाभ हो जाता था, लेकिन अब महज मामूली फायदे से व्यवसाय को जिंदा रखा जा रहा है.

GST ने पॉटरी उद्योग को किया चौपट
चौपट होते धंधे पर सबसे ज्यादा असर महंगाई और GST का पड़ा है, जिसकी वजह से व्यापार में मंदी के बादल छाए हुए हैं. वहीं कामगारों को भारी संख्या में अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है. पहले जहां एक इकाई में 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता था, अब वहीं महज 15 से 20 लोगों को ही रोजगार नसीब हो पा रहा है.

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट से नहीं मिला लाभ
नए उद्यमियों का कहना है कि पुश्तैनी व्यापार है, जिसको चलाना उनकी मजबूरी है, वरना फायदा महज न के बराबर ही है. उद्यमियों का मानना है कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में पॉटरी उद्योग को शामिल करने के बाद से ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया है. फिलहाल बदलती व्यवस्थाओं के बावजूद भी यहां के व्यवसायी और कामगार खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

बुलंदशहर: देश-विदेश में पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्जा का पॉटरी उद्योग दम तोड़ता नजर आ रहा है. यहां के उद्यमियों का दावा है कि यूपी सरकार भले ही 'एक जनपद एक उत्पाद' योजना के तहत पॉटरी उद्योग को बढ़ावा देने का दम भर रही हो, लेकिन हालात पहले से और भी बदतर हो गए हैं.

GST ने पॉटरी उद्योग को किया चौपट.

खुर्जा में बने चीनी मिट्टी के उत्पादों ने बनाई दुनिया भर में पहचान
खुर्जा के पॉटरी उद्योग को एक जिला एक उत्पाद के तहत सरकार ने चुना था. उद्यमियों को आशा थी कि शायद वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के आने से व्यापार में कुछ सुधार आएगा, लेकिन ये बातें महज कोरी ही रह गईं. चीनी मिट्टी के उत्पादों के लिए देश भर में अलग पहचान रखने वाले जिले की पॉटरी नगरी खुर्जा का हर जगह जलवा कायम है, जिसकी बड़ी वजह यहां के पॉटरी व्यावसायी ही हैं.

NGT के दिशा-निर्देश से गैस से चल रही पॉटरी
NGT के दिशा-निर्देशों के बाद अप्रैल के बाद से लगातार यहां की इंडस्ट्री को बदल दिया गया है, इसकी वजह से व्यापारियों के मुनाफे में भारी कमी आई है. व्यापारियों का कहना है कि कोयले से बनने वाले उत्पादों से उन्हें औसत लाभ हो जाता था, लेकिन अब महज मामूली फायदे से व्यवसाय को जिंदा रखा जा रहा है.

GST ने पॉटरी उद्योग को किया चौपट
चौपट होते धंधे पर सबसे ज्यादा असर महंगाई और GST का पड़ा है, जिसकी वजह से व्यापार में मंदी के बादल छाए हुए हैं. वहीं कामगारों को भारी संख्या में अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है. पहले जहां एक इकाई में 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलता था, अब वहीं महज 15 से 20 लोगों को ही रोजगार नसीब हो पा रहा है.

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट से नहीं मिला लाभ
नए उद्यमियों का कहना है कि पुश्तैनी व्यापार है, जिसको चलाना उनकी मजबूरी है, वरना फायदा महज न के बराबर ही है. उद्यमियों का मानना है कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में पॉटरी उद्योग को शामिल करने के बाद से ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया है. फिलहाल बदलती व्यवस्थाओं के बावजूद भी यहां के व्यवसायी और कामगार खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

Intro:देश-विदेश में पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जनपद के खुर्जा में धीरे-धीरे पॉटरी उद्योग दम तोड़ने लगा है ,यहां के उद्यमियों का दावा है कि यूपी सरकार भले ही एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत पॉटरी उद्योग को बढ़ावा देने का दम भरती हो मगर और यहां के उद्यमिय को अभी भी सरकार की तरफ मुंह करके देखना पड़ रहा है कि आखिर उनके दिन कभी बहुरेंगे भी या नहीं, यहां एक जिला एक उत्पाद के तहत ख़ुर्जा की पॉटरी को चुना जरूर गया लेकिन हालात में अभी भी कोई सुधार यहां बदलाव नहीं हैं,इटीवी भारत ने विश्वप्रशिद्द ख़ुर्जा की पॉटरी नगरी का रुख किया और यहां की वास्तविकता को समझने की कोशिश की ,पेश है ईटीवी भारत की ये एक्सक्लुसिव रिपोर्ट।




Body:चीनी मिट्टी के उत्पादों के लिए देशभर में अलग पहचान रखने वाली बुलंदशहर की खुर्जा नगरी पॉटरी नगरी का हर जगह जलवा है ,लेकिन यह जलवा कायम है सिर्फ और सिर्फ यहां के पौटर्स की बदौलत, अगर बात की जाए सरकारी सहायता की या फिर जिस तरह से जिले को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत पॉटरी के लिए चुना गया , उसके बावजूद भी अब काफी वक्त गुजर चुका है , लेकिन अभी भी यहां हालात जस के तस बने हुए हैं ,उद्यमी परेशान हैं जहां एक तरफ पहले कोयले पर यहां की इकाइयां आधारित थी, उसके बाद कोयले पर और फिर फ्यूल पर आईं और अब एनजीटी के दिशा निर्देशों के बाद अप्रैल के बाद से लगातार गैस पर यहां की इंडस्ट्री को कन्वर्ट किया गया है, इस पूरे अंतराल में एक जिला एक उत्पाद के तहत बुलंदशहर में चीनी मिट्टी के उत्पादों को जगह मिली ,लेकिन अभी तक भी कोई सरकारी मदद या सहयोग या कोई प्रोत्साहन यहां नहीं मिला, इस बारे में उधमियों का कहना है कि क्योंकि यह उनका पुश्तैनी काम है और इसके अलावा और कोई विकल्प भी नहीं है, ऐसे में जहां पहले के मुकाबले में अब मुनाफा काफी घट गया है, वहीं अब इंडस्ट्री चलाने में भी उन्हें काफी दिक्कतें आ रही हैं तो वहीं लंबे समय से खुर्जा की इंडस्ट्रीज में काम करने वाले लोगों का कहना है कि यहां अब रोजगार भी घट गए हैं, तो वहीं ईटीवी भारत की टीम ने जब यहां का जायजा लिया तो देखा कि जहां पहले और यहां की इकाइयों में सैकड़ों लोग हुआ करते थे वहीं अब 10 से 15 लोग ही काम कर रहे हैं, इसके पीछे की मूल वजह वह जीएसटी और बढ़ती महंगाई को भी मानते हैं ,तो साथ ही यहां के उद्यमियों का कहना है कि बदलाव यहां नहीं हो पा रहा है ,सरकार ध्यान नहीं दे रही है,फिलहाल जिले के जिम्मेदार मानते हैं कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत अभी तक कुछ ज्यादा लाभ यहां नहीं मिल पाया है ,लेकिन इसमें जल्द ही कुछ शासन के स्तर से होगा और यहां के उद्यमियों को भी उसका लाभ मिल पाएगा फिलहाल यहां का व्यवसाय खासा परेशान है ,एक जिला एक उत्पाद के पॉटरी को कहीं से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल पाया है, फिलहाल देखने वाली बात यह होगी कि यह बदलाव यहां कब तक हो पाता है।
बाइट.....नागेंद्र,मैनेजर पॉटरी,
बाइट....जावेद अंसारी,युवा उद्यमी,
बाइट.....उपायुक्त उधोग,जिला उधोगकेन्द्र,बुलन्दशहर
पीटीसी.....श्रीपाल तेवतिया,





Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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