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अस्पताल में डिलीवरी के बाद नवजात को देने के नाम पर हो रही थी अवैध वसूली ! - बुलंदशहर की खबरें

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना सीएचसी में डिलीवरी के बाद नवजात को देने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा चल रहा था. हालांकि परिजनों की शिकायत के बाद रुपए मांगने वाले कर्मचारियों पर विभाग ने कार्रवाई कर दी है. स्याना सीएचसी प्रभारी द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद सीएमओ ने दोनों संविदा स्टाफ नर्स और 1 वार्ड बॉय का गोता क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया है.

अस्पताल में अवैध वसूली
अस्पताल में अवैध वसूली
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Published : Sep 14, 2021, 8:22 PM IST

बुलंदशहर : जिले के स्याना सीएचसी में काफी दिनों से डिलीवरी के बाद नवजात को दिखाने व देने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा चल रहा था. डिलीवरी के बाद परिजनों से करीब 2000 तक की वसूली की जा रही थी. ऐसे ही एक परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बच्चे को देने के नाम पर पैसा मांगा जा रहा था. जिसके बाद इसकी शिकायत लोगों ने सीएमओ से कर दी. सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए दो संविदा स्टाफ नर्स और 1 वार्ड बॉय का दूसरी जगह गोता क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला स्याना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां मुख्यमंत्री के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं थीं. आप को बता दें, अस्पताल में डिलीवरी के लिए एक महिला आई थी. अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स शहरोज और प्रीति सहित 3 महिला नर्सों ने मिलकर डिलीवरी के बाद बच्चा देने के नाम पर परिजनों से 2000 हजार रुपए की मांग की.

अस्पताल में अवैध वसूली

डिलीवरी के लिए आई महिला के परिजनों का आरोप है- अस्पताल में मौजूद तीनों महिला डॉक्टरों ने डिलीवरी होने के बाद उनसे ₹2000 की मांग कर डाली. इतना ही नहीं डिलीवरी के लिए कुछ दवाइयां भी बाहर से मंगवाई गई, जिनके पैसे भी मरीजों से लिए गए. जब मरीज के परिजनों ने 2000 मांगने का विरोध किया तो महिला डॉक्टरों ने नवजात बच्चे को ही देने से इनकार कर दिया. नर्सों ने कहा- पहले पैसे फिर बच्चा. डरे-सहमे परिजनों ने किसी तरह उन्हें ₹500 दे दिए, लेकिन महिला डॉक्टर इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, और मरीज के परिजनों से बदतमीजी से पेश आई. फिर बड़ी मुश्किलों में ₹800 में बच्चा वापस दिया.

सीएमओ ने की कार्रवाई

जब इसकी शिकायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ रविंद्र कुमार से की गई तो रविंद्र कुमार ने शिकायतकर्ता और महिला डॉक्टरों को बुलवा लिया. आमने-सामने पूछताछ की गई, तो महिला डॉक्टरों की गलती सामने आ गई. सीएचसी प्रभारी ने फटकार लगाते हुए उन्हें हिदायत दी. महिला के परिजनों से लिए 800 रुपये वापस दिलवाए. डॉ रविंद्र कुमार ने महिला डॉक्टरों को हिदायत दी, अगर भविष्य में इस तरीके की कोई करतूत सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022: सरकार को अपना चुनाव निशान बुलडोजर रख लेना चाहिए: अखिलेश यादव

दूसरी तरफ जब यह मामला सीएमओ की जानकारी में आया, उसके बाद तीनों कर्मचारियों को सीएचसी प्रभारी समेत तलब किया गया. बारिश के चलते कर्मी जिला मुख्यालय नहीं पहुंचे तो सीएमओ ने तीनों कर्मचारियों का स्थानांतरण गोता क्षेत्र में कर दिया है. सीएमओ विनय कुमार ने बताया कि स्याना सीएचसी में अवैध वसूली मामले की प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई थी. रिपोर्ट के आधार पर दोनों संविदा कर्मी, स्टाफ नर्सों का स्थानांतरण दूसरी जगह कर दिया गया है.

बुलंदशहर : जिले के स्याना सीएचसी में काफी दिनों से डिलीवरी के बाद नवजात को दिखाने व देने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा चल रहा था. डिलीवरी के बाद परिजनों से करीब 2000 तक की वसूली की जा रही थी. ऐसे ही एक परिजन से अस्पताल कर्मियों ने बच्चे को देने के नाम पर पैसा मांगा जा रहा था. जिसके बाद इसकी शिकायत लोगों ने सीएमओ से कर दी. सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए दो संविदा स्टाफ नर्स और 1 वार्ड बॉय का दूसरी जगह गोता क्षेत्र में स्थानांतरण कर दिया है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला स्याना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां मुख्यमंत्री के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं थीं. आप को बता दें, अस्पताल में डिलीवरी के लिए एक महिला आई थी. अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स शहरोज और प्रीति सहित 3 महिला नर्सों ने मिलकर डिलीवरी के बाद बच्चा देने के नाम पर परिजनों से 2000 हजार रुपए की मांग की.

अस्पताल में अवैध वसूली

डिलीवरी के लिए आई महिला के परिजनों का आरोप है- अस्पताल में मौजूद तीनों महिला डॉक्टरों ने डिलीवरी होने के बाद उनसे ₹2000 की मांग कर डाली. इतना ही नहीं डिलीवरी के लिए कुछ दवाइयां भी बाहर से मंगवाई गई, जिनके पैसे भी मरीजों से लिए गए. जब मरीज के परिजनों ने 2000 मांगने का विरोध किया तो महिला डॉक्टरों ने नवजात बच्चे को ही देने से इनकार कर दिया. नर्सों ने कहा- पहले पैसे फिर बच्चा. डरे-सहमे परिजनों ने किसी तरह उन्हें ₹500 दे दिए, लेकिन महिला डॉक्टर इससे भी संतुष्ट नहीं हुई, और मरीज के परिजनों से बदतमीजी से पेश आई. फिर बड़ी मुश्किलों में ₹800 में बच्चा वापस दिया.

सीएमओ ने की कार्रवाई

जब इसकी शिकायत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ रविंद्र कुमार से की गई तो रविंद्र कुमार ने शिकायतकर्ता और महिला डॉक्टरों को बुलवा लिया. आमने-सामने पूछताछ की गई, तो महिला डॉक्टरों की गलती सामने आ गई. सीएचसी प्रभारी ने फटकार लगाते हुए उन्हें हिदायत दी. महिला के परिजनों से लिए 800 रुपये वापस दिलवाए. डॉ रविंद्र कुमार ने महिला डॉक्टरों को हिदायत दी, अगर भविष्य में इस तरीके की कोई करतूत सामने आई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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दूसरी तरफ जब यह मामला सीएमओ की जानकारी में आया, उसके बाद तीनों कर्मचारियों को सीएचसी प्रभारी समेत तलब किया गया. बारिश के चलते कर्मी जिला मुख्यालय नहीं पहुंचे तो सीएमओ ने तीनों कर्मचारियों का स्थानांतरण गोता क्षेत्र में कर दिया है. सीएमओ विनय कुमार ने बताया कि स्याना सीएचसी में अवैध वसूली मामले की प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई थी. रिपोर्ट के आधार पर दोनों संविदा कर्मी, स्टाफ नर्सों का स्थानांतरण दूसरी जगह कर दिया गया है.

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