बुलंदशहरः जिले के खुर्जा गांव टैना में देश का पहला किन्नर आश्रम बनने जा रहा है. इस आश्रम को बनवाने का बीड़ा समाजसेवी रंजना ने उठाया है. इसके लिए उन्होंने अपने गहने तक बेंच दिए हैं. उनका कहना है कि थर्ड जेंडर का जीवन यापन दया और मदद पर टिका होता है. इन्हें जो मिल गया उसे किस्मत मान ली. रंजना अग्रवाल ने बताया कि अधिकांश किन्नर गुरुओं और साथियों के सहारे पर जिंदा होते हैं. उन्होंने बताया कि पांच साल की रिसर्च में भयावह तस्वीर समाने आई है. छत के अभाव में किन्नरों का शारीरिक शोषण किया जाता है.
महिला कल्याण चेतना समिति की नई पहल
रंजना बताती हैं उन्होंने तमाम किन्नरों से सवाल किया कि वे विरोध क्यों नहीं करते. इस पर उनका कहना था कि कहां जाएंगे, वृद्ध आश्रम, महिला आश्रम और बाल आश्रम तो हैं, लेकिन हमारे लिए सरकार ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में सड़क पर दुर्गति से अच्छा है बस पड़े रहो किसी तरह. रंजना ने बताया कि समाज में दूरी इतनी है कि कोई किन्नरों को किराए पर मकान नहीं देता. रोजगार तो दूर की बात है. रंजना कहती हैं इस पीड़ा ने ही किन्नर आश्रम की नींव रखने के इरादे को मजबूत किया है. उन्होंने बताया कि जमीन खरीदकर आश्रम बनाने की कवायद शुरू हो गई है.
6 जनवरी को रखी जाएगी आधारशिला
महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष रंजना अग्रवाल ने बताया कि छह जनवरी को देश के पहले किन्नर आश्रम की नींव टैना गांव में रखी जाएगी. इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री अनिल शर्मा को भूमिपूजन के लिए आमंत्रित किया गया है. जल्द ही काम पूरा कर यहां वृद्ध और निराश्रित किन्नरों को आश्रय दिया जाएगा. यहां रहने वाले किन्नरों को रोजगारपरक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार से किन्नरों को सहायता के लिए भी पत्र लिखा है. उम्मीद है यह मुहिम अन्य प्रदेश और जनपदों में भी आकार लेगी.