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बुलंदशहर: चिंगरावठी हिंसा में मारे गए युवक के पिता ने शुरू किया आमरण अनशन

बुलंदशहर की चिंगरावठी पुलिस चौकी में पिछले साल हुई हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में सीबीआई जांच को लेकर मृतक युवक के पिता आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि मांग पूरी न होने तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे.

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चिंगरावठी हिंसा में मारे गए युवक के पिता ने शुरू किया आमरण अनशन.
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Published : Dec 23, 2019, 9:39 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हुई हिंसा में जहां एक इंस्पेक्टर की जान गई थी, वहीं चिंगरावठी गांव के एक युवक की भी मौत हो गई थी. परिवार वालों से मिली जानकारी के मुताबिक युवक एनडीए की तैयारी कर रहा था.

मृतक युवक के पिता ने शुरू किया आमरणअनशन.

मृतक इंस्पेक्टर को जहां मरणोपरांत शहीद का दर्जा मिल गया, वहीं उसके परिवार के एक शख्स को नौकरी और तमाम सरकारी सुविधाएं दी गईं. वहीं दूसरी तरफ मृतक युवक सुमित के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे वह काफी खिन्न और दुखी हैं.

मृतक युवक सुमित के पिता ने मांग की है कि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराएं. साथ ही उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जो सुविधाएं एक शहीद के परिजनों को मिलती है, वहीं उनके परिवार को भी मिलनी चाहिए.

जानिए पूरी घटना
पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को जब यह हिंसा हुई, उसके बाद 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना में करीब 65 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया, जिसमें 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंचे थे. अब तक 40 लोगों को जमानत मिल चुकी है. वहीं हत्या के आरोपी 4 लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

ये भी पढ़ें: बुलन्दशहर का चावल जाएगा यूएस, किसानों की बढ़ेगी आय

फिलहाल, चिंगरावठी और नयाबांस समेत आस-पास के गांव में एक साल बाद भी सब कुछ पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है. मृतक सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वह अपने बेटे के लिए न्याय की मांग को लेकर सीएम योगी से भी पूर्व में मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद कहीं से भी नहीं मिली है.

बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हुई हिंसा में जहां एक इंस्पेक्टर की जान गई थी, वहीं चिंगरावठी गांव के एक युवक की भी मौत हो गई थी. परिवार वालों से मिली जानकारी के मुताबिक युवक एनडीए की तैयारी कर रहा था.

मृतक युवक के पिता ने शुरू किया आमरणअनशन.

मृतक इंस्पेक्टर को जहां मरणोपरांत शहीद का दर्जा मिल गया, वहीं उसके परिवार के एक शख्स को नौकरी और तमाम सरकारी सुविधाएं दी गईं. वहीं दूसरी तरफ मृतक युवक सुमित के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे वह काफी खिन्न और दुखी हैं.

मृतक युवक सुमित के पिता ने मांग की है कि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराएं. साथ ही उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जो सुविधाएं एक शहीद के परिजनों को मिलती है, वहीं उनके परिवार को भी मिलनी चाहिए.

जानिए पूरी घटना
पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को जब यह हिंसा हुई, उसके बाद 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना में करीब 65 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया, जिसमें 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंचे थे. अब तक 40 लोगों को जमानत मिल चुकी है. वहीं हत्या के आरोपी 4 लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं.

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फिलहाल, चिंगरावठी और नयाबांस समेत आस-पास के गांव में एक साल बाद भी सब कुछ पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है. मृतक सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वह अपने बेटे के लिए न्याय की मांग को लेकर सीएम योगी से भी पूर्व में मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद कहीं से भी नहीं मिली है.

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Anchor....उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर में पिछले साल 3 दिसंबर को बुलन्दशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा में जहां एक इंस्पेक्टर की जान गई थी वही चिंगरावठी गांव के एक  नवयुवक की भी मौत हो गई थी। नवयुवक एनडीए की तैयारी कर रहा था। मृतक इंस्पेक्टर को मरणोपरांत शहीद का दर्जा मिल गया वहीं उसके परिवार के एक बेटे को नौकरी और तमाम सरकारी सुविधाएं मिल गई लेकिन मृतक नवयुवक सुमित का पिता अभी भी तब से लगातार अपने बेटे की मौत के मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए बार-बार दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं।



V/o...स्याना हिंसा में मृतक सुमित के पिता ने चिंगरावठी गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया है उनका कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है और जिससे वह काफी खिन्न हैं उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराएं साथ ही उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए इतना ही नहीं अनशन पर बैठने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जो सुविधाएं एक शहीद के परिजनों को मिलती हैं वहीं उनके परिवार को भी मिलनी चाहिए। काबिले गौर है कि 3 दिसंबर 2018 को पिछले साल जब यह हिंसा हुई थी उसके बाद 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। करीब 65 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था, जिसमें 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंचे थे। अब तक 40 लोगों को जमानत मिल चुकी है वहीं हत्या के आरोपी 4 लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं। फिलहाल चिंगरावठी नयाबांस समेत आस-पास के गांव में 1 साल बाद भी सब कुछ पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वो अपने बेटे के लिए न्याय की मांग को लेकर सीएम योगी से भी पूर्व में मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद कहीं से भी नहीं मिली है।



बाइट - अमरजीत सिंह - (मृतक नवयुवक  सुमित  के पिता)



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Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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