बुलंदशहर: पिछले साल 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र की चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हुई हिंसा में जहां एक इंस्पेक्टर की जान गई थी, वहीं चिंगरावठी गांव के एक युवक की भी मौत हो गई थी. परिवार वालों से मिली जानकारी के मुताबिक युवक एनडीए की तैयारी कर रहा था.
मृतक इंस्पेक्टर को जहां मरणोपरांत शहीद का दर्जा मिल गया, वहीं उसके परिवार के एक शख्स को नौकरी और तमाम सरकारी सुविधाएं दी गईं. वहीं दूसरी तरफ मृतक युवक सुमित के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने गांव में आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे वह काफी खिन्न और दुखी हैं.
मृतक युवक सुमित के पिता ने मांग की है कि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराएं. साथ ही उनके बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जो सुविधाएं एक शहीद के परिजनों को मिलती है, वहीं उनके परिवार को भी मिलनी चाहिए.
जानिए पूरी घटना
पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को जब यह हिंसा हुई, उसके बाद 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना में करीब 65 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया, जिसमें 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंचे थे. अब तक 40 लोगों को जमानत मिल चुकी है. वहीं हत्या के आरोपी 4 लोग अभी भी सलाखों के पीछे हैं.
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फिलहाल, चिंगरावठी और नयाबांस समेत आस-पास के गांव में एक साल बाद भी सब कुछ पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है. मृतक सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वह अपने बेटे के लिए न्याय की मांग को लेकर सीएम योगी से भी पूर्व में मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद कहीं से भी नहीं मिली है.