चित्रकूट: सरकार के लाख दावों के बाद भी चित्रकूट जिले में खाद की किल्लत दूर नहीं हो रही है. यूरिया खाद के लिए किसानों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. खाद के लिए महिलाएं भी लाइन में खड़ी होती हैं. सरकार के लाख दावों के बाद भी यूरिया खाद की भारी कमी से चित्रकूट जिला जूझ रहा है. वहीं प्रशासन बार-बार दावे कर रहा है कि जिले में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है.
यूरिया खाद के लिए किसान सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं. इसके अलावा खाद न मिलने की दशा में देर रात तक लाइन पर लगे रहते हैं. तमाम किसानों का दावा है कि वह एक हफ्ते से खाद के लिए ऐसे ही लाइन में लगते हैं और शाम को खाली हाथ चले जाते हैं. किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही है, जबकि धान की फसल के लिए यूरिया खाद की बेहद जरूरत है. अन्यथा धान की अच्छी पैदावार नहीं हो पाएगी.
जिला मुख्यालय के आसपास के सैकड़ों गांवों से किसान खाद लेने के लिए मंडी परिसर पहुच रहे हैं, लेकिन खाद की कमी के चलते उनको खाद नहीं मिल पा रही है. पुरुष ही नहीं महिला किसानों को भी यूरिया की खाद के लिए लाइन लगाना पड़ता है. मगर खाद मिल ही जाएगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है. लंबी लाइनों में खड़े किसानों के चेहरे में सिर्फ निराशा ही देखने को मिल रही है.
जिले में खाद उपलब्ध है, लेकिन यूरिया की खाद में कमी आई थी. लगभग 300 मैट्रिक टन यूरिया खाद आ गई है. नवीन गल्ला मंडी पीसीएफ केंद्र में बांटी जा रही है. आज शाम तक लगभग 1000 हजार मैट्रिक टन यूरिया खाद आ जाएगी. जल्द ही यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए खत्म हो जाएगी.
शेषमणि पांडेय, जिलाधिकारी, चित्रकूट