बुलंदशहर : पिछले साल तीन दिसम्बर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत चिंगरावटी में हुए बबाल और आगजनी मामले में जीतू फौजी को अब कोर्ट में बिना हथकड़ी के पेश किया जाएगा. जीतू फौजी की पत्नी की तरफ से इस बारे में कोर्ट में जीतू के अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देशित किया.
पिछले साल तीन दिसम्बर को बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत चिंगरावटी चौकी क्षेत्र के नजदीकी गांव महाव में गोवंशों के अवशेष मिलने से वहां तनाव का माहौल हो गया था. गोवंशों के अवशेष मिलने के बाद क्षेत्र के हिंदूवादी संगठन से जुड़े अनेक कार्यकर्ता एक जुट हो गए थे और उसके बाद स्थानीय चौकी पर हिंसा, पथराव, आगजनी की घटना हुई थी. यही नहीं, गुस्साए लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया था, जिसके बाद इस भड़की हिंसा में तत्कालीन स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावटी गांव के एक नवयुवक की भी मौत हो गई थी.
इस मामले में चार दिसम्बर को स्याना कोतवाली में करीब 27 लोगों के विरुद्ध नामजद और करीब 60 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा पंजीकृत किया गया था, जिनमें एक नाम था- सेना में तैनात जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी का. जीतू फौजी को सेना ने पहले ही एसटीएफ के हवाले किया था, जिसके बाद पहले मेरठ कैंट और उसके बाद बुलंदशहर पुलिस ने उनसे घण्टों पूछताछ की थी.
जीतू फौजी की पत्नी ने कोर्ट में की मांग
एसआईटी और पुलिस ने मेडिकल कराकर जीतू फौजी को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में उसे जेल भेज दिया गया था. पहले जीतू फौजी को हथकड़ी लगाकर तारीख पर लाया जाता था, लेकिन बाद में जीतू फौजी की पत्नी प्रियंका ने वकील के माध्यम से कोर्ट में मांग की थी कि उसके पति को अपराधियों की तरह कोर्ट में लाया जाता है, जबकि उनके ऊपर से देशद्रोह समेत कई अन्य गंभीर धाराएं खत्म हो चुकी हैं.
प्रियंका की इस मांग पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि भविष्य में जब भी जीतू फौजी को कोर्ट में पेश किया जाए तो बिना हथकड़ी लगाए ही लाया जाए.
क्या है पूरा मामला
जीतू फौजी हिंसा के दौरान चिंगरावटी गांव में शामिल था, जिसकी पुष्टि वीडियो के आधार पर की गई थी. जीतू फौजी इसके बाद अपनी ड्यूटी पर जम्मू पहुंच गया था. जीतू को नामजद अभियुक्त बनाते हुए चार दिसम्बर को स्याना कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी.
जीतू फौजी के अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि अब जीतू फौजी की जमानत के लिए प्रार्थनापत्र कोर्ट में दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने हथकड़ी लगाने से मिली छूट पर भी अदालत का धन्यवाद किया.