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बुलंदशहर से है चेतन चौहान का गहरा नाता, अगौता गांव में शोक की लहर

यूपी के बुलंदशहर जिले में भी पूर्व क्रिकेटर और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन से शोक की लहर है. पूर्व क्रिकेटर आखिरी बार एक साल पहले अपने पैतृक गांव आए थे.

चेतन चौहान फाइल फोटो.
चेतन चौहान फाइल फोटो.
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Published : Aug 17, 2020, 11:39 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: पूर्व क्रिकेटर और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन से जनपद बुलंदशहर में भी शोक की लहर है. बुलंदशहर जिले का अगौता गांव चेतन चौहान के पिता का मूल गांव था. चेतन चौहान आखिरी बार एक साल पहले अपने पैतृक गांव आए थे. बुलंदशहर जिले के अगौता गांव के निवासी चेतन चौहान के पिता ठाकुर नवरत्न सिंह चौहान आर्मी में थे, जिसके चलते उनका बचपन पूरी तरह से गांव से बाहर ही बीता.

ग्रामीणों का कहना है कि नवरत्न सिंह चौहान आर्मी में मेजर थे और बाद में नवरत्न सिंह अपने परिवार को भी अपने साथ ले गए थे. ग्रामीण बताते हैं कि चेतन चौहान का जन्म भी बरेली में ही हुआ था. उनकी तमाम शहरों में परवरिश हुई थी. चेतन चौहान कई बार बुलन्दशहर आते थे तो अगौता अपने खानदान के और परिवार के लोगों के बीच भी जरूर जाते थे. परिवार में एक शोक होने पर चेतन आये थे. वहीं कुछ माह पूर्व जब भाजपा विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक और बुलंदशहर सदर से बीजेपी के विधायक रहे वीरेंद्र सिरोही के निधन के वक्त भी चेतन चौहान का बुलंदशहर आना हुआ था.

हमेशा याद किए जायेंगे चेतन
चेतन चौहान ने क्रिकेट जगत के बाद राजनीति में भी अपने आप को स्थापित किया था. चेतन वर्तमान में अमरोहा नौगांव से विधायक थे और प्रदेश सरकार में मंत्री थे. रविवार शाम को उनके निधन की खबर ने जनपद वासियों को काफी गमगीन कर दिया. उनके पैतृक गांव में अगौता में ग्रामीणों में उनकी मौत का गम है. ग्रामीण उनके पिता के पैतृक घर में पहुंचकर परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे हैं.

पूरे गांव में शोक की लहर
चेतन चौहान के रिश्ते में चचेरे भाई सतीश चौहान ने बताया कि वर्षों पहले चेतन चौहान ने गांव में अपने घर को परिवार के ही एक व्यक्ति को बेच दिया था. बुलंदशहर जिले के अगौता गांव से चेतन चौहान का रिश्ता रहा है, क्योंकि जिले से भी उनकी जड़ें जुड़ी थीं. ओलंपिक संघ के अध्यक्ष, अर्जुन अवार्ड से सम्मानित क्रिकेट के शानदार प्लेयर रहे चेतन चौहान के निधन से उनके गांव में लोग बहद दुखी हैं. गांव के नौजवान सचिन चौहान ने बताया कि दो बार सांसद एवं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के आत्मा की शांति के लिए ग्रामीणों ने कुछ समय के लिए मौन व्यक्त किया.

मेदांता हॉस्पिटल में हुए थे भर्ती
उनके परिवार के गुलजारी सिंह चौहान, देशराज सिंह चौहान, जयराज सिंह चौहान, मास्टर सतीश उर्फ मुन्नू सिंह चौहान, रामेश्वर सिंह चौहान अपने परिवार के एक सदस्य की असमय निधन की खबर से आहत हैं. बता दें कि यूपी सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान की गुरुग्राम में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई थी. कोरोना संक्रमण के बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी चेतन हिस्सा रहे थे.

बुलंदशहर: पूर्व क्रिकेटर और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन से जनपद बुलंदशहर में भी शोक की लहर है. बुलंदशहर जिले का अगौता गांव चेतन चौहान के पिता का मूल गांव था. चेतन चौहान आखिरी बार एक साल पहले अपने पैतृक गांव आए थे. बुलंदशहर जिले के अगौता गांव के निवासी चेतन चौहान के पिता ठाकुर नवरत्न सिंह चौहान आर्मी में थे, जिसके चलते उनका बचपन पूरी तरह से गांव से बाहर ही बीता.

ग्रामीणों का कहना है कि नवरत्न सिंह चौहान आर्मी में मेजर थे और बाद में नवरत्न सिंह अपने परिवार को भी अपने साथ ले गए थे. ग्रामीण बताते हैं कि चेतन चौहान का जन्म भी बरेली में ही हुआ था. उनकी तमाम शहरों में परवरिश हुई थी. चेतन चौहान कई बार बुलन्दशहर आते थे तो अगौता अपने खानदान के और परिवार के लोगों के बीच भी जरूर जाते थे. परिवार में एक शोक होने पर चेतन आये थे. वहीं कुछ माह पूर्व जब भाजपा विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक और बुलंदशहर सदर से बीजेपी के विधायक रहे वीरेंद्र सिरोही के निधन के वक्त भी चेतन चौहान का बुलंदशहर आना हुआ था.

हमेशा याद किए जायेंगे चेतन
चेतन चौहान ने क्रिकेट जगत के बाद राजनीति में भी अपने आप को स्थापित किया था. चेतन वर्तमान में अमरोहा नौगांव से विधायक थे और प्रदेश सरकार में मंत्री थे. रविवार शाम को उनके निधन की खबर ने जनपद वासियों को काफी गमगीन कर दिया. उनके पैतृक गांव में अगौता में ग्रामीणों में उनकी मौत का गम है. ग्रामीण उनके पिता के पैतृक घर में पहुंचकर परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे हैं.

पूरे गांव में शोक की लहर
चेतन चौहान के रिश्ते में चचेरे भाई सतीश चौहान ने बताया कि वर्षों पहले चेतन चौहान ने गांव में अपने घर को परिवार के ही एक व्यक्ति को बेच दिया था. बुलंदशहर जिले के अगौता गांव से चेतन चौहान का रिश्ता रहा है, क्योंकि जिले से भी उनकी जड़ें जुड़ी थीं. ओलंपिक संघ के अध्यक्ष, अर्जुन अवार्ड से सम्मानित क्रिकेट के शानदार प्लेयर रहे चेतन चौहान के निधन से उनके गांव में लोग बहद दुखी हैं. गांव के नौजवान सचिन चौहान ने बताया कि दो बार सांसद एवं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के आत्मा की शांति के लिए ग्रामीणों ने कुछ समय के लिए मौन व्यक्त किया.

मेदांता हॉस्पिटल में हुए थे भर्ती
उनके परिवार के गुलजारी सिंह चौहान, देशराज सिंह चौहान, जयराज सिंह चौहान, मास्टर सतीश उर्फ मुन्नू सिंह चौहान, रामेश्वर सिंह चौहान अपने परिवार के एक सदस्य की असमय निधन की खबर से आहत हैं. बता दें कि यूपी सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान की गुरुग्राम में इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई थी. कोरोना संक्रमण के बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी चेतन हिस्सा रहे थे.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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