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बुलंदशहर: रेप पीड़िता ने इलाज के दौरान दिल्ली में तोड़ा दम - बुलंदशहर समाचार

बुलंदशहर जिले की रेप पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई. पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. वहीं मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाखुश एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बीट दारोगा और बीट आरक्षी को सस्पेंड कर दिया है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Nov 17, 2020, 9:54 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 10:26 PM IST

बुलंदशहर: जहांगीराबाद थाना क्षेत्र की रेप पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किशोरी ने अंतिम सांस ली. पीड़िता के द्वारा आखिरी समय में दिये गये बयान की वीडियो क्लिप भी सामने आई है. पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

जानकारी देते एसएसपी संतोष कुमार सिंह.

दलित किशोरी से अगस्त माह में हुआ था रेप
दरअसल, बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग दलित किशोरी के साथ अगस्त माह में एक युवक ने बंधक बनाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया था. पीड़ित परिवार ने तब आरोपी के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज कराया तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

बनाया जा रहा था फैसले का दवाब
मृतका के परिजनों का आरोप है कि रेप के मामले में फैसला करने के लिए आरोपी युवक के परिजन बार-बार दबाव बना रहे थे. बता दें कि पीड़ित परिवार फैसले को तैयार नहीं था. जानकारी के मुताबिक रेप के आरोप में जेल में निरुद्ध युवक के चाचा संजय और चाची काजल पीड़िता के गांव में ही रहते हैं.

तहरीर में परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता के परिजनों की तरफ से जो तहरीर दी गई है, उसमें बताया गया है कि सुबह पीड़िता कूड़ा डालने घर से बाहर गई थी. रेप के आरोपी के चाचा और चाची ने उसे पकड़ कर फैसला न करने पर उसकी जमकर पिटाई की. परिजनों का आरोप है कि जैसे-तैसे पीड़िता जान बचाकर अपने घर पहुंची तो रेप के आरोप में जेल में बंद युवक के चाचा और चाची ने पीड़िता पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला डाला.

रेप पीड़िता ने मरने से पहले दिया बयान
गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता ने मरने से पहले बयान भी दिया है. उसने बताया कि आरोपी के चाचा संजय और चाची काजल ने उसे थप्पड़ मारे थे और धमकी भी दी थी. पीड़िता ने बयान में ये भी कहा कि उसने खुद को अपने घर में बंद कर लिया और केरोसिन छिड़क लिया था.

वहीं गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. बताया जा रहा है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी थी. जिला अस्पताल में इलाज के बाद पीड़िता को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां उसने देर शाम अंतिम सांस ली.

पुलिस की कार्यशैली से एसएसपी नाखुश
मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाखुश एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने सीओ अनूपशहर को हटाकर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया है. साथ ही जहांगीराबाद कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया है. यही नहीं बीट दारोगा और बीट आरक्षी को भी सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी ने बताया कि युवती के साथ रेप की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को पुलिस ने पकड़ कर 15 अगस्त को ही जेल भेज दिया था. तभी से आरोपी जेल में है.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि युवती के परिजनों ने पुलिस को बताया कि आरोपी के चाचा और चाची कल युवती के घर आए थे और उन्होंने समझौता करने को लेकर युवती और परिजनों पर दबाव बनाया था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बुलंदशहर: जहांगीराबाद थाना क्षेत्र की रेप पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किशोरी ने अंतिम सांस ली. पीड़िता के द्वारा आखिरी समय में दिये गये बयान की वीडियो क्लिप भी सामने आई है. पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

जानकारी देते एसएसपी संतोष कुमार सिंह.

दलित किशोरी से अगस्त माह में हुआ था रेप
दरअसल, बुलंदशहर जिले के जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग दलित किशोरी के साथ अगस्त माह में एक युवक ने बंधक बनाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया था. पीड़ित परिवार ने तब आरोपी के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज कराया तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

बनाया जा रहा था फैसले का दवाब
मृतका के परिजनों का आरोप है कि रेप के मामले में फैसला करने के लिए आरोपी युवक के परिजन बार-बार दबाव बना रहे थे. बता दें कि पीड़ित परिवार फैसले को तैयार नहीं था. जानकारी के मुताबिक रेप के आरोप में जेल में निरुद्ध युवक के चाचा संजय और चाची काजल पीड़िता के गांव में ही रहते हैं.

तहरीर में परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता के परिजनों की तरफ से जो तहरीर दी गई है, उसमें बताया गया है कि सुबह पीड़िता कूड़ा डालने घर से बाहर गई थी. रेप के आरोपी के चाचा और चाची ने उसे पकड़ कर फैसला न करने पर उसकी जमकर पिटाई की. परिजनों का आरोप है कि जैसे-तैसे पीड़िता जान बचाकर अपने घर पहुंची तो रेप के आरोप में जेल में बंद युवक के चाचा और चाची ने पीड़िता पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला डाला.

रेप पीड़िता ने मरने से पहले दिया बयान
गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता ने मरने से पहले बयान भी दिया है. उसने बताया कि आरोपी के चाचा संजय और चाची काजल ने उसे थप्पड़ मारे थे और धमकी भी दी थी. पीड़िता ने बयान में ये भी कहा कि उसने खुद को अपने घर में बंद कर लिया और केरोसिन छिड़क लिया था.

वहीं गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. बताया जा रहा है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी थी. जिला अस्पताल में इलाज के बाद पीड़िता को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां उसने देर शाम अंतिम सांस ली.

पुलिस की कार्यशैली से एसएसपी नाखुश
मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाखुश एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने सीओ अनूपशहर को हटाकर पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया है. साथ ही जहांगीराबाद कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया है. यही नहीं बीट दारोगा और बीट आरक्षी को भी सस्पेंड कर दिया है. एसएसपी ने बताया कि युवती के साथ रेप की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को पुलिस ने पकड़ कर 15 अगस्त को ही जेल भेज दिया था. तभी से आरोपी जेल में है.

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि युवती के परिजनों ने पुलिस को बताया कि आरोपी के चाचा और चाची कल युवती के घर आए थे और उन्होंने समझौता करने को लेकर युवती और परिजनों पर दबाव बनाया था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Last Updated : Nov 17, 2020, 10:26 PM IST
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