बुलंदशहरः उम्र के हिसाब से हमारे शरीर को अलग-अलग पौष्टिक तत्वों की जरूरत होती है. इसके लिए जरूरी है कि हम अपने रोजाना के खानपान में पर्याप्त न्यूट्रीशन और कैलोरी लें. खासतौर पर महिलाओं व बच्चों को पोषक तत्वों की विशेष जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि उनको शरीर के अधिक बदलाव से गुजरना पड़ता है. बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था से लेकर अधेड़ और वृद्धावस्था तक महिलाओं को दैनिक भोजन में कुछ पोषक तत्व की बहुत जरूरत होती है. आइए जानते हैं कि बुलंदशहर के डॉक्टर क्या कहते हैं...
13 से 18 के बीच एनर्जी की जरूरत
जब बच्चे बाल्यावस्था से किशोरावस्था की उम्र में प्रवेश करते हैं तो वह बायोलॉजिकल चेंज तो होते ही हैं साथ ही सोशियो व इमोशनल डेवलपमेंट से भी होकर गुजरते हैं. उस समय हार्मोनल चेंज 1 सीरीज में होता है. इस समय उन्हें सही न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता है. इनमें कम वजन और माइक्रो यूपीएस न्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है. इनको प्रोटीन के साथ में अपने खानपान में मछली, अंडे, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही व पनीर और दालों का नियमित प्रयोग करना चाहिए. कैल्शियम के लिए दूध, पनीर और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स गोभी, भिंडी आदि तथा आयरन के लिए चिकन, अंडे, मछली, पालक और ब्रेक लारी का नियमित सेवन करें. विटामिन ए के लिए अंडे संतरे और पीली सब्जियां और फलों को नियमित खाएं.
18 से 29 में कैल्शियम, आयरन, फोलेट
इस उम्र में डाइट में ज्यादा कैल्शियम, फोलेट और आयरन को शामिल करना चाहिए. कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही जोड़ों से जुड़ी बीमारियों से भी बचाता है. फोलेट डीएनए को रिपेयर करने में मदद करता है. जो प्रेगनेंसी होने पर बच्चे के लिए बेहद जरूरी होती है. आयरन की पर्याप्त मात्रा शरीर में हो तो इससे मेटा वॉल्यूम को सपोर्ट मिलता है. टिशू रिपेयर करने में मदद मिलती है. इन तत्वों को आहार का हिस्सा बनाने के लिए दूध ,दही ,चीज, सोया, दाल, ब्लैक बींस, बींस, मूंगफली, पालक का नियमित सेवन करना चाहिए.
30 से 29 साल में मैग्नीशियम
इस उम्र वर्ग में मसल लेस होने लगती हैं, जो मैटर वॉल्यूम को धीमा कर देता है. अगर व्यक्ति युवावस्था की तरह पर्याप्त कैलोरी लेता रहे तो शरीर स्वस्थ रहेगा और वजन बढ़ने लगेगा. मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा इस आयु वर्ग के लोगों को ब्लड प्रेशर और शुगर को संतुलित करने के साथ शरीर को मजबूती देती है. मैग्नीशियम के लिए बादाम, पालक, काजू और दही का सेवन करना चाहिए.
40 से 49 वर्ष में एंटीऑक्सीडेंट फूड
विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट खाद पदार्थों को इस आयु वर्ग के लोग आहार का हिस्सा बनाएं. यह शरीर से फ्री रेडिकल को दूर करने में मदद करते हैं. जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद देते हैं. इन विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट खाद्य पदार्थों के लिए हरी व लाल मिर्च, खट्टे फल, ब्रोकली, स्प्राउट्स, पीनट बटर, टमाटर, सूरजमुखी के बीज, सनफ्लावर ऑयल, बादाम, गाजर, स्वीट पोटैटो, हरी सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए.
50 से 59 वर्ष के लिए आहार
वृद्धावस्था में कैल्शियम व विटामिन डी जरूर लें. कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में लेते रहने के साथ ही विटामिन डी का आहार भी जरूरी है. कैल्शियम को हड्डियां ग्रहण कर सकें. विटामिन B12 रेड ब्लड सेल्स नाम और डीएनए को बनाने पर रिपेयर करने में मदद करता है. इसके लिए चिकन, मछली, लो फैट मिल्क, दही, चीज आदि को आहार का हिस्सा अवश्य बनाएं.
वृद्धावस्था में क्या खाएं
60 या इससे अधिक आयु वर्ग में संयमित खानपान की जरूरत होती है. हालांकि जरूरी पोषक तत्वों को नियमित रूप से लेते रहना जरूरी होता है. इस समय प्रोटीन युक्त आहार ड्राई फ्रूट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध, अंडे खाएं. यह भी ध्यान रखें कि एक ही बार पेट भर कर खाना न खाएं थोड़े-थोड़े अंतराल में कुछ ना कुछ जरूर खाते रहें.