बुलंदशहरः दो अक्टूबर को आंगनवाड़ी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में लंबित मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आंगनबाड़ी अधिकार यात्रा की संयोजक सावित्री चौधरी के नेतृत्व में सभा का आयोजन किया. इस मौके पर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया. मांग की गई कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी की तरह दर्जा मिले. इसके बाद अधिकार यात्रा गौतमबुद्ध नगर को रवाना हो गई. यह यात्रा चार अक्टूबर को लखनऊ पहुंचेंगी.
सावित्री चौधरी ने मांग की है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वे भी सम्मानित जीवन जी सकें. उन्होंने मांग उठाई कि जो दो बार प्रोत्साहन राशि दी गई है. वह हमेशा मानदेय के रूप में दी जाए. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 25 हजार रुपए का मानदेय दिया जाए.
मांग उठाई गई कि प्री प्राइमरी शिक्षा नीति लागू होने पर प्राथमिक शिक्षकों के बराबर वेतनमान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिया जाए. आईसीडीएस विभाग में बाहरी व्यक्तियों संस्थाओं का हस्तक्षेप बंद किया जाए. सेवानिवृत्ति पर दस लाख रुपये रिटायरमेंट के रूप में दिए जाएं. परिवार के भरण-पोषण के लिए पेंशन की व्यवस्था भी हो. जिन योजनाओं का लाभ आंगनबाड़ी कार्यकत्री समाज के निचले तबके को पहुंचातीं हैं. उन योजनाओं का लाभ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी मिले. उन्होंने मांग उठाई कि तीन साल पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का दो से तीन महीने का मानदेय काट लिया गया था, उसका तत्काल भुगतान कराया जाए. इसके अलावा भी कई मांगें रखीं गईं.
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को न तो सरकारी कर्मचारी की तरह अधिकार मिले हैं और न ही न्यूनतम वेतन व सुविधाएं. ऐसे में अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अपने हितों के संरक्षण के लिए आवाज बुलंद करनी होगी. इसी के तहत यह अधिकार यात्रा निकाली जा रही है. कार्यक्रम में कमलेश कौर, अंजू शर्मा, मंजू रानी, कुसुम गौतम, नीलम शर्मा, सविता शर्मा, शशि शर्मा, बबीता शर्मा, संगीता चौधरी, अंजू , अनीता चौहान, सीमा, अनीता, कमलेश, ममता, रानी, अलका त्यागी आदि मौजूद थीं.