बुलंदशहर: मुंबई के ताज होटल में 26/11 को हुए आतंकी हमले में अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले और शौर्य चक्र से सम्मानित प्रवीण तेवतिया ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अपने मेडल्स को बेचना शुरू कर दिया है. अब तक दो मेडल बिक्री करके उनसे जुटाई गई दो लाख रुपये की राशि वह पीएम केयर फंड में दे चुके हैं. सभी मेडल्स की अलग-अलग कीमत उन्होंने तय की है.
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार के द्वारा लॉकडाउन किया गया है और ऐसे में लोग अपने घरों में रह रहे हैं. वहीं मुंबई के ताज होटल में 26/11 को हुए आतंकी हमले में कई गोलियां खाने के बाद भी दुश्मन के छक्के छुड़ाने में आगे रहे मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने डिसेबल कैटेगरी में होने के कारण नेवी से रिटायरमेंट के बाद काफी ख्याति प्राप्त की है.
एक टीवी शो में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठकर भी उन्होंने जहां काफी रकम जीती थी, वहीं दुनिया के सबसे अधिक कठिनतम इवेंट्स में शुमार आयरनमैन व खरदुंगला का खिताब भी अपने नाम किया. प्रवीण ने साउथ अफ्रीका, अमेरिका व मलेशिया में जहां आयरनमैन का खिताब अपने नाम किया हुआ है. वहीं खारदुंगला जैसी प्रतियोगिता में भी अपना परचम लहरा चुके हैं.
प्रवीण तेवतिया ने करीब 36 से भी अधिक बड़े इवेंट्स में मेडल्स जीते हैं और अब कोरोना माहमारी से बचाव के लिए अपने इन सभी मेडल्स की ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं. अब तक दो मैराथन के मेडल बिक चुके हैं, जिनमें एक मेडल बेंगलूरु के जयराम रेड्डी और दूसरा वहीं की विनीता रेड्डी ने एक-एक लाख रुपये में खरीदे हैं. अभी बिक्री के लिए 30 से अधिक मेडल वेबसाइट पर उन्होंने डाले हुए हैं. आयरनमैन मेडल का दाम उन्होंने सबसे अधिक रखा है.
ईटीवी भारत से प्रवीण तेवतिया ने बताया कि जो दो लाख रुपये अभी तक उन्हें प्राप्त हुए है, उन्हें पहले ही उन्होंने दिल्ली प्रदेश की भाजपा उपाध्यक्ष योगिता सिंह को पीएम केयर फंड के लिए अपनी तरफ से दान दे दिया है. वहीं उन्होंने बाकी मेडल की बिक्री के बाद भी सारा पैसा दान करने की ठान ली है.
एथलीट प्रवीण तेवतिया ने बताया कि वह खुद भी अपने गांव भटौना में इन दिनों रुके हुए हैं. आमतौर पर प्रवीण देश के बाहर या फिर देश के किसी न किसी कोने में प्रतियोगिताओं में नजर आते हैं. मुंबई के ताज होटल पर 26/11 में हुए आतंकी हमले में दुश्मन को पीछे हटने को मजबूर करने वाले मरीन कमांडो प्रवीण को कई गोलियां लगी थी. उनके फेफड़ों में भी गोलियां लगी थीं, जिसकी वजह से नेवी ने बाद में उन्हें डिसेबल मानते हुए रिटायरमेंट दे दिया था.
तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था, लेकिन इस वीर ने हार नहीं मानी और अब तक यही वजह है कि 25 से अधिक हाफ मैराथन, 15 फुल मैराथन और तीन आयरन मैन का खिताब जीतकर उन्होंने अपना परचम लहराया है.