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प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनजीटी किसानों को मुहैया करा रही विशेष उपकरण

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Published : Nov 24, 2019, 1:20 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पराली जलाने से बढ़ रहे प्रदूषण से निपटारा के लिए एनजीटी ने पांच तरह के उपकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र भेजे हैं. इसे किसानों को मुहैया कराया जा रहा है.

पराली जलाने पर प्रशासन सख्त

बुलंदशहर: दिल्ली एनसीआर समेत जिले की आबोहवा भी पूरी तरह दूषित हो चुकी है. एनजीटी की तरफ से बढ़ते प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए जिले में पांच तरह के उपकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र में भेजे गए हैं. यह उपकरण किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं और उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

पराली जलाने पर प्रशासन सख्त.

पराली जलाने से हवा हो रही दूषित
पिछले कई सालों से लगातार देखा जा रहा है कि दीपावली के आसपास मौसम में जब सर्दी के चलते बदलाव होना शुरू होता है तो सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पटाखों के बारूदी धुएं से लोगों को तकलीफ होती है. यह वह समय होता है, जब खेतों में किसान धान की फसल काटने के बाद पराली भी जलाते देखे जा सकते हैं. इसके बाद मौसम में परिवर्तन होता है और हवा भी दूषित हो जाती है.

एनजीटी कर रहा मॉनिटरिंग
देश की राजधानी समेत एनसीआर क्षेत्र और बुलंदशहर में भी हवाओं के दूषित होने से इसका असर पेड़-पौधों से लेकर जीव-जंतुओं तक भी पड़ रहा है. वहीं समय-समय पर एनजीटी की तरफ से हो रही मॉनिटरिंग के बाद जुर्माना भी लगाया जाता है.

प्रशासन ने मशीनों का किया इंतजाम
हाल ही में एनजीटी की तरफ से बुलंदशहर में भी सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र को पांच ऐसे कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं जो न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद हैं बल्कि इसके जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह इन मशीनों का इस्तेमाल करें. इस तरह उन्हें पराली भी नहीं जलानी पड़ेगी और उनके खेत की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर: पैसे लेते होमगार्ड कमांडेंट का वीडियो वायरल, डीएम ने जांच के लिए गठित की टीम

सभी यंत्र किसानों के लिए उपलब्ध हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह खेतों में पराली या फिर गन्ने की पत्ती को आग न लगाएं. यह मशीनें खासी महत्वपूर्ण हैं और इनके उपयोग के बाद न सिर्फ खेत की जुताई शानदार तरीके से हो जाती हैं बल्कि जो पराली न जलाने से वातावरण भी शुद्ध रहेगा.
-शिव सिंह, इंचार्ज, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र

बुलंदशहर: दिल्ली एनसीआर समेत जिले की आबोहवा भी पूरी तरह दूषित हो चुकी है. एनजीटी की तरफ से बढ़ते प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए जिले में पांच तरह के उपकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र में भेजे गए हैं. यह उपकरण किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं और उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

पराली जलाने पर प्रशासन सख्त.

पराली जलाने से हवा हो रही दूषित
पिछले कई सालों से लगातार देखा जा रहा है कि दीपावली के आसपास मौसम में जब सर्दी के चलते बदलाव होना शुरू होता है तो सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पटाखों के बारूदी धुएं से लोगों को तकलीफ होती है. यह वह समय होता है, जब खेतों में किसान धान की फसल काटने के बाद पराली भी जलाते देखे जा सकते हैं. इसके बाद मौसम में परिवर्तन होता है और हवा भी दूषित हो जाती है.

एनजीटी कर रहा मॉनिटरिंग
देश की राजधानी समेत एनसीआर क्षेत्र और बुलंदशहर में भी हवाओं के दूषित होने से इसका असर पेड़-पौधों से लेकर जीव-जंतुओं तक भी पड़ रहा है. वहीं समय-समय पर एनजीटी की तरफ से हो रही मॉनिटरिंग के बाद जुर्माना भी लगाया जाता है.

प्रशासन ने मशीनों का किया इंतजाम
हाल ही में एनजीटी की तरफ से बुलंदशहर में भी सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र को पांच ऐसे कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं जो न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद हैं बल्कि इसके जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह इन मशीनों का इस्तेमाल करें. इस तरह उन्हें पराली भी नहीं जलानी पड़ेगी और उनके खेत की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर: पैसे लेते होमगार्ड कमांडेंट का वीडियो वायरल, डीएम ने जांच के लिए गठित की टीम

सभी यंत्र किसानों के लिए उपलब्ध हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह खेतों में पराली या फिर गन्ने की पत्ती को आग न लगाएं. यह मशीनें खासी महत्वपूर्ण हैं और इनके उपयोग के बाद न सिर्फ खेत की जुताई शानदार तरीके से हो जाती हैं बल्कि जो पराली न जलाने से वातावरण भी शुद्ध रहेगा.
-शिव सिंह, इंचार्ज, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र

Intro:दीपावली के त्यौहार के बाद से जहां दिल्ली एनसीआर समेत बुलन्दशहर आबोहवा भी पूरी तरह से दूषित है, वहीं इसके लिए एनजीटी की तरफ से भी बढ़ते प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए बुलंदशहर में पांच तरह के उपकरण सरदार बल्लभ भाई पटेल अनुसंधान केंद्र में भेजे गए हैं ,ये उपकरण किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं और उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है ताकि किसान पराली न जलाएं व पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।किसानों को इन यंत्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है,देखिये इटीवी भारत की विशेष खबर।




Body:पिछले कई सालों से लगातार देखा जा रहा है कि दीपावली के आसपास मौसम में जब सर्दी के चलते बदलाव होना शुरू होता है, तो सभी को दिक्कतें उठानी पड़ती हैं, जहां एक तरफ पटाखों के बारूदी धुएं से लोगों को तकलीफ होती है ,तो वहीं यह वह समय है जब खेतों में किसान धान की फसल काटने के बाद पराली भी जलाते देखे जा सकते हैं ,क्योंकि मौसम में परिवर्तन होता है तो अब हवा कुछ ज्यादा दूषित हो जाती है ,लेकिन देश की राजधानी समेत एनसीआर क्षेत्र और बुलंदशहर में जिस तरह से इस महीने की शुरुआत से जून का ग्वार बना हुआ है उसने आम आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है हर कोई खासा परेशान है जिसका असर पेड़ पौधों से लेकर जीव-जंतुओं तक भी पड़ रहा है ।तो वहीं समय समय पर एनजीटी की तरफ से हो रही मोनिटरिंग के बाद जुर्माना भी लगाया जाता है,तो अब एनजीटी भी खासी भूमिका निभा रहा है धुंध के गुबार से बाहर निकालने को। हाल ही में एनजीटी की तरफ से बुलंदशहर में भी सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र को पांच ऐसे कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं ,जो कि ना सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद हैं बल्कि किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वह इन मशीनों का इस्तेमाल करें ,तो उन्हें पराली भी नहीं चलानी पड़ेगी और उनके खेत की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी इस बारे में बुलंदशहर के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र में बतौर इंचार्ज की भूमिका निभा रहे शिव सिंह ने बताया कि यह सभी यंत्र सभी किसानों के लिए उपलब्ध हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वह खेतों में पराली या फिर गन्ने की पत्ती को आग ना लगाएं साथ ही इन मशीनों के बारे में बताते हुए शिव सिंह ने बताया कि जानकारी दी कि यह मशीनें खासी महत्वपूर्ण है और इनके उपयोग के बाद ना सिर्फ खेत की जुताई शानदार तरीके से हो जाती हैं बल्कि जो पराली जलने के बाद वातावरण को शुद्ध कर रही है उसे जलाने की भी जरूरत नहीं पड़ती ।

बाइट.....शिव सिंह,इंचार्च,सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र,बुलन्दशहर।
पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर।
9213400888



Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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