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बाल संप्रेक्षण गृह में फूटा कोरोना बम, 22 बंदी संक्रमित

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Published : May 22, 2021, 2:02 PM IST

बुलंदशहर खुर्जा मार्ग स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में 22 किशोरों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य महकमें हड़कंप का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 75 बच्चों की कोरोना जांच कराई थी. जिसमें 22 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले.

बाल संप्रेक्षण गृह
बाल संप्रेक्षण गृह

बुलंदशहर: खुर्जा मार्ग स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में 22 किशोरों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिवि रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. सभी कोरोना पॉजिटिव बाल बंदियों की उम्र 18 वर्ष से कम है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है की क्या बाल बंदी ग्रह में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बाल बंदी गृह में पूरी तरह से एहतियात बरती जा रही है और कोरोना पॉजिटिव बच्चों को कोविड हॉस्पिटल में शिफ्ट भी कर इलाज शुरू करवा दिया गया है.

7 मई को बाल संप्रेक्षण गृह में सभी बाल बंदियों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया था. तब एक भी बंदी और स्टॉफ कोरोना संक्रमित नहीं निकला था. इस बीच कुछ बाल बंदियों की तबियत अचानक खराब होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बाल बंदी गृह पहुंची और सभी 75 बाल बंदियों की कोरोना जांच कराई. जिसमें 22 बंदी बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले. आनन फानन में कोरोना पॉजिटिव बाल बंदियों को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया.

हाल ही में बनाया गया आइसोलेशन वार्ड
बाल संप्रेक्षण गृह में 5 आवासीय शहरों में उन्हें रखा गया है. बाल संप्रेक्षण गृह में एक बड़ा हाल है जिसमें आइसोलेशन वार्ड और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. बताया गया है कि बाल संप्रेक्षण गृह में आने वाले नए किशोरों को 2 दिनों तक यहां रखा जाता है. उनकी हालत सही होने के बाद उन्हें आवासीय सेल में भेजा जाता है.

सहायक अधीक्षक की भी हुई मौत
बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक तेजवीर सिंह 2 माह पहले रिटायर हुए थे. बाल संप्रेक्षण गृह का प्रभार सहायक अधीक्षक को सौंपा गया था. सहायक अधीक्षक बीमार होने के चलते अवकाश पर चले गए थे. कोरोना की चपेट में आकर उनकी भी मौत हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- नहीं थम रहा राजकीय बाल शिशु गृह मथुरा में बच्चों की मौत का सिलसिला

बुलंदशहर: खुर्जा मार्ग स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में 22 किशोरों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इतनी बड़ी संख्या में पॉजिटिवि रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. सभी कोरोना पॉजिटिव बाल बंदियों की उम्र 18 वर्ष से कम है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है की क्या बाल बंदी ग्रह में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बाल बंदी गृह में पूरी तरह से एहतियात बरती जा रही है और कोरोना पॉजिटिव बच्चों को कोविड हॉस्पिटल में शिफ्ट भी कर इलाज शुरू करवा दिया गया है.

7 मई को बाल संप्रेक्षण गृह में सभी बाल बंदियों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया था. तब एक भी बंदी और स्टॉफ कोरोना संक्रमित नहीं निकला था. इस बीच कुछ बाल बंदियों की तबियत अचानक खराब होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बाल बंदी गृह पहुंची और सभी 75 बाल बंदियों की कोरोना जांच कराई. जिसमें 22 बंदी बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले. आनन फानन में कोरोना पॉजिटिव बाल बंदियों को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया.

हाल ही में बनाया गया आइसोलेशन वार्ड
बाल संप्रेक्षण गृह में 5 आवासीय शहरों में उन्हें रखा गया है. बाल संप्रेक्षण गृह में एक बड़ा हाल है जिसमें आइसोलेशन वार्ड और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. बताया गया है कि बाल संप्रेक्षण गृह में आने वाले नए किशोरों को 2 दिनों तक यहां रखा जाता है. उनकी हालत सही होने के बाद उन्हें आवासीय सेल में भेजा जाता है.

सहायक अधीक्षक की भी हुई मौत
बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक तेजवीर सिंह 2 माह पहले रिटायर हुए थे. बाल संप्रेक्षण गृह का प्रभार सहायक अधीक्षक को सौंपा गया था. सहायक अधीक्षक बीमार होने के चलते अवकाश पर चले गए थे. कोरोना की चपेट में आकर उनकी भी मौत हो चुकी है.

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