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बुलंदशहर: गैर जिम्मेदार ग्राम प्रधानों के विरुद्ध एक्शन, सरकारी योजनाओं में कर रहे हैं हेराफेरी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्वच्छ भारत अभियान के साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं पर ग्राम प्रधान पलीता लगा रहे हैं. सौ से अधिक गैर जिम्मेदार ग्राम प्रधानों की शिकायत भी जिले के अधिकारियों से की गई हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन अब सख्त हुआ है.

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स्वच्छ भारत अभियान का नहीं हो रहा सही से काम.
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Published : Jan 11, 2020, 2:16 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: सरकारी योजनाओं को जमीन पर ठीक से नहीं उतारना अब जिले के ग्राम प्रधानों को भारी पड़ रहा है. यही वजह है कि लगातार जिले में प्रशासन ऐसे गैर जिम्मेदार प्रधानों के खिलाफ एक्शन ले रहा है. जिन्होंने सिर्फ कागजी दस्तावेजों में ही योजनाओं का क्रियान्वयन किया है.

ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायत दर्ज.
ग्राम प्रधानों की लापरवाही पर जिला प्रशासन शख्तजिले में स्वच्छ भारत अभियान के साथ तमाम सरकारी योजनाएं यहां जमीन पर नहीं उतर पाईं हैं. ऐसे गैर जिम्मेदार ग्राम प्रधानों की शिकायतें भी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से खूब हुई हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन सख्त हुआ है. अब निलंबन की कार्रवाई समेत जुर्माने, धोखाधड़ी और घपले करने वाले ग्रामप्रधानों पर लगाए जा रहे हैं.

102 ग्राम प्रधानों के खिलाफ हुई है शिकायत
जिले में यहा पिछले 3 महीने में 102 ग्राम प्रधानों के खिलाफ शपथ पत्रों पर शिकायतें की गई हैं, जबकि 69 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच जिले के अलग-अलग विभाग के अधिकारियों के द्वारा की जा रही हैं. करीब 46 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच पूरी भी यहां हो चुकी हैं. इनके बारे में जिलाधिकारी कार्यालय में इनकी फाइल पहुंचा दी गयी है. 23 जांच लंबित हैं, जिन्हें जल्द पूरी करने की बातें भी यहां अधिकारी कर रहे हैं.

शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधानों की गड़बड़ी
अधिकांश शिकायत जिले में ग्राम प्रधानों की सामने आई हैं. उनमें शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के सर्वाधिक लापरवाही बरते जाने के आरोप है. तो वहीं टाइल्स कार्य में लंबाई और चौड़ाई जगह -जगह गलत दिखाई गई है. गौशालाओं में गोवंश की दुर्गति के आरोप भी लगातार ग्राम प्रधानों पर यहां लगे हैं. तो वहीं अन्य योजनाओं में भी लापरवाही ग्राम प्रधानों की सिद्ध हुई है, जिम्मेदार अधिकारी मानते हैं कि लापरवाही बरतने वाले और गड़बड़ घोटाला करने वाले प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- बुलंदशहर: निलंबित आईपीएस वैभव कृष्ण का अखिलेश सरकार में भी हुआ था निलंबन

सरकारी योजनाओं में घोटाले के आरोप प्रधानों पर बड़ी संख्या में लग रहे हैं. 69 ग्राम प्रधानों के कार्यों की जांच भी कराई जा रही है. 46 ग्राम प्रधानों की जांच पूर्ण हो चुकी है , जबकि 23 प्रधानों की जांच वर्तमान में अलग-अलग अधिकारियों के द्वारा की जा रही है.
-सुधीर कुमार रुंगटा, मुख्य विकास अधिकारी

बुलंदशहर: सरकारी योजनाओं को जमीन पर ठीक से नहीं उतारना अब जिले के ग्राम प्रधानों को भारी पड़ रहा है. यही वजह है कि लगातार जिले में प्रशासन ऐसे गैर जिम्मेदार प्रधानों के खिलाफ एक्शन ले रहा है. जिन्होंने सिर्फ कागजी दस्तावेजों में ही योजनाओं का क्रियान्वयन किया है.

ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायत दर्ज.
ग्राम प्रधानों की लापरवाही पर जिला प्रशासन शख्तजिले में स्वच्छ भारत अभियान के साथ तमाम सरकारी योजनाएं यहां जमीन पर नहीं उतर पाईं हैं. ऐसे गैर जिम्मेदार ग्राम प्रधानों की शिकायतें भी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से खूब हुई हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन सख्त हुआ है. अब निलंबन की कार्रवाई समेत जुर्माने, धोखाधड़ी और घपले करने वाले ग्रामप्रधानों पर लगाए जा रहे हैं.

102 ग्राम प्रधानों के खिलाफ हुई है शिकायत
जिले में यहा पिछले 3 महीने में 102 ग्राम प्रधानों के खिलाफ शपथ पत्रों पर शिकायतें की गई हैं, जबकि 69 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच जिले के अलग-अलग विभाग के अधिकारियों के द्वारा की जा रही हैं. करीब 46 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच पूरी भी यहां हो चुकी हैं. इनके बारे में जिलाधिकारी कार्यालय में इनकी फाइल पहुंचा दी गयी है. 23 जांच लंबित हैं, जिन्हें जल्द पूरी करने की बातें भी यहां अधिकारी कर रहे हैं.

शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधानों की गड़बड़ी
अधिकांश शिकायत जिले में ग्राम प्रधानों की सामने आई हैं. उनमें शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के सर्वाधिक लापरवाही बरते जाने के आरोप है. तो वहीं टाइल्स कार्य में लंबाई और चौड़ाई जगह -जगह गलत दिखाई गई है. गौशालाओं में गोवंश की दुर्गति के आरोप भी लगातार ग्राम प्रधानों पर यहां लगे हैं. तो वहीं अन्य योजनाओं में भी लापरवाही ग्राम प्रधानों की सिद्ध हुई है, जिम्मेदार अधिकारी मानते हैं कि लापरवाही बरतने वाले और गड़बड़ घोटाला करने वाले प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- बुलंदशहर: निलंबित आईपीएस वैभव कृष्ण का अखिलेश सरकार में भी हुआ था निलंबन

सरकारी योजनाओं में घोटाले के आरोप प्रधानों पर बड़ी संख्या में लग रहे हैं. 69 ग्राम प्रधानों के कार्यों की जांच भी कराई जा रही है. 46 ग्राम प्रधानों की जांच पूर्ण हो चुकी है , जबकि 23 प्रधानों की जांच वर्तमान में अलग-अलग अधिकारियों के द्वारा की जा रही है.
-सुधीर कुमार रुंगटा, मुख्य विकास अधिकारी

Intro:updated...... सरकारी योजनाओं को जमीन पर ठीक से नहीं उतारना अब जिले के ग्राम प्रधानों को भारी पड़ रहा है ,यही वजह है कि लगातार बुलंदशहर में प्रशासन ऐसे गैर जिम्मेदार प्रधानों के खिलाफ एक्शन ले रहा है जिन्होंने सिर्फ कागजी दस्तावेजों में ही योजनाओं का क्रियान्वयन किया है ,पेश है ईटीवी भारत की ये विशेष खबर। *special....*


Body:बुलंदशहर जिले में स्वच्छ भारत अभियान का खूब जमकर मखौल उड़ाया गया है ,इतना ही नहीं और भी तमाम सरकारी योजनाएं यहां जमीन पर नहीं उतर पाईं हैं।ऐसे गैर जिम्मेदार ग्राम प्रधानों की शिकायतें भी जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से खूब हुई हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन सख्त हुआ है,अब निलंबन की कार्रवाई समेत जुर्माने भी यहा धोखाधड़ी औऱ घपले करने वाले ग्रामप्रधानों पर लगाए जा रहे हैं। 69 ग्रामप्रधानों की जांच के दिए गए आदेश , पिछले तीन माह में 100 से अधिक ग्राम प्रधानों की शिकायत अफसरों से की गयी। जांच प्रक्रिया से गुजर रहे ग्राम प्रधानों का आंकड़ा 69 पर पहुंच गया है, अब ऐसे ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा है बुलंदशहर जिले में स्वच्छ भारत अभियान हो चाहे सरकार की अन्य योजनाएं ,सभी को यहां पलीता लगाया गया है। अगर बुलंदशहर जिले की बात की जाए तो यहां पिछले 3 महीने में 102 ग्राम प्रधानों के खिलाफ शपथ पत्रों पर शिकायतें की गई है ,जबकि 69 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच जिले के अलग अलग विभाग के अधिकारियों के द्वारा की जा रही हैं,इतना ही नहीं करीब 46 ग्राम प्रधानों के खिलाफ जांच पूरी भी यहां हो चुकी हैं,जिनके बारे में जिलाधिकारी कार्यालय में इनकी फाइलें पहुंचा दी गयी हैं। 23 जांच लंबित हैं जिन्हें जल्द पूरी करने की बातें भी यहां जिम्मेदार अधिकारी कर रहे हैं ,अधिकांश जो शिकायतें बुलंदशहर में ग्राम प्रधानों की सामने आई हैं उनमें शौचालय निर्माण में गड़बड़ी के सर्वाधिक लापरवाही बरते जाने के आरोप हैं, तो वहीं टाइल्स कार्य में लंबाई और चौड़ाई जगह जगह गलत दिखाई गई है,गौशालाओं में गोवंश की दुर्गति के आरोप भी लगातार ग्राम प्रधानों पर यहां लगे हैं, तो वहीं अन्य योजनाओं में भी लापरवाही ग्राम प्रधानों की सिद्ध हुई है , इस बारे में जिम्मेदार अधिकारी मानते हैं कि लापरवाही बरतने वाले और गड़बड़ घोटाला करने वाले प्रधानों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है और वही रिकवरी भी ग्राम प्रधानों से सरकारी धन की बंदरबांट करने के आरोप सिद्ध होने के बाद की जाएगी। ऐसे में जब अब पूरा 1 साल भी ग्राम पंचायत के चुनावों में शेष नहीं बचा है, तो प्रधानों की टेंशन भी बढ़ी हुई हैं, क्योंकि उन पर लग रहे घपले घोटालों के आरोप की वजह से उनकी छवि भी धूमिल हो रही है ,जिससे ऐसे ग्राम प्रधानों को झटका लगना लाजमी है जो कहीं ना कहीं घोटाले की जांच में फंसे हुए हैं। मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार रुंगटा का कहना है कि सरकारी योजनाओं में घोटाले के आरोप प्रधानों पर बड़ी संख्या में लग रहे हैं,69 ग्राम प्रधानों के कार्यों की जांच भी कराई जा रही है,46 ग्राम प्रधानों की जांच पूर्ण हो चुकी है,जबकि 23 प्रधानों की। जांच वर्तमान में अलग अलग अधिकारियों के द्वारा की जा रही है,जुर्माना भी दोषी पाए गए प्रधानों पर लगा है,निलंबन की कार्रवाई भी की जा रही है,रिकवरी भी आरोपियों से की जाएगी। बाइट...हरदेई,ग्रामीण महिला,(पानी भरते हुए ) मुन्नी(शौचालय अपूर्ण होने की जानकारी देते हुए) ग्रामीण महिला, बाइट....सुधीर कुमार रुंगटा,मुख्य विकास अधिकारी,बुलन्दशहर पीटीसी.... श्रीपाल तेवतिया,


Conclusion:श्रीपाल तेवतिया, बुलन्दशहर, 9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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