बिजनौर : पहाड़ो और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण प्रदेश भर में नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. जिसके कारण स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. इसी क्रम में बिजनौर जिले की सीमा से होकर गुजरने वाली गंगा नदी भी उफान पर है. गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण तटीय व निचले इलाकों में कटान जारी है.
गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं हैं. इसके अलावा सड़के टूटने से कई गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है. ऐसे में स्थानीय लोगों में दहशत का महौल बना हुआ है. साथ ही लोगों को जानवरों को बांधने और उनके चारे का प्रबंध करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होती है. जानवरों का चारा लाने के लिए लोग नाव के सहारे 40 फुट गहरे पानी से गुजरकर जाते हैं. गंगा के तटीय इलाके में बसे फतेहपुर सभा चंद गांव के लोग सहमे हुए हैं. इस गांव में लगभग 2,000 की आबादी है. बाढ़ के प्रकोप की मार झेल रहे इस गांव के लोगों को सरकार से मदद की दरकार है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से उनका जीना मुश्किल हो गया है. गांव व आस-पास के क्षेत्र में किसानों की सैंकड़ों बीघा गन्ने और धान की फसल चौपट हो गई है. नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गांव के आस-पास कटान जारी है. फतेहपुर सभा चंद गांव में बना प्राइमरी स्कूल भी अब बाढ़ की जद में गया है. यदि जलस्तर और बढ़ता है तो कभी भी प्राथमिक विद्यालय क्षतिग्रस्त हो सकता है.
लोगों का कहना है कि मिट्टी का कटान रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से अवरोध बनाए गए हैं, लेकिन वह नाकाम साबित हो रहे हैं. गांव को जोड़ने वाली पक्की सड़क पानी के तेज बहाव से टूट गई है. सरकारी स्कूल की बाउंड्रीवॉल भी पानी के बहाव से टूट गई है. हालांकि बाढ़ के प्रभाव को देखते हुए प्राथमिक स्कूल में शिक्षण कार्य बंद कर दिया गया है.
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