बिजनौर: कोरोना वायरस से दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया. इस लॉकडाउन का असर अब पूरे देश मे देखने को मिल रहा है. यह लॉकडाउन उन मजदूरों के लिए भारी पड़ रहा है, जो निजी कारखानों में काम करते हैं. निजी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर कारखाने बन्द होने के बाद अपने घरों को लौट रहे हैं. इसके लिए वह जगलों से होकर गुजर रही रेल की पटरियों के किनार-किनारे अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हैं.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लॉकडाउन कर दिया गया है. वहीं इस लॉकडाउन को लेकर अपने घरों और जिलों से बाहर काम कर रहे श्रमिकों के लिए उनका घर लौटना उनकी मजबूरी बन गई है. काम और रुपये न मिलने के कारण यह मजदूर अब अपने घरों की तरफ रुख कर रहे हैं.
बिजनौर जनपद से सटे उत्तराखंड के ऋषिकेश में काम करने वाले मजदूर मजदूरी न मिलने के कारण अपने घर मुरादाबाद और बरेली की तरफ रेलवे ट्रैक के किनारे पैदल चलकर जा रहे हैं. भले ही योगी सरकार के आदेश पर इन श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई हो, लेकिन लगातार बढ़ रही इस संख्या को लेकर किसी भी तरह की गाड़ी न मिलने पर यह श्रमिक रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे अपने घरों के लिए बढ़ रहे हैं.
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