बिजनौरः जंगल में गुलदार की दस्तक से खौफजदा ग्रामीणों ने एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार गुलदार को पिंजरे में कैद कर लिया. हालांकि कुछ दिन पहले किसानों ने एक साथ तीन गुलदार को जंगल में टहलते हुए देखा था. दो गुलदार तो पिंजरे में कैद हो गए, लेकिन अभी भी एक गुलदार बाहर घूमता देखा जा रहा है. जिसको लेकर अभी भी किसान समूह बनाकर खेतों में काम करने जा रहे हैं. हालांकि गुलदार से अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि वन विभाग के रवैये से क्षेत्र में कभी भी कोई भी घटना हो सकती है.
दरअसल, बिजनौर जिले मेंसो जाते हैं. जंगल में लगातार गुलदार के बढ़ते कुनबे से एक और जहां किसान परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर बिजनौर के अलग-अलग इलाकों में गुलदार ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. बीते दिनों थाना कोतवाली शहर के हादरपुर गांव में तीन गुलदार जंगल में घूमते हुए दिखाई दिए थे. इसके बाद किसानों ने एकजुटता दिखाते हुए दो गुलदार को पिंजरे में कैद कर लिया, लेकिन एक गुलदार अभी भी जंगल में घूमता हुआ आसानी से देखा जा सकता है.
हालांकि इस बीच ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण गुलदार के खौफ से निजात नहीं मिल पा रही. गांव के लोगों का कहना है कि यदि वन विभाग गुलदार के पकड़ने का अभियान चलाएं तो बिजनौर जनपद में इस तरह से कोई भी इंसान गुलदार के हमले से ना मरे. फिलहाल हादरपुर के जंगलों में किसानों ने सप्ताह भर में दूसरे गुलदार को भी पकड़ लिया है.
वन विभाग ने जंगल में पिंजरा लगाकर गुलदार को कैद कर लिया है. पिंजरे में कैद गुलदार का वन विभाग ने रेस्क्यू कर लिया है. गुलदार को अमानगढ़ टाइगर रिजर्व रेंज के जंगलों में छोड़ा जाएगा. पिंजरे में कैद गुलदार को देखने वालो का तांता लग गया. वन रेंजर का कहना है कि किसानों ने बताया कि जंगल में दो-तीन गुलदार देखे जा रहे हैं, जिसके तहत पिंजरा लगाकर एक गुलदार को पिंजरे में कैद करके सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जाएगा. साथ ही किसानों को सलाह दी कि गुलदार से बचने के लिए खेतों पर काम करने के दौरान झुंड बनाकर काम करें, ताकि गुलदार के हमले से आसानी से बचा जा सके.
पढ़ेंः Bijnor में गुलदार के हमले से महिला की मौत, बच्ची घायल