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बिजनौर में गंगा उफान पर, अप्रोच रोड धंसी, बुजुर्ग 100 घंटे के अनशन पर

बिजनौर में गंगा उफान पर हैं. नवनिर्मित राज्य सेतु निगम की अप्रोच रोड धंसने से मेरठ, हस्तिनापुर और बिजनौर का आवागमन बंद हो गया है. इसे लेकर एक बुजुर्ग 100 घंटे के अनशन पर बैठ गए हैं.

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गंगा नदी के तेज बहाव में नवनिर्मित राज्य सेतु निगम की अप्रोच रोड धंसने पर आवागमन बाधित
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Published : Aug 6, 2022, 9:00 PM IST

बिजनौरः पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश के बाद गंगा उफान पर है. इससे करोडों रुपए की लागत से बने नवनिर्मित राज्य सेतु निगम की अप्रोच रोड धंस गई है. इसके कारण मेरठ, हस्तिनापुर और बिजनौर से जोड़ने वाला पुल का आवागमन बाधित हो गया. इस लेकर एक बुज़ुर्ग कालू टिकैत अपनी मांगों को लेकर 100 घंटे के लिए पुल के पास आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

बता दें कि मेरठ, हस्तिनापुर और बिजनौर से जोड़ने वाला पुल वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के द्वारा तैयार किया गया था जो 30 जुलाई को गंगा नदी में के तेज बहाव के कारण पुल की अप्रोच रोड धंसने से आवागमन बन्द कर दिया गया. मामले में इलाके के लोगों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पुल निर्माण के दौरान घटिया सामग्री लगाई थी. ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए. ऐसे अधिकारियों की वजह से आसपास के लगभग 50 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.

यह भी पढ़ें-आगरा में हाईस्कूल के छात्र पर चाकू से हमला, हालत गंभीर

स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा के तेज़ बहाव में 50 मीटर अप्रोच रोड गंगा में ही बह गई है. यहां आसपास के किसानो की गन्ना फसले पानी में डूब चुकीं हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के पास एक बांध बनना चाहिए.

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बिजनौरः पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश के बाद गंगा उफान पर है. इससे करोडों रुपए की लागत से बने नवनिर्मित राज्य सेतु निगम की अप्रोच रोड धंस गई है. इसके कारण मेरठ, हस्तिनापुर और बिजनौर से जोड़ने वाला पुल का आवागमन बाधित हो गया. इस लेकर एक बुज़ुर्ग कालू टिकैत अपनी मांगों को लेकर 100 घंटे के लिए पुल के पास आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

बता दें कि मेरठ, हस्तिनापुर और बिजनौर से जोड़ने वाला पुल वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के द्वारा तैयार किया गया था जो 30 जुलाई को गंगा नदी में के तेज बहाव के कारण पुल की अप्रोच रोड धंसने से आवागमन बन्द कर दिया गया. मामले में इलाके के लोगों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पुल निर्माण के दौरान घटिया सामग्री लगाई थी. ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए. ऐसे अधिकारियों की वजह से आसपास के लगभग 50 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा के तेज़ बहाव में 50 मीटर अप्रोच रोड गंगा में ही बह गई है. यहां आसपास के किसानो की गन्ना फसले पानी में डूब चुकीं हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के पास एक बांध बनना चाहिए.

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