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अलर्ट: हरिद्वार से छोड़ा गया 4 लाख क्यूसेक पानी, गंगा किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा - बाढ़ का खतरा

पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के बाद शनिवार सुबह हरिद्वार से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से गंगा उफान पर आ गई है. बिजनौर गंगा बैराज (Bijnor Ganga Barrage) पर दोपहर बाद तक गंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है. जिससे गंगा किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सभी इलाकों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है.

बाढ़ का खतरा
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Published : Jun 19, 2021, 1:10 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 2:25 PM IST

बिजनौर: पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. हरिद्वार से शुक्रवार देर रात लगभग 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं 3 लाख क्यूसेक (cusec) और पानी छोड़े जाने की बात प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कही जा रही है. वहीं देर रात एक लाख क्यूसेक जो पानी छोड़ा गया था, उसमें गंगा के किनारे खेती करने वाले 5 मजदूर भी फंस गए थे. शनिवार सुबह रेस्क्यू करके इन सभी मजदूरों को सकुशल बचा लिया गया.

पहाड़ों पर बरसात का पानी भर जाने के कारण हरिद्वार से बीती रात 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं पहाड़ों से लगातार आ रहे पानी को देखते हुए लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी और हरिद्वार से छोड़ा गया है. बिजनौर बैराज पर पहले की बात करें तो करीब 30 से 35 हजार क्यूसेक पानी प्रतिदिन चल रहा था, लेकिन अचानक से पहाड़ों पर हो रही बारिश से बरसात के पानी के बढ़ जाने के कारण अब तक लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है. इस पानी के छोड़े जाने से बिजनौर गंगा बैराज पर लगभग 1 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी इस समय चल रहा है.

गंगा किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा

बढ़ते पानी को देखते हुए डीएम उमेश मिश्रा ने बताया कि गंगा में लगभग अब तक कुल 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसमें कि 3 लाख क्यूसेक पानी का असर दोपहर के बाद दिखने की उम्मीद है. सभी तहसील के एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के आला अधिकारी सहित लोगों को गांव के किनारे से हटाने की मुहिम में जुटे हुए हैं. जान माल का किसी तरीके से खतरा ना हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. गंगा क्षेत्र से जुड़े सभी इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

बिजनौर के एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है कि बीती रात गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा के उस पार खेती करने गए पांच मजदूरों को सकुशल प्रशासन द्वारा बचा लिया गया है. वैसे अभी अधिकारी जिले की हालत सामान्य बता रहे हैं, लेकिन अगर आगे पहाड़ों से आ रहा बारिश का पानी अगर हरिद्वार द्वारा और छोड़ा गया, तो कहीं ना कहीं जिले में दिक्कत हो सकती है.

प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया

बिजनौर जिले के गंगा से जुड़े मीरापुर, कुंदनपुर, देवलगढ़, रावली व अन्य गंगा खादर इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इस खतरे को देखते हुए शनिवार को एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विक्रम आदित्य आदित्य और एसपी सिटी प्रवीण रंजन सिंह ने अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर गांव मीरापुर का जायजा लिया.

एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि गंगा क्षेत्र के आसपास के 5 से 6 गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. इसको देखते हुए प्रशासन द्वारा गांव में जाकर गांव वालों को अलर्ट कर दिया गया है. कोई घटना ना हो इसके लिए बकायदा प्रशासनिक टीम मौके पर जाकर मुआयना कर रही है. साथ ही पीएसी की टीम को भी लगाया गया है. 5 फसे मजदूरों को सकुशल बचा लिया गया है.

इसे भी पढ़ें- देखिए कैसे बीच नदी में डूबी बालू से भरी नाव

बिजनौर: पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. हरिद्वार से शुक्रवार देर रात लगभग 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं 3 लाख क्यूसेक (cusec) और पानी छोड़े जाने की बात प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कही जा रही है. वहीं देर रात एक लाख क्यूसेक जो पानी छोड़ा गया था, उसमें गंगा के किनारे खेती करने वाले 5 मजदूर भी फंस गए थे. शनिवार सुबह रेस्क्यू करके इन सभी मजदूरों को सकुशल बचा लिया गया.

पहाड़ों पर बरसात का पानी भर जाने के कारण हरिद्वार से बीती रात 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं पहाड़ों से लगातार आ रहे पानी को देखते हुए लगभग 3 लाख क्यूसेक पानी और हरिद्वार से छोड़ा गया है. बिजनौर बैराज पर पहले की बात करें तो करीब 30 से 35 हजार क्यूसेक पानी प्रतिदिन चल रहा था, लेकिन अचानक से पहाड़ों पर हो रही बारिश से बरसात के पानी के बढ़ जाने के कारण अब तक लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है. इस पानी के छोड़े जाने से बिजनौर गंगा बैराज पर लगभग 1 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी इस समय चल रहा है.

गंगा किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा

बढ़ते पानी को देखते हुए डीएम उमेश मिश्रा ने बताया कि गंगा में लगभग अब तक कुल 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसमें कि 3 लाख क्यूसेक पानी का असर दोपहर के बाद दिखने की उम्मीद है. सभी तहसील के एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस के आला अधिकारी सहित लोगों को गांव के किनारे से हटाने की मुहिम में जुटे हुए हैं. जान माल का किसी तरीके से खतरा ना हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है. गंगा क्षेत्र से जुड़े सभी इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

बिजनौर के एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है कि बीती रात गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा के उस पार खेती करने गए पांच मजदूरों को सकुशल प्रशासन द्वारा बचा लिया गया है. वैसे अभी अधिकारी जिले की हालत सामान्य बता रहे हैं, लेकिन अगर आगे पहाड़ों से आ रहा बारिश का पानी अगर हरिद्वार द्वारा और छोड़ा गया, तो कहीं ना कहीं जिले में दिक्कत हो सकती है.

प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया

बिजनौर जिले के गंगा से जुड़े मीरापुर, कुंदनपुर, देवलगढ़, रावली व अन्य गंगा खादर इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इस खतरे को देखते हुए शनिवार को एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विक्रम आदित्य आदित्य और एसपी सिटी प्रवीण रंजन सिंह ने अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर गांव मीरापुर का जायजा लिया.

एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि गंगा क्षेत्र के आसपास के 5 से 6 गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं. इसको देखते हुए प्रशासन द्वारा गांव में जाकर गांव वालों को अलर्ट कर दिया गया है. कोई घटना ना हो इसके लिए बकायदा प्रशासनिक टीम मौके पर जाकर मुआयना कर रही है. साथ ही पीएसी की टीम को भी लगाया गया है. 5 फसे मजदूरों को सकुशल बचा लिया गया है.

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Last Updated : Jun 19, 2021, 2:25 PM IST
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