बिजनौरः राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने मंगलवार शक्ति चौराहे पहुंचकर बाइक रैली निकालकर प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि कोरोना महामारी में देश को किसानों द्वारा भरपूर भंडारण दिया गया है. इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार द्वारा तीन अध्यादेश को लाकर बिजली संशोधन कानून और किसान खेती कॉन्ट्रैक्ट पर दिए जाने का सरकार के निर्णय को लेकर किसानों में आक्रोश है. किसान किसी भी कीमत पर खेती को कॉन्ट्रैक्ट पर बड़े उद्योगपतियों को नहीं देगा.
किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार किसानों का शोषण किया जा रहा है. अभी हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले के तहत जहां सभी गांव में बिजली कनेक्शन को लेकर बिजली की दरों में बढ़ोतरी का अंदेशा जताया जा रहा है. वहीं किसानों की खेती को बड़े उद्योगपतियों को कॉन्ट्रैक्ट में दिए जाने की बात कही जा रही है. किसान कभी भी अपनी खेती को किसी भी उद्योगपति को कॉन्ट्रैक्ट पर मुनाफा कमाने के लिए नहीं देगा. बीजेपी की सरकार प्रदेश में बनने के बाद लगातार किसानों का शोषण किया जा रहा है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष अजय शर्मा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार प्रदेश सरकार द्वारा किसानों का दोहन किए जा रहा है. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सभी शुगर मिलों को सरकार द्वारा आदेश दिया गया था कि 14 दिन के भीतर सभी शुगर मिल मालिक किसानों को गन्ने का पेमेंट समय से देंगे.
इसके बावजूद भी किसानों को समय से न तो गन्ने का पेमेंट मिल रहा है न ही जिला प्रशासन द्वारा पेमेंट दिलाने के लिए शुगर मिल मालिकों द्वारा कोई कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. इसी को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले मंगलवार सैकड़ों किसान कार्यकर्ताओं ने शक्ति चौराहे से डीएम मुख्यालय कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन बिजनौर एसडीएम को सौंपा है. अगर जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा लाए जाने वाले तीनों अध्यादेशों को वापस नहीं लिया गया और गन्ने के भुगतान को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं आया तो किसान सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएगा.