बिजनौर : कोविड-19 महामारी के बाद सोमवार को संसद भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत करते हुए 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है. इस बात को लेकर किसानों का कहना है कि इससे पहले भी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही थी, लेकिन अभी तक किसानों की आय न तो दुगनी हुई है न ही आगे दोगुनी होगी. किसानों का आरोप है कि जब तक किसान आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगा, तब तक उसकी आय दोगुनी नहीं हो सकती.
वित्त मंत्री ने एमएसपी मूल्य को लेकर कही ये बात
वित्त मंत्री ने बजट में एमएसपी मूल्य को लेकर कहा कि यह डेढ़ गुना हो गया है. किसानों का कहना है कि सरकार भले ही एमएसपी मूल्य बढ़ाने की बात कह रही हो, लेकिन जब किसानों का धान 1800 की जगह 800 रुपये में खरीदा जा रहा है, तो कैसे किसानों की आय दोगुनी होगी. किसानों ने कहा कि यह सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर पहले भी झूठ बोलती रही है और अब भी झूठ बोल रही है. किसानों का आरोप है कि सरकार केवल अडानी, अंबानी के लिए गोदाम भरने का काम कर रही है.
इश बार धान की खरीद बढ़कर 1 लाख 45 हजार हुई
वित्त मंत्री का कहना है कि 2014 में केंद्र सरकार द्वारा धान की खरीद 63 हजार करोड़ रुपये हुई थी. इस बार यह बढ़कर एख लाख 45 हजार रुपये हो गई है. इसको लेकर किसानों का साफ तौर से कहना है कि लगातार केंद्र सरकार द्वारा धान खरीद को लेकर झूठ बोला जा रहा है. धान खरीद को लेकर जहां 1825 रुपये सरकार द्वारा किसानों को दिया जाना है. वहीं, धान खरीद न करके किसान 800 रुपये में धान बाहर बेचने को मजबूर है. हर साल की भांति इस साल भी किसानों से धान बहुत कम खरीदा गया है.
बजट को लेकर किसान नाखुश
किसानों का कहना है कि इस बजट में उन्हें सरकार से उम्मीद थी कि बीज के दामों और पेट्रोल के दामों में हो रही वृद्धि पर रोक लगने से किसानों को फायदा होगा, लेकिन ऐसा कोई भी बजट में ऐलान नहीं हुआ है. इस बजट को लेकर किसान नाखुश नजर आ रहे हैं.