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बिजनौर ब्लास्ट: आतंकियों के मददगारों को 7 साल की सजा, लखनऊ की NIA कोर्ट का फैसला

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Published : Jul 3, 2022, 9:31 PM IST

सिमी के आतंकियों की मदद करने वाली महिला सहित पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने सात -सात साल की कठोर सजा का आदेश जारी किया है. इस आदेश के बाद बिजनौर के रहने वाले लोगों ने दोषियों पर सजा के फैसले की सराहना करते हुए एनआईए की टीम को बधाई भी दी है.

etv bharat
बिजनौर ब्लास्ट

बिजनौर: बिजनौर में साल 2014 में हुए ब्लॉस्ट मामले में आतंकियों के मददगारों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट (NIA special court in Lucknow) ने सभी को सात -सात साल की कठोर सजा का आदेश जारी किया है. सिमी के पांच आतंकी चोरी से छोटे से किराए के मकान में 2014 से रह रहे थे. अचानक हुए बम ब्लॉस्ट के बाद सभी सिमी के आतंकी उस दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे.

सिमी के आतंकियों की मदद करने और पनाह देने वाली महिला सहित पांच आरोपियों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. बिजनौर के रहने वाले लोगों ने इस फैसले की सराहना करते हुए एनआईए की टीम को बधाई भी दी.

यादराम चंदेल
गौरतलब है कि, बिजनौर शहर के जाटान इलाके में कुछ महीने से पांच युवक एक छोटे से किराए के मकान में बतौर स्टूडेंट्स बताकर रह रहे थे. 12 सितंबर, 2014 की सुबह 11 बजे आस-पास उसी मकान तेज धमाके की आवाज सुनाई दी. शुरुवाती दौर में आस-पड़ोस के लोगों ने समझा कि शायद कुकर फटने से धमाका हुआ है. धमाका होते ही किराये के मकान में रह रहे पांचों लोग पुलिस और इलाके के लोगों को चकमा देकर फरार हो गए थे.
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बिजनौर ब्लास्ट

इसे भी पढ़ेंः अदालत ने आतंकी तौहीद अहमद को 5 दिन की रिमांड पर भेजा

बिजनौर पुलिस और एनआईए की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि साल 2013 में पांचों सिमी के आतंकी है. साथ ही खंडवा जेल से फरार होकर बिजनौर के छोटे से घर में रह रहे थे. हादसे के वक्त सभी पांचों आतंकी घर में माचिस की तिल्ली पर लगे मसाले को उतारकर बारूद बना रहे थे. अचानक बारूद में विस्फोट होने से एक आतंकी बुरी तरह झुलस गये थे. एनआईए सहित तमाम खुफिया विभाग की टीम ने डेरा डाल कर केस का पर्दाफाश करते हुए बिजनौर के रहने वाले हुस्ना ,रईस ,फ़ुरकान, नदीम, रईस और अब्दुल्ला ने आतंकियों को पनाह दी थी. साथ ही उनकी बिजनौर से भागने में मदद भी की थी.

स्थानीय निवासी यादराम चंदेल ने बताया कि हालांकि सभी पांचों आतंकी साल 2016 में पकड़े गए थे. जेल तोड़कर भागने की कोशिश में पुलिस मुठभेड़ में पांचों आतंकी ढेर हो गये थे. लेकिन आतंकियों के मददगार को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए सभी को 7 -7 साल 10 माह की कठोर सजा सुनाई है. बिजनौर के लोग इस सजा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही एनआईए की टीम का शुक्रिया अदा करते नजर आ रहे हैं.

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बिजनौर: बिजनौर में साल 2014 में हुए ब्लॉस्ट मामले में आतंकियों के मददगारों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट (NIA special court in Lucknow) ने सभी को सात -सात साल की कठोर सजा का आदेश जारी किया है. सिमी के पांच आतंकी चोरी से छोटे से किराए के मकान में 2014 से रह रहे थे. अचानक हुए बम ब्लॉस्ट के बाद सभी सिमी के आतंकी उस दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे.

सिमी के आतंकियों की मदद करने और पनाह देने वाली महिला सहित पांच आरोपियों को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. बिजनौर के रहने वाले लोगों ने इस फैसले की सराहना करते हुए एनआईए की टीम को बधाई भी दी.

यादराम चंदेल
गौरतलब है कि, बिजनौर शहर के जाटान इलाके में कुछ महीने से पांच युवक एक छोटे से किराए के मकान में बतौर स्टूडेंट्स बताकर रह रहे थे. 12 सितंबर, 2014 की सुबह 11 बजे आस-पास उसी मकान तेज धमाके की आवाज सुनाई दी. शुरुवाती दौर में आस-पड़ोस के लोगों ने समझा कि शायद कुकर फटने से धमाका हुआ है. धमाका होते ही किराये के मकान में रह रहे पांचों लोग पुलिस और इलाके के लोगों को चकमा देकर फरार हो गए थे.
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बिजनौर पुलिस और एनआईए की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि साल 2013 में पांचों सिमी के आतंकी है. साथ ही खंडवा जेल से फरार होकर बिजनौर के छोटे से घर में रह रहे थे. हादसे के वक्त सभी पांचों आतंकी घर में माचिस की तिल्ली पर लगे मसाले को उतारकर बारूद बना रहे थे. अचानक बारूद में विस्फोट होने से एक आतंकी बुरी तरह झुलस गये थे. एनआईए सहित तमाम खुफिया विभाग की टीम ने डेरा डाल कर केस का पर्दाफाश करते हुए बिजनौर के रहने वाले हुस्ना ,रईस ,फ़ुरकान, नदीम, रईस और अब्दुल्ला ने आतंकियों को पनाह दी थी. साथ ही उनकी बिजनौर से भागने में मदद भी की थी.

स्थानीय निवासी यादराम चंदेल ने बताया कि हालांकि सभी पांचों आतंकी साल 2016 में पकड़े गए थे. जेल तोड़कर भागने की कोशिश में पुलिस मुठभेड़ में पांचों आतंकी ढेर हो गये थे. लेकिन आतंकियों के मददगार को लखनऊ की एनआईए की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए सभी को 7 -7 साल 10 माह की कठोर सजा सुनाई है. बिजनौर के लोग इस सजा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. साथ ही एनआईए की टीम का शुक्रिया अदा करते नजर आ रहे हैं.

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