बस्ती: बीते 22 अप्रैल 2018 को दुबौलिया विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले कठौतिया गांव में भीषण आग लग गई थी. जिसमें लगभग 75 लोगों की रिहायशी झोपड़ी जल कर राख हो गई थी. तत्कालीन एसडीएम ने राजस्व कर्मचारी के माध्यम से शासन को रिपोर्ट भेजी थी. वहीं ब्लाॅक से जो आवास पास हुए उसकी सूची हैरान करने वाली थी. ब्लाॅक कर्मियों द्वारा जिस नाम से आवास पास किए गये थे उस नाम का व्यक्ति गांव में रहता ही नहीं है.
जानें पूरा मामला
- मामला दुबौलिया विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले कठौतिया गांव का है.
- जहां बीते 22 अप्रैल 2018 को आग लगने से लगभग 75 लोगों की रिहायशी झोपड़ी जल कर राख हो गई थी.
- जिसके बाद ब्लाॅक से जो आवास पास हुए, लेकिन जिस नाम से आवास पास हुए उस नाम का व्यक्ति गांव में रहता ही नहीं है.
- मामले की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
- जिसको लेकर बुधवार को गांव में संचालित लक्ष्मी, सावित्री बाईफूले और शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह की लगभग 30 महिलाएं हरैया तहसील में आ पहुंची.
- महिलाओं ने एडीएम रमेश चंद्र को शिकायती पत्र देकर आवास की मांग की. एडीएम के द्वारा दिए गए जबाब से असन्तुष्ट महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
- जैसे ही तहसील से एडीएम साहब वापस मुख्यालय जाने लगे तभी ग्रामीण महिलाओं एडीएम का घेराव कर कहा जब तक हमारी समस्या का निदान नहीं हो जाता तब तक आपको जाने नहीं देगें.
इसे भी पढ़ें:- बस्ती: मेडिकल कॉलेज को शव की दरकार, प्रशासन बेपरवाह
ग्रामीण महिलाओं का रौद्र रुप देख एडीएम के पसीने छूट गए और उन्होंने तत्काल एसडीएम हरैया को निर्देश दिया की महिलाओं के गांव मे जाकर जांचकर रिपोर्ट शासन को भेजें. जिससे पात्र महिलाओं को आवास मिल सके. तब जाकर एडीएम बस्ती के वाहन के सामने से महिलाओं को हटाया गया.