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बस्ती: लॉकडाउन में फंसे रह गए 3 बेटे, पत्नी ने दी पति को मुखाग्नि

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अपने पति को खुद मुखाग्नि दी है. लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में बेटों के फंसे होने के कारण महिला ने पति को मुखाग्नि देने का फैसला लिया.

wife cremated her husband in basti
पति को मुखाग्नि देती बुजुर्ग महिला.
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Published : May 11, 2020, 2:50 PM IST

बस्ती: लॉकडाउन के कारण जिले के हरैया थाना क्षेत्र के कोदई गांव एक ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी की आंखें नम कर दी. यहां एक बुजुर्ग महिला अपने पति को खुद मुखाग्नि देती नजर आई. दरअसल इस बुढ़ी मां के तीन बेटे हैं. मगर रोजी-रोटी कमाने गए ये तीनों दूसरे राज्य में लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं. ऐसे में महिला ने बेटे की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए खुद ही पति को मुखाग्नि देना मुनासिब समझा.

पति मुखाग्नि देती महिला.

मृतक संतराम शर्मा घर पर ही रहकर खेती बारी करते थे. उनके तीन बेटे राधे कृष्ण (पुणे), अर्जुन प्रसाद (हरियाणा) और सबसे छोटा बेटा सुभाष (पंजाब) में अपने परिवार के साथ रहकर वहीं नौकरी करते हैं. संतराम के साथ पत्नी कैलासी गांव में ही रहते थे. वहीं रविवार को अचानक संतराम की तबियत बिगड़ गई पड़ोसी उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कुछ ही देर में संतराम शर्मा (70 वर्ष) की मौत हो गई.

इसके बाद गांव के लोग संतराम की मौत की सूचना उनके तीनों बेटों को दिया. मृतक सन्तराम के बेटों ने पिता का अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये स्थानीय प्रशासन से अनुमति मांगी. मगर उन्हें अनुमति नहीं मिली. काफी प्रयास के बाद मृतक के बेटों ने लॉकडाउन के चलते पिता के अंतिम संस्कार में न पहुंच पाने की मजबूरी ग्रामीणों से बताई. इसके बाद पत्नी कैलासी देवी ने खुद ही अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया. जिसके बाद पेंदाघाट पर मृतक संतराम को उनकी पत्नी कैलासी ने अपने कांपते मुखाग्नि दिया. घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें-गृह मंत्रालय का राज्यों को निर्देश, मेडिकल स्टॉफ को आवाजाही में न हो परेशानी

बस्ती: लॉकडाउन के कारण जिले के हरैया थाना क्षेत्र के कोदई गांव एक ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी की आंखें नम कर दी. यहां एक बुजुर्ग महिला अपने पति को खुद मुखाग्नि देती नजर आई. दरअसल इस बुढ़ी मां के तीन बेटे हैं. मगर रोजी-रोटी कमाने गए ये तीनों दूसरे राज्य में लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं. ऐसे में महिला ने बेटे की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए खुद ही पति को मुखाग्नि देना मुनासिब समझा.

पति मुखाग्नि देती महिला.

मृतक संतराम शर्मा घर पर ही रहकर खेती बारी करते थे. उनके तीन बेटे राधे कृष्ण (पुणे), अर्जुन प्रसाद (हरियाणा) और सबसे छोटा बेटा सुभाष (पंजाब) में अपने परिवार के साथ रहकर वहीं नौकरी करते हैं. संतराम के साथ पत्नी कैलासी गांव में ही रहते थे. वहीं रविवार को अचानक संतराम की तबियत बिगड़ गई पड़ोसी उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कुछ ही देर में संतराम शर्मा (70 वर्ष) की मौत हो गई.

इसके बाद गांव के लोग संतराम की मौत की सूचना उनके तीनों बेटों को दिया. मृतक सन्तराम के बेटों ने पिता का अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये स्थानीय प्रशासन से अनुमति मांगी. मगर उन्हें अनुमति नहीं मिली. काफी प्रयास के बाद मृतक के बेटों ने लॉकडाउन के चलते पिता के अंतिम संस्कार में न पहुंच पाने की मजबूरी ग्रामीणों से बताई. इसके बाद पत्नी कैलासी देवी ने खुद ही अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया. जिसके बाद पेंदाघाट पर मृतक संतराम को उनकी पत्नी कैलासी ने अपने कांपते मुखाग्नि दिया. घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही हैं.

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