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बस्तीः बच्चों के स्पोर्ट्स किट खरीदने में हुआ बड़ा खेल, एसडीआई का ट्रांसफर

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में साऊघाट के प्राथमिक विद्यालयों में खेल किट को लेकर लापरवाही का मामला सामने आया था. जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे.

कमरे में पड़ी खेल सामग्री.
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Published : Aug 15, 2019, 12:30 PM IST

बस्ती: जिले के साऊघाट बीआरसी पर कमीशनबाजी का आरोप लगने के बाद एसडीआई का ट्रांसफर कर दिया गया. दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 में ही स्कूलों में खेल सामग्री पहुंचाने के लिए एक करोड़ 51 लाख 15 हजार रुपये खर्च हो गए. लेकिन विभाग के पास इसका हिसाब तक नहीं है.

बीएसए का बयान.

क्या है मामला-

जनपद के 1745 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्रति विद्यालय पांच हजार के हिसाब से 85 लाख 25 हजार रुपये और 639 जूनियर स्कूलों में दस हजार के हिसाब से 63 लाख 90 हजार रुपये खेल किट के लिए भेजे गए थे. अधिकांश स्कूलों में यह धन खर्च भी हो गया है. कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो कई जगह खेल सामग्री अभी तक उपलब्ध नहीं है.

निलंबित न कर किया ट्रांसफर-

बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने शिकायत के बाद एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई करते हुए एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल का कानपुर देहात स्थानांतरण कर दिया है.

इसे भी पढ़ेः- बस्ती: बिना ड्यूटी के वेतन ले रहे सफाई कर्मी, नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण

कमरे में सड़ रहे हैं खेल किट-

जबकि शिक्षकों को अपने स्तर पर खेल सामग्री की खरीदारी करनी थी. वहीं एसडीआई को सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण करना था. लेकिन साऊघाट एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल ने कमीशनबाजी के चक्कर में बीआरसी में दुकान लगवा दी. वहीं जब कमरे में रखे खेल किट का वीडियो वायरल हुआ तो उसके बाद आनन-फानन में बीआरसी से सामान हटाया गया.

बस्ती: जिले के साऊघाट बीआरसी पर कमीशनबाजी का आरोप लगने के बाद एसडीआई का ट्रांसफर कर दिया गया. दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 में ही स्कूलों में खेल सामग्री पहुंचाने के लिए एक करोड़ 51 लाख 15 हजार रुपये खर्च हो गए. लेकिन विभाग के पास इसका हिसाब तक नहीं है.

बीएसए का बयान.

क्या है मामला-

जनपद के 1745 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्रति विद्यालय पांच हजार के हिसाब से 85 लाख 25 हजार रुपये और 639 जूनियर स्कूलों में दस हजार के हिसाब से 63 लाख 90 हजार रुपये खेल किट के लिए भेजे गए थे. अधिकांश स्कूलों में यह धन खर्च भी हो गया है. कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो कई जगह खेल सामग्री अभी तक उपलब्ध नहीं है.

निलंबित न कर किया ट्रांसफर-

बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने शिकायत के बाद एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई करते हुए एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल का कानपुर देहात स्थानांतरण कर दिया है.

इसे भी पढ़ेः- बस्ती: बिना ड्यूटी के वेतन ले रहे सफाई कर्मी, नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण

कमरे में सड़ रहे हैं खेल किट-

जबकि शिक्षकों को अपने स्तर पर खेल सामग्री की खरीदारी करनी थी. वहीं एसडीआई को सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण करना था. लेकिन साऊघाट एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल ने कमीशनबाजी के चक्कर में बीआरसी में दुकान लगवा दी. वहीं जब कमरे में रखे खेल किट का वीडियो वायरल हुआ तो उसके बाद आनन-फानन में बीआरसी से सामान हटाया गया.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: वाह रे बेसिक शिक्षा विभाग! कमीशनबाजी में लिप्त एसडीआई को निलंबित करने के बजाय ट्रांसफर कर दिया गया. दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 में ही स्कूलों में खेल सामग्री पहुंचाने के लिए एक करोड़ 51 लाख 15 हजार रुपये खारिज हो गए. लेकिन विभाग के पास इसका हिसाब तक नहीं है. इतना ही नही जनपद के साऊघाट बीआरसी पर कमीशनबाजी के चक्कर में दुकान लगा दी गयी.

जबकि शिक्षकों को अपने स्तर खेल सामग्री की खरीदारी करनी थी. वहीं एसडीआई को सिर्फ स्कूलों का निरीक्षण करना था. लेकिन साऊघाट एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल ने कमीशनबाजी के चक्कर में बीआरसी में दुकान लगवा दी. वहीं जब कमरे में रखे खेल किट का वीडियो वायरल हुआ तो उसके बाद आनन फानन में बीआरसी से सामान हटाया गया.

वही बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने शिकायत के बाद एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई करते हुए एसडीआई ध्रुव चंद जायसवाल का कानपुर देहात स्थानांतरण कर दिया है.

Body:जनपद के 1745 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्रति विद्यालय पांच हजार के हिसाब से 85 लाख 25 हजार रुपये और 639 जूनियर स्कूलों में दस हजार के हिसाब से 63 लाख 90 हजार रुपये खेल किट के लिए भेजे गए थे. अधिकांश स्कूलों में यह धन खर्च भी हो गया है. कुछ स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो कई जगह खेल सामग्री अभी तक उपलब्ध नहीं है. खंड शिक्षाधिकारियों ने खर्च धन का भौतिक सत्यापन भी नहीं किया था.

जिसके बाद मुख्यालय से विभागीय टीम को जांच करने उतरना पड़ा. महज पांच स्कूलों के निरीक्षण में खेल किट या तो मिला ही नहीं या फिर मानक के अनुसार नहीं था. शेष विद्यालयों का हाल क्या होगा अंदाजा लगाया जा सकता है.

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