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बस्ती में टोल कर्मियों ने नेताजी को रोका तो फूटा गुस्सा, 18 घंटे तक लगातार दिया धरना

बस्ती में टोल कर्मियों ने नेताजी को रोका तो उनका गुस्से का पारा चढ़ गया. इसके विरोध में उन्होंने लगातार 18 घंटे तक टोल पर धरना दिया. प्रशासनिक अफसरों के मनाने पर वह माने और धरना खत्म किया. चलिए जानते हैं पूरी खबर के बारे में.

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Published : May 21, 2023, 6:37 PM IST

बस्तीः जिले में टोल कर्मियों ने एक हिंदूवादी नेता को रोक लिया. इस पर नेताजी का पारा चढ़ गया. टोल कर्मियों के साथ उन्होंने जमकर कहासुनी की. इसके बाद वह धरने पर बैठ गए. 18 घंटे तक लगातार उन्होंने धरना दिया. इसके बाद प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और नेताजी को समझा-बुझाकर किसी तरह शांत कराया. इसके बाद नेताजी धरने से उठे. पुलिस से दोनों पक्षों ने शिकायत की है. अभी तक इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो.

जानकारी के मुताबिक, एक निमंत्रण से लौट रहे विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह जैसे ही बस्ती टोल प्लाजा पर पहुंचे तो उनसे टोल कर्मचारियों ने टोल मांगा. इस पर उन्होंने कहा कि मैं बस्ती का ही रहने वाला हूं. इस पर टोल कर्मियों ने उनसे आईडी की मांग की. विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह का आरोप है कि टोल कर्मचारियों ने उनके साथ गाली गलौज की और धक्का-मुक्की का भी प्रयास किया. उनसे जबरन टोल वसूलने की कोशिश की गई. इस पर वह टोल के खिलाफ धरने पर बैठ गए.

इसकी सूचना जैसे ही संगठन के कार्यकर्ताओं को लगी तो वे भारी संख्या में आकर टोल के खिलाफ धरने पर बैठ गए. लगातार 18 घंटे चले इस धरना प्रदर्शन में भाजपा के दो पूर्व विधायक भी पहुंचे और धरना दे रहे अखिलेश सिंह को अपना समर्थन दिया. इसके बाद प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया. कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रशासनिक अफसरों ने धरना खत्म कराया. धरने के बाद अखिलेश सिंह बोले कि 18 घंटे के लगातार धरने के बाद प्रशासन जागा और कार्रवाई की बात कही. जब हम एक संगठन के पदाधिकारी हैं और हमारे साथ इतनी अभद्रता टोल कर्मी कर सकते हैं तो आम जनता के साथ क्या होता होगा यह अंदाजा हर कोई लगा सकता है. उन्होंने बस्ती में बने टोल को भी फर्जी करार दे दिया और कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह आश्वासन दिया था कि 60 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई दूसरा टोल नहीं बनाया जाएगा लेकिन बस्ती का टोल प्लाजा नियम विरुद्ध वसूली कर रहा है. इसके खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे.

वहीं, इस बारे में टोल मैनेजर का कहना है कि सीसीटीवी में सारी घटना कैद है. यह प्रमाण है. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख सकता है कि अभद्रता कौन कर रहा है. कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे, नेताजी से लोकल होने का सबूत मांगा जा रहा था लेकिन वह दिखा नहीं पा रहे थे. मारपीट और अभद्रता पर उतारू थे.फिलहाल पुलिस पूरे मामले में चुप्पी साधे है. अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ेंः सांसद बृजभूषण सिंह का पहलवानों पर हमला, बोले- कोई झूठ बोलने पर उतारू हो जाए तो जिंदगी बर्बाद कर सकता है

बस्तीः जिले में टोल कर्मियों ने एक हिंदूवादी नेता को रोक लिया. इस पर नेताजी का पारा चढ़ गया. टोल कर्मियों के साथ उन्होंने जमकर कहासुनी की. इसके बाद वह धरने पर बैठ गए. 18 घंटे तक लगातार उन्होंने धरना दिया. इसके बाद प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और नेताजी को समझा-बुझाकर किसी तरह शांत कराया. इसके बाद नेताजी धरने से उठे. पुलिस से दोनों पक्षों ने शिकायत की है. अभी तक इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो.

जानकारी के मुताबिक, एक निमंत्रण से लौट रहे विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह जैसे ही बस्ती टोल प्लाजा पर पहुंचे तो उनसे टोल कर्मचारियों ने टोल मांगा. इस पर उन्होंने कहा कि मैं बस्ती का ही रहने वाला हूं. इस पर टोल कर्मियों ने उनसे आईडी की मांग की. विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह का आरोप है कि टोल कर्मचारियों ने उनके साथ गाली गलौज की और धक्का-मुक्की का भी प्रयास किया. उनसे जबरन टोल वसूलने की कोशिश की गई. इस पर वह टोल के खिलाफ धरने पर बैठ गए.

इसकी सूचना जैसे ही संगठन के कार्यकर्ताओं को लगी तो वे भारी संख्या में आकर टोल के खिलाफ धरने पर बैठ गए. लगातार 18 घंटे चले इस धरना प्रदर्शन में भाजपा के दो पूर्व विधायक भी पहुंचे और धरना दे रहे अखिलेश सिंह को अपना समर्थन दिया. इसके बाद प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया. कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रशासनिक अफसरों ने धरना खत्म कराया. धरने के बाद अखिलेश सिंह बोले कि 18 घंटे के लगातार धरने के बाद प्रशासन जागा और कार्रवाई की बात कही. जब हम एक संगठन के पदाधिकारी हैं और हमारे साथ इतनी अभद्रता टोल कर्मी कर सकते हैं तो आम जनता के साथ क्या होता होगा यह अंदाजा हर कोई लगा सकता है. उन्होंने बस्ती में बने टोल को भी फर्जी करार दे दिया और कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह आश्वासन दिया था कि 60 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई दूसरा टोल नहीं बनाया जाएगा लेकिन बस्ती का टोल प्लाजा नियम विरुद्ध वसूली कर रहा है. इसके खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे.

वहीं, इस बारे में टोल मैनेजर का कहना है कि सीसीटीवी में सारी घटना कैद है. यह प्रमाण है. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख सकता है कि अभद्रता कौन कर रहा है. कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे, नेताजी से लोकल होने का सबूत मांगा जा रहा था लेकिन वह दिखा नहीं पा रहे थे. मारपीट और अभद्रता पर उतारू थे.फिलहाल पुलिस पूरे मामले में चुप्पी साधे है. अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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