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सिर्फ कागजों में बने शौचालय, ओडीएफ घोषित हुआ बस्ती का यह गांव

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Published : Jun 6, 2020, 11:58 AM IST

Updated : Jun 6, 2020, 12:18 PM IST

खुले में शौच मुक्त घोषित किए जा चुके बस्ती जिले में स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुल गई है. गांव में शौचालयों की संख्या सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रही है. जिन आंकड़ों पर बस्ती जिले को खुले में शौचालय मुक्त घोषित किया गया है, उसकी जमीनी हकीकत हैरान करने वाली है.

गांव कुचरूपुर में शौचालय का निर्माण अधूरा
गांव कुचरूपुर में शौचालय का निर्माण अधूरा

बस्ती: बीते दिनों जिले को प्रदेश सरकार ने खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है. इस जिले में शौचालय के आंकड़ों और हकीकत में गजब की दूरी है. जिले में शौचालय के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. यहां कागजों में ही शौचालय तैयार हो गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव का जायजा लिया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.

ओडीएफ घोषित किए गए बस्ती जिले में स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुल गई है. गांव में कागजों पर शौचालयों का निर्माण करा दिया गया, लेकिन जमीन पर एक भी शौचालय नहीं है. गौर ब्लाक के कुचरूपुर गांव में कुछ जगहों पर शौचालय बनने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन अब तक भी पूरा न हो सका है. ग्रामीणों को आए दिन समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है. ग्रामीण इस बात को जानते ही नहीं कि उनके नाम पर उनके घर पर ही शौचालय का निर्माण सरकार ने करवा दिया है. साथ ही शौचालय के लिए सरकार से मिलने वाले पैसे की लिस्ट में ग्रामीणों का नाम हैं या नहीं इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं है.

शौचालय के नाम पर घोटाला
ईटीवी भारत ने गांव में निर्माण हुए शौचालय की लिस्ट निकाली और जब इसकी पड़ताल की तो प्रधान द्वारा किए गए घोटाले का खुलासा हुआ. ग्रामीण अनूप दुबे ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने ऑनलाइन सरकार में शिकायत की है, लेकिन अभी तक जांच नहीं हो सकी और न ही प्रधान के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया है. वहीं, कई लोग इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं हुए.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिले को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी शौचालय निर्माण के नाम पर हुए घोटाले में संबंधित अधिकारी अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहे. आखिर क्यों शौचालय निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले अफसरों की नींद नहीं खुल रही है.

बस्ती: बीते दिनों जिले को प्रदेश सरकार ने खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है. इस जिले में शौचालय के आंकड़ों और हकीकत में गजब की दूरी है. जिले में शौचालय के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. यहां कागजों में ही शौचालय तैयार हो गए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव का जायजा लिया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ.

ओडीएफ घोषित किए गए बस्ती जिले में स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुल गई है. गांव में कागजों पर शौचालयों का निर्माण करा दिया गया, लेकिन जमीन पर एक भी शौचालय नहीं है. गौर ब्लाक के कुचरूपुर गांव में कुछ जगहों पर शौचालय बनने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन अब तक भी पूरा न हो सका है. ग्रामीणों को आए दिन समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है. ग्रामीण इस बात को जानते ही नहीं कि उनके नाम पर उनके घर पर ही शौचालय का निर्माण सरकार ने करवा दिया है. साथ ही शौचालय के लिए सरकार से मिलने वाले पैसे की लिस्ट में ग्रामीणों का नाम हैं या नहीं इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं है.

शौचालय के नाम पर घोटाला
ईटीवी भारत ने गांव में निर्माण हुए शौचालय की लिस्ट निकाली और जब इसकी पड़ताल की तो प्रधान द्वारा किए गए घोटाले का खुलासा हुआ. ग्रामीण अनूप दुबे ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने ऑनलाइन सरकार में शिकायत की है, लेकिन अभी तक जांच नहीं हो सकी और न ही प्रधान के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया है. वहीं, कई लोग इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं हुए.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिले को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी शौचालय निर्माण के नाम पर हुए घोटाले में संबंधित अधिकारी अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहे. आखिर क्यों शौचालय निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले अफसरों की नींद नहीं खुल रही है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 12:18 PM IST
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