बस्ती: कोरोना महामारी के दौर में वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों के सामने जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है. वेतन न मिल पाने के कारण उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रांतीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वित्तविहीन शिक्षकों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है.
शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट
माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रांतीय मंत्री रमेश चन्द्र पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश में 22,020 वित्तविहीन विद्यालय हैं. जिसमें 3.50 लाख शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. ऐसे विद्यालयों के प्रबंधक विद्यार्थियों से फीस नहीं ले पाए हैं, इसलिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अप्रैल, मई, जून माह का वेतन नहीं दिया गया है, जबकि ज्यादातर कार्य वित्तविहीन शिक्षकों से ही लिया जाता है. प्रांतीय मंत्री रमेश चन्द्र पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ने न तो सेवा शर्तें जारी की हैं, न ही वेतन निर्धारण किया है. सभी वित्तविहीन विद्यालय बंद पड़े हैं. शिक्षकों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को कोई राहत नहीं
रमेश चन्द्र पाठक ने मुख्यमंत्री योगी से मांग करते हुए कहा कि सभी वित्तविहीन शिक्षकों और विद्यालय के कर्मचारियों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज जारी करें, ताकि शिक्षक और कर्मचारी कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में अपना जीवन सही ढंग से जी सकें. सरकार इस महामारी के समय में सभी वर्गों पर ध्यान दे रही है, लेकिन वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी जा सकी है. रमेश चन्द्र पाठक ने कहा कि कई बार संगठन ने विभिन्न माध्यमों से अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई है.