बस्ती: एक तरफ जहां यूपी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस पर काम करने का दावा करती है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ सरकार के ही ऐसे जिम्मेदार हैं जो सरकार की इस मंशा पर पानी फेरते नजर आते हैं. ऐसा ही एक मामला जिले के लालगंज थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां एक दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया, जिसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया.
दरअसल, लालगंज थाना क्षेत्र के एक युवक ने गोरखपुर एंटी करप्शन की टीम को दारोगा विजय प्रताप यादव के द्वारा रिश्वत लेने की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद बुधवार को एंटी करप्शन टीम ने दारोगा विजय प्रताप को 40,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
शिकायतकर्ता उमेश ने बताया कि एक आत्महत्या के मामले में 2 महीना पहले इसी दारोगा ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जब वह जांच में निर्दोष पाया गया तो इसके बाद भी दारोगा उस पर दबाव बनाने लगा कि 1 लाख रुपये की रिश्वत दो, नहीं तो मुकदमे में फंसा कर पूरी जिंदगी बर्बाद कर दूंगा.
इसके बाद उमेश ने दारोगा को पहली किस्त के तौर पर 5000 रुपए दे दिए और बाकी की रकम 2 दिन बाद देने के लिए कहा. बुधवार को तय जगह और समय के अनुसार जब रिश्वतखोर दारोगा बनकटी बाजार पहुंचा तो वहां पर उमेश ने 40000 रुपए निकालकर दारोगा को दे दिए. उसके बाद तुरंत एंटी करप्शन की टीम ने दारोगा विजय प्रताप को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले को लेकर दारोगा के खिलाफ कोतवाली में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया, जिसके बाद दारोगा को जेल भेजने की कार्रवाई की गई. वहीं गोरखपुर एंटी करप्शन टीम के प्रभारी ने बताया कि उमेश नाम के एक युवक की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिसमें दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया और अब उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.