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हनुमानबाग चकोही में धीमी गति से चल रहा काम, 1 करोड़ 32 लाख होना है खर्च

अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली के साथ ही मख क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए 30 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं चल रही हैं. जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते कार्यदायी संस्था की मनमानी चरम सीमा पर है. अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव स्थल बस्ती जिले का हनुमानबाग चकोही है. इस स्थल पर 1 करोड़ 32 लाख की लागत से कई काम चल रहे हैं, लेकिन कोई काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है.

हनुमानबाग चकोही
हनुमानबाग चकोही
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Published : Feb 16, 2021, 9:12 PM IST

बस्तीः पौराणिक मंदिरो के जीर्णोद्धार और क्षेत्र में पर्यटन विकास की रफ्तार मंद हो गई है. रामजानकी मार्ग पर 84 कोसी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव स्थल हनुमानबाग चकोही है. मान्यता है कि यह स्थल भगवान श्रीराम की अयोध्या का उत्तरी द्वार था. यहीं से रामभक्त हनुमान अयोध्या नगरी की निगरानी करते थे और बाग में कंद मूल ग्रहण करते थे. पौराणिक महत्व के इस स्थल को विकसित करने के लिए 1 करोड़ 32 लाख रुपये स्वीकृत किए गए. 50 फीसद धन खर्च कर दिया गया है, लेकिन एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. परियोजना पूरी करने के लिए महज 49 दिन बचे हैं.

हनुमानबाग चकोही में धीमी गति से चल रहा काम.

होने हैं ये कार्य
हनुमान बाग चकोही में दोमंजिला धर्मशाला, भोजनालय के साथ ही सोलर लाइट, वाटर कूलर विथ आरओ, सबमर्सिबल पंप विथ बोरिंग, बेंचेज और इंटरलाकिग कार्य कराए जाने हैं. इसके लिए एक करोड़ 32 लाख रुपये की स्वीकृत हुई. निर्माण के लिए 26 सितंबर 2019 को कार्यदायी संस्था को 66 लाख 31 हजार रुपये दिए जा चुके हैं. अब तक धर्मशाला के एक तल की छत लगी है. भोजनालय के छत तक का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इन कार्यों के निर्माण की जिम्मेदारी 'यूपीपीसीएल उप्र. प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड' ने ली है.

नहीं बन सका धर्मशाला
हनुमागबाग चकोही में हनुमानजी का पुराना मंदिर है. इसी के बगल भगवान श्रीराम का भी मंदिर बना है. परिसर में उजाले के लिए एक सोलर लाइट लगी है, वह भी पुरानी है. मंदिर के पुजारी रामचंद्र दास ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने लगा है. हनुमानबाग चकोही श्रीराम भक्त का घर है. राम ही जानें हनुमानजी के घर का उद्धार कब होगा. छह महीने से अधिक हो गया है धर्मशाला भी नहीं बन पाया है.

बढ़ेगी आवाजाही
समौड़ा निवासी शिवबहादुर शुक्ल ने कहा कि हनुमानबाग चकोही का विकास होते ही राम जानकी मार्ग पर आवाजाही बढ़ जाएगी. अयोध्या में जो पर्यटक आएंगे वह एक बार यहां जरूर आना चाहेंगे. अब तो रामजानकी मार्ग भी बनने वाला है.

अयोध्या का उत्तरी द्वार
जनश्रुतियों के अनुसार भगवान राम का खड़ाऊं लेकर भरत जब अयोध्या लौटे तो राजधानी की परिक्रमा की. इस परिक्रमा के क्रम में वह कुछ दिन यहां ठहरे थे. इसी यात्रा की याद में चौरासी कोसी यात्रा की परंपरा आज भी है. यह भी कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान इसी स्थान पर बाग में फल खाने आते थे. इसीलिए इस स्थान का नाम हनुमानबाग पड़ा. यहां पर वर्तमान समय में छोटा सा मंदिर और धर्मशाला है. प्रतिवर्ष चैत्रमास में चौरासीकोसी परिक्रमा के दौरान बड़ी संख्या में साधु और आमजन यहां एकत्रित होते हैं. यहीं से लोग अयोध्या जाने के लिए शेरवाघाट पर घाघरा नदी पार कर अयोध्या की सीमा में दाखिल होते हैं. इस तरह यह पवित्र स्थल भी भगवान श्रीराम से जुड़ा है.

बस्तीः पौराणिक मंदिरो के जीर्णोद्धार और क्षेत्र में पर्यटन विकास की रफ्तार मंद हो गई है. रामजानकी मार्ग पर 84 कोसी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव स्थल हनुमानबाग चकोही है. मान्यता है कि यह स्थल भगवान श्रीराम की अयोध्या का उत्तरी द्वार था. यहीं से रामभक्त हनुमान अयोध्या नगरी की निगरानी करते थे और बाग में कंद मूल ग्रहण करते थे. पौराणिक महत्व के इस स्थल को विकसित करने के लिए 1 करोड़ 32 लाख रुपये स्वीकृत किए गए. 50 फीसद धन खर्च कर दिया गया है, लेकिन एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. परियोजना पूरी करने के लिए महज 49 दिन बचे हैं.

हनुमानबाग चकोही में धीमी गति से चल रहा काम.

होने हैं ये कार्य
हनुमान बाग चकोही में दोमंजिला धर्मशाला, भोजनालय के साथ ही सोलर लाइट, वाटर कूलर विथ आरओ, सबमर्सिबल पंप विथ बोरिंग, बेंचेज और इंटरलाकिग कार्य कराए जाने हैं. इसके लिए एक करोड़ 32 लाख रुपये की स्वीकृत हुई. निर्माण के लिए 26 सितंबर 2019 को कार्यदायी संस्था को 66 लाख 31 हजार रुपये दिए जा चुके हैं. अब तक धर्मशाला के एक तल की छत लगी है. भोजनालय के छत तक का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. इन कार्यों के निर्माण की जिम्मेदारी 'यूपीपीसीएल उप्र. प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड' ने ली है.

नहीं बन सका धर्मशाला
हनुमागबाग चकोही में हनुमानजी का पुराना मंदिर है. इसी के बगल भगवान श्रीराम का भी मंदिर बना है. परिसर में उजाले के लिए एक सोलर लाइट लगी है, वह भी पुरानी है. मंदिर के पुजारी रामचंद्र दास ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने लगा है. हनुमानबाग चकोही श्रीराम भक्त का घर है. राम ही जानें हनुमानजी के घर का उद्धार कब होगा. छह महीने से अधिक हो गया है धर्मशाला भी नहीं बन पाया है.

बढ़ेगी आवाजाही
समौड़ा निवासी शिवबहादुर शुक्ल ने कहा कि हनुमानबाग चकोही का विकास होते ही राम जानकी मार्ग पर आवाजाही बढ़ जाएगी. अयोध्या में जो पर्यटक आएंगे वह एक बार यहां जरूर आना चाहेंगे. अब तो रामजानकी मार्ग भी बनने वाला है.

अयोध्या का उत्तरी द्वार
जनश्रुतियों के अनुसार भगवान राम का खड़ाऊं लेकर भरत जब अयोध्या लौटे तो राजधानी की परिक्रमा की. इस परिक्रमा के क्रम में वह कुछ दिन यहां ठहरे थे. इसी यात्रा की याद में चौरासी कोसी यात्रा की परंपरा आज भी है. यह भी कहा जाता है कि राम भक्त हनुमान इसी स्थान पर बाग में फल खाने आते थे. इसीलिए इस स्थान का नाम हनुमानबाग पड़ा. यहां पर वर्तमान समय में छोटा सा मंदिर और धर्मशाला है. प्रतिवर्ष चैत्रमास में चौरासीकोसी परिक्रमा के दौरान बड़ी संख्या में साधु और आमजन यहां एकत्रित होते हैं. यहीं से लोग अयोध्या जाने के लिए शेरवाघाट पर घाघरा नदी पार कर अयोध्या की सीमा में दाखिल होते हैं. इस तरह यह पवित्र स्थल भी भगवान श्रीराम से जुड़ा है.

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