बस्तीः योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों बदलने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन उनका छात्रों को लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसा ही एक स्कूल है बस्ती जिले के विकास खण्ड हरैया के प्राथमिक स्कूल कौवाडाड का. यहां छात्रों को कई महीने से मिड-डे-मील मिला ही नहीं. ग्राम प्रधान और स्कूल प्रधानाचार्य दोनों के बीच मिड-डे-मील के खर्च को लेकर तकरार है. इन दोनों की लड़ाई में छात्रों का हक छीना जा रहा है.
नहीं मिलता दोपहर का खाना
स्कूल के खुलने का समय 9 बजे है. यहां स्कूल सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर खुला. 9 बजकर 45 मिनट पर स्कूल की साफ सफाई शुरू हुई. बच्चे हाथ में टिफिन लेकर स्कूल पहुंचे. बच्चों ने पूछने पर बताया कि दोपहर को भोजन नहीं मिलता है. ये सिलसिला कई महीनों से चल रहा है. वे घर से ही टिफिन लाते हैं. स्कूल में खाना बनना बंद है. बच्चों ने बताया कि प्रिंसिपल मैडम ने घर से टिफिन लाने को कहा है.
कई महीनों से नहीं जला चूल्हा
स्कूल में रसोईघर है और खाने के लिए दाल-चावल समेत खानपान का सामान भी है. भोजन बनाने के लिए तीन-तीन रसोइयां मौजूद हैं. लेकिन यहां चूल्हा कई महीनों से जला नहीं है.
जिम्मेदारों का है ये कहना
इस पूरे मसले पर कौवाडाड स्कूल की प्रधानाध्यापिका सत्यभामा ने बताया कि प्रधान से रुपये नहीं मिलते, इसलिए भोजन नहीं बन पा रहा है. उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत की है. प्रधानाध्यापिका की शिकायत पर कौवाडाड ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि (प्रधान के बेटे) ने बताया कि 35 हजार और 44 हजार रुपये की चेक दी जा चुकी है.
प्रधानाचार्य ने दस दिनों बाद ही रुपये की मांग की. उनसे पुराने रुपये का हिसाब मांगा, तो आनाकानी करने लगीं. उन्होंने अब तक हिसाब नहीं दिया. प्रतिनिधि का कहना है कि हिसाब मिलने के बाद ही अगली राशि दी जाएगी. वे छात्रों के मिड-डे-मिल में रुकावट का कारण अपने को नहीं मानते हैं. वहीं खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने पूरे मामले की जानकारी दो साल से होने की बात कही. उनका कहना है कि स्कूल में अब खाना बनेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी.