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बस्ती: यहां स्कूल में नहीं बनता मिड-डे-मील, बच्चे घर से टिफिन लाने को मजबूर

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Published : Nov 15, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 3:00 PM IST

उत्तर प्रदेश में जहां सीएम योगी सरकारी योजनाओं में बंदरबांट करने वालों को जेल भेजने की बात कह रहे हैं. वहीं बस्ती जिले के एक स्कूल में पिछले कई महीनों से मिड-डे-मील नहीं बन रहा है. अब सवाल यह है कि बच्चों के हक में रुकावट पैदा करने वालों पर क्या कार्रवाई होगी?

कौवाडाड प्राथमिक स्कूल में कई महीने से नहीं बन रहा मिड-डे-मिल

बस्तीः योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों बदलने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन उनका छात्रों को लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसा ही एक स्कूल है बस्ती जिले के विकास खण्ड हरैया के प्राथमिक स्कूल कौवाडाड का. यहां छात्रों को कई महीने से मिड-डे-मील मिला ही नहीं. ग्राम प्रधान और स्कूल प्रधानाचार्य दोनों के बीच मिड-डे-मील के खर्च को लेकर तकरार है. इन दोनों की लड़ाई में छात्रों का हक छीना जा रहा है.

कौवाडाड प्राथमिक स्कूल में कई महीने से नहीं बन रहा मिड-डे-मील

नहीं मिलता दोपहर का खाना
स्कूल के खुलने का समय 9 बजे है. यहां स्कूल सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर खुला. 9 बजकर 45 मिनट पर स्कूल की साफ सफाई शुरू हुई. बच्चे हाथ में टिफिन लेकर स्कूल पहुंचे. बच्चों ने पूछने पर बताया कि दोपहर को भोजन नहीं मिलता है. ये सिलसिला कई महीनों से चल रहा है. वे घर से ही टिफिन लाते हैं. स्कूल में खाना बनना बंद है. बच्चों ने बताया कि प्रिंसिपल मैडम ने घर से टिफिन लाने को कहा है.

कई महीनों से नहीं जला चूल्हा
स्कूल में रसोईघर है और खाने के लिए दाल-चावल समेत खानपान का सामान भी है. भोजन बनाने के लिए तीन-तीन रसोइयां मौजूद हैं. लेकिन यहां चूल्हा कई महीनों से जला नहीं है.

जिम्मेदारों का है ये कहना
इस पूरे मसले पर कौवाडाड स्कूल की प्रधानाध्यापिका सत्यभामा ने बताया कि प्रधान से रुपये नहीं मिलते, इसलिए भोजन नहीं बन पा रहा है. उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत की है. प्रधानाध्यापिका की शिकायत पर कौवाडाड ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि (प्रधान के बेटे) ने बताया कि 35 हजार और 44 हजार रुपये की चेक दी जा चुकी है.

प्रधानाचार्य ने दस दिनों बाद ही रुपये की मांग की. उनसे पुराने रुपये का हिसाब मांगा, तो आनाकानी करने लगीं. उन्होंने अब तक हिसाब नहीं दिया. प्रतिनिधि का कहना है कि हिसाब मिलने के बाद ही अगली राशि दी जाएगी. वे छात्रों के मिड-डे-मिल में रुकावट का कारण अपने को नहीं मानते हैं. वहीं खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने पूरे मामले की जानकारी दो साल से होने की बात कही. उनका कहना है कि स्कूल में अब खाना बनेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी.

बस्तीः योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों बदलने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन उनका छात्रों को लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसा ही एक स्कूल है बस्ती जिले के विकास खण्ड हरैया के प्राथमिक स्कूल कौवाडाड का. यहां छात्रों को कई महीने से मिड-डे-मील मिला ही नहीं. ग्राम प्रधान और स्कूल प्रधानाचार्य दोनों के बीच मिड-डे-मील के खर्च को लेकर तकरार है. इन दोनों की लड़ाई में छात्रों का हक छीना जा रहा है.

कौवाडाड प्राथमिक स्कूल में कई महीने से नहीं बन रहा मिड-डे-मील

नहीं मिलता दोपहर का खाना
स्कूल के खुलने का समय 9 बजे है. यहां स्कूल सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर खुला. 9 बजकर 45 मिनट पर स्कूल की साफ सफाई शुरू हुई. बच्चे हाथ में टिफिन लेकर स्कूल पहुंचे. बच्चों ने पूछने पर बताया कि दोपहर को भोजन नहीं मिलता है. ये सिलसिला कई महीनों से चल रहा है. वे घर से ही टिफिन लाते हैं. स्कूल में खाना बनना बंद है. बच्चों ने बताया कि प्रिंसिपल मैडम ने घर से टिफिन लाने को कहा है.

कई महीनों से नहीं जला चूल्हा
स्कूल में रसोईघर है और खाने के लिए दाल-चावल समेत खानपान का सामान भी है. भोजन बनाने के लिए तीन-तीन रसोइयां मौजूद हैं. लेकिन यहां चूल्हा कई महीनों से जला नहीं है.

जिम्मेदारों का है ये कहना
इस पूरे मसले पर कौवाडाड स्कूल की प्रधानाध्यापिका सत्यभामा ने बताया कि प्रधान से रुपये नहीं मिलते, इसलिए भोजन नहीं बन पा रहा है. उन्होंने खण्ड शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत की है. प्रधानाध्यापिका की शिकायत पर कौवाडाड ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि (प्रधान के बेटे) ने बताया कि 35 हजार और 44 हजार रुपये की चेक दी जा चुकी है.

प्रधानाचार्य ने दस दिनों बाद ही रुपये की मांग की. उनसे पुराने रुपये का हिसाब मांगा, तो आनाकानी करने लगीं. उन्होंने अब तक हिसाब नहीं दिया. प्रतिनिधि का कहना है कि हिसाब मिलने के बाद ही अगली राशि दी जाएगी. वे छात्रों के मिड-डे-मिल में रुकावट का कारण अपने को नहीं मानते हैं. वहीं खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने पूरे मामले की जानकारी दो साल से होने की बात कही. उनका कहना है कि स्कूल में अब खाना बनेगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव बस्ती यूपी मो- 9889557333 स्लग- मिड डे मील का बंटाधार एंकर- जहाँ एक तरफ योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा दोनों बदलने के लिए अरबो का बजट खर्च कर रही है लेकिन इसका प्रभाव बस्ती जिले मे कितना पड रहा है इसकी बानगी आज हम आपको दिखाएंगे, विकास खण्ड हरैया के प्राथमिक स्कूल कौवाडाड का नाजारा देखकर आप भी चौक जाएंगे, स्कूल के खुलने का समय 9 बजे है और स्कूल 9:40 मिनट पर खुल रहा है, 9:45 पर स्कूल की साफ सफाई हो रही है मतलब बच्चो के मिड डे मील खाने खाने का जब वक़्त होता है तब ये स्कूल खुलता है, बच्चो के हाथ मे टिफन देखने से यह भी पता लगा की काफी दिनों से यहां मिड डे मिल नही बनता, जब बच्चो से पूछा गया की आप टिफिन क्यो लाते है क्या स्कूल मे दोपहर का भोजन नही मिलता है तो बच्चो का जबाब चौकाने वाला था, बच्चो ने बताया कि यहां तो भोजन बहुत दिनो से नही बना है, आरोप है बच्चो को प्रिंसिपल के द्वारा कहा गया है की घर से टिफिन लेकर आया करों, जब रसोईघर की तरफ हमारा कैमरा गया तो वहा का नजारा कुछ अलग ही था, रसोईघर मे भोजन बनाने के लिए सारी सामंग्री उपलब्ध है लेकिन भोजन नही बनता है, देशी चूल्हे को देखने से ऐसा लगता है कि आज तक उस पर भोजन बनाने के लिए बर्तन तक प्रयोग नही किये गये है, तीन तीन रसोईया मौके पर माजूद मिली जब इसके बारे मे प्राध्यापिका सत्यभामा से पूछा गया तो उन्होंने ने बताया कि प्रधान से हमे रुपया नही मिलता इसलिए भोजन नही बनवा रही हूँ, कहा कि भोजन बहुत दिनो से स्कूल मे नही बन रहा है मैने इसकी सूचना खण्ड शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से कर दिया है, वही जब इसके बारे मे ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि से पूछा गया की आप अपने ग्राम सभा के स्कूल मे भोजन के लिए पैसा मुहैया क्यो नही कराते है तो उन्होंने बताया की मैने मास्टर साहिबा को 35 हजार का एक और 44 हजार एक चैक काट कर दिया था लेकिन मास्टर साहिबा अभी तक उसका हिसाब नही दे पायी की पैसा कहा गया, जब ये भोजन स्कूल मे नही बनवा रही है तो मै कैसे दुसरा चैक काट कर दूं, पहले पिछले पैसे का हिसाब दे तो मै पैसा मुहैया करा दूं, अब इन बातो से यह स्पष्ट हो जाता है की सारा खेल सरकारी धन की बन्दरबाँट का है, ग्राम प्रधान व मैडम मे हिस्सा को लेकर विवाद खडा हो गया जिसका खामियाजा बच्चो को भुगतना पड रहा है.


Body:जब इस बारे मे खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो वो भी कोई माकूल जबाब देते हुये नजर नही आये और केवल इतना कहा की कल से आप पता कर लेना कल से भोजन बनेगा, दोषी कौन है इस सवाल पर बगले झाँकते नजर आये खण्ड शिक्षा अधिकारी। बाइट- प्रिंसिपल,,,सत्यभामा बाइट- स्कूली बच्चे बाइट- ग्राम प्रधान बाइट- खण्ड शिक्षा अधिकारी बस्ती यूपी


Conclusion:
Last Updated : Nov 16, 2019, 3:00 PM IST
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