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बस्ती: बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला, प्राइवेट फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए तोड़ दिया शासन का नियम

यूपी के बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला सामने आया है. इसमें एक प्राइवेट फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए शासन का नियम तोड़ दिया गया. मानव आपूर्ति करने वाली प्राइवेट फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए कई सालों से शासन के नियमों को दरकिनार कर सर्विस चार्ज बढ़ा दिया गया.

बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला.
बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला.
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Published : Aug 29, 2020, 9:44 PM IST

बस्ती: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में प्राइमरी स्कूलों के ड्रेस आपूर्ति में घोटाले के बाद अब एक और गोलमाल सामने आया है. जिसमें मानव आपूर्ति करने वाली प्राइवेट फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए कई सालों से शासन के नियमों को दरकिनार कर सर्विस चार्ज बढ़ा दिया गया और सरकार को करोड़ों का चूना लग गया.

बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला.

इस घोटाले की जानकारी जैसे ही बीजेपी के विधायक संजय प्रताप जायसवाल को हुई तो उन्होंने एक पत्र तैयार किया और मुख्यमंत्री से कार्रवाई के लिए मांग की. संजय प्रताप जायसवाल ने बताया कि 2012 में बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग में अलग-अलग 40 पदों पर संपूर्ण सेवा संस्थान नाम की एक प्राइवेट फर्म के द्वारा मानव की आपूर्ति कराई गई थी. जिसमें सर्विस चार्ज 2 प्रतिशत था, जिसे 2016 में बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया. उसके बाद वर्तमान भी ऐसे अरुण कुमार ने 2018 में इस सर्विस चार्ज को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया. जबकि शासन का नियम है कि किसी भी प्राइवेट फर्म से अगर मानव की आपूर्ति कराई जाती है, तो उसको सर्विस चार्ज 5 फीसदी से अधिक नहीं दिया जा सकता. यहां तक की सरकार की एजेंसी जेम पोर्टल पर भी प्राइवेट फॉर्म को 5 प्रतिशत ही सर्विस चार्ज देने का नियम है. बावजूद इसके 2012 से एक ही फर्म को बार-बार मानव पूर्ति का टेंडर दिया गया, जो बीएसए की मंशा पर सवाल खड़ा करता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तो जानबूझकर सर्विस चार्ज बढ़ाया और पिछले 8 साल से टेंडर कराने के बजाय उसी फर्म को रिनुअल करते चले गए.

इस पूरे मामले को लेकर जब बस्ती मंडल के तेजतर्रार आईएएस और कमिश्नर अनिल सागर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसी फर्म को शासन के नियम के खिलाफ अधिक सर्विस चार्ज देना बेहद गलत है. वह इस मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.

बस्ती: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में प्राइमरी स्कूलों के ड्रेस आपूर्ति में घोटाले के बाद अब एक और गोलमाल सामने आया है. जिसमें मानव आपूर्ति करने वाली प्राइवेट फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए कई सालों से शासन के नियमों को दरकिनार कर सर्विस चार्ज बढ़ा दिया गया और सरकार को करोड़ों का चूना लग गया.

बेसिक शिक्षा विभाग में एक और घोटाला.

इस घोटाले की जानकारी जैसे ही बीजेपी के विधायक संजय प्रताप जायसवाल को हुई तो उन्होंने एक पत्र तैयार किया और मुख्यमंत्री से कार्रवाई के लिए मांग की. संजय प्रताप जायसवाल ने बताया कि 2012 में बस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग में अलग-अलग 40 पदों पर संपूर्ण सेवा संस्थान नाम की एक प्राइवेट फर्म के द्वारा मानव की आपूर्ति कराई गई थी. जिसमें सर्विस चार्ज 2 प्रतिशत था, जिसे 2016 में बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया. उसके बाद वर्तमान भी ऐसे अरुण कुमार ने 2018 में इस सर्विस चार्ज को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया. जबकि शासन का नियम है कि किसी भी प्राइवेट फर्म से अगर मानव की आपूर्ति कराई जाती है, तो उसको सर्विस चार्ज 5 फीसदी से अधिक नहीं दिया जा सकता. यहां तक की सरकार की एजेंसी जेम पोर्टल पर भी प्राइवेट फॉर्म को 5 प्रतिशत ही सर्विस चार्ज देने का नियम है. बावजूद इसके 2012 से एक ही फर्म को बार-बार मानव पूर्ति का टेंडर दिया गया, जो बीएसए की मंशा पर सवाल खड़ा करता है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तो जानबूझकर सर्विस चार्ज बढ़ाया और पिछले 8 साल से टेंडर कराने के बजाय उसी फर्म को रिनुअल करते चले गए.

इस पूरे मामले को लेकर जब बस्ती मंडल के तेजतर्रार आईएएस और कमिश्नर अनिल सागर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसी फर्म को शासन के नियम के खिलाफ अधिक सर्विस चार्ज देना बेहद गलत है. वह इस मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.

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