बस्ती: उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है. विपक्षी पार्टियां प्रदेश सरकार पर हमला करने से नहीं चूक रहीं हैं और रथ यात्रा निकाल कर सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं. इसी को लेकर सरदार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएस पटेल व प्रदेश संरक्षक अरविंद पटेल अपनी जनहित संकल्प यात्रा रथ को लेकर बस्ती पहुंचे. जहां जिला अध्यक्ष प्रभाकर वर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.
सरदार सेना ने जिले में रथ यात्रा निकालकर जनता को संदेश देने का प्रयास किया कि बीजेपी सरकार जिन मुद्दों पर सत्ता में आई है. वह भूल गई है. सरदार सेना की सरकार से 5 प्रमुख मांगे हैं. जिसमें बीजेपी ने सरकार बनाने से पहले अपने घोषणा पत्र में जातीय जनगणना कराने की बात कही थी, लेकिन वो वादा अभी अधूरा है. उसे हर हाल में लागू करना पड़ेगा. जिस तरह चुनाव में एससी-एसटी को आरक्षण है उसी प्रकार विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में ओबीसी को भी हर हाल में प्रतिनिधित्व चाहिए.
देश में जिस प्रकार बेरोजगारी का आलम है सरकारी नौकरी मिल नहीं रही है. उसमें बैकलॉग की भर्ती कर हमारे कोटे के लोगों को भर्ती किया जाए. पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भी देश में सांसद और विधायक को केवल चुनाव जीतने के बाद आजीवन पेंशन मिलने लगता है, लेकिन जो व्यक्ति 60 साल विभाग की सेवा करता है. उसे पेंशन से वंचित किया जा रहा है. जोकि मानवीय दृष्टिकोण से सही नहीं है. पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्रों को लेकर उन्होंने कहा कि जो पार्टी अपना चुनावी मेनिफेस्टो बता कर लोगों का वोट लेती है और चुनाव जीतने के बाद सारे वादों को भूल जाती है. ऐसा न हो इसके लिए संवैधानिक कानून बने ताकि जो पार्टी सत्ता में आए. उसके जो चुनावी मेनिफेस्टो हैं पहली कैबिनेट बैठक में ही उसे पारित किया जाए ताकि इस कानून के तहत यदि वह पार्टी ऐसा नहीं करती है तो उसके पार्टी की मान्यता समाप्त की जाए और उनके पार्टी के नेताओं के खिलाफ चीटिंग एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
सरदार सेना ने लखीमपुर खीरी कांड पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त कर उन पर कार्रवाई की मांग की है. साथ ही केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है. जिससे किसानों का भला हो सके.
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