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वाह रे पुलिस ! रेप की बजाय छेड़खानी में लिखा मुकदमा

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक नाबालिग युवती से दुष्कर्म का मामला सामने आया है. जब पीड़िता मुकदमा दर्ज कराने थाने पहुंची तो थानेदार ने पहले तो मुकदमा दर्ज करने से ही मना कर दिया. फिर जब आलाधिकारियों का दबाव बना तो रेप की बजाय छेड़खानी में मुकदमा दर्ज किया. मामला पैकोलिया थाना क्षेत्र का है.

rape with a minor girl in basti
पैकोलिया थाना बस्ती.
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Published : Jan 9, 2021, 12:42 AM IST

बस्ती : उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाएं शायद इस वजह से भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं कि इसमें जिम्मेदार खुद ही पीड़ितों की अस्मत का सौदा करने पर जुट जाते हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले में भी देखने को मिला, जहां पर रेप की शिकार एक पीड़ित युवती की अस्मत का सौदा स्थानीय स्तर पर करने का पूरा प्रयास किया गया और जब थानेदार साहब इसमें नाकाम रहे तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने से ही मना कर दिया. थक हार कर पीड़ित युवती अपने पिता के साथ डीआईजी से न्याय मांगने पहुंची, जिस पर कार्रवाई का भी आदेश हुआ. बावजूद इसके पैकोलिया थाने की पुलिस ने छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता के आरोपों का अल्पीकरण कर दिया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, पैकोलिया थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग किशोरी ने आरोप लगाया कि गांव के नंदलाल और लालचंद ने उसके साथ बलात्कार किया और शिकायत करने पर जानमाल की धमकी भी दी. दरिंदों की हवस की शिकार युवती की मां की मौत कुछ साल पहले ही हो चुकी है और पिता मजदूरी करके परिवार चला रहे हैं. पीड़िता ने बताया कि वह बर्तन धुलने के लिए घर के पीछे गई थी, तभी पहले से वहां मौजूद गांव के ही लालचंद और नंदलाल ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर उसे अपने चंगुल में ले लिया और रेप की वारदात को अंजाम दिया.

पीड़िता जब वापस घर लौटी तो उसने पूरी आपबीती अपने पिता को बताई, जिसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत थाने पर हुई. पैकोलिया थाने के थानेदार शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़िता के जिस्म का सौदा करने में जुट गए और जब इसमें नाकाम हो गए तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने से ही इनकार कर दिया. इसके बाद आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन वह भी रेप के बजाय छेड़खानी में.

शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़िता ने अगर रेप का आरोप लगाया है तो जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

-रविंद्र सिंह, एडिशनल एसपी

बस्ती : उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाएं शायद इस वजह से भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं कि इसमें जिम्मेदार खुद ही पीड़ितों की अस्मत का सौदा करने पर जुट जाते हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले में भी देखने को मिला, जहां पर रेप की शिकार एक पीड़ित युवती की अस्मत का सौदा स्थानीय स्तर पर करने का पूरा प्रयास किया गया और जब थानेदार साहब इसमें नाकाम रहे तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने से ही मना कर दिया. थक हार कर पीड़ित युवती अपने पिता के साथ डीआईजी से न्याय मांगने पहुंची, जिस पर कार्रवाई का भी आदेश हुआ. बावजूद इसके पैकोलिया थाने की पुलिस ने छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता के आरोपों का अल्पीकरण कर दिया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, पैकोलिया थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग किशोरी ने आरोप लगाया कि गांव के नंदलाल और लालचंद ने उसके साथ बलात्कार किया और शिकायत करने पर जानमाल की धमकी भी दी. दरिंदों की हवस की शिकार युवती की मां की मौत कुछ साल पहले ही हो चुकी है और पिता मजदूरी करके परिवार चला रहे हैं. पीड़िता ने बताया कि वह बर्तन धुलने के लिए घर के पीछे गई थी, तभी पहले से वहां मौजूद गांव के ही लालचंद और नंदलाल ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर उसे अपने चंगुल में ले लिया और रेप की वारदात को अंजाम दिया.

पीड़िता जब वापस घर लौटी तो उसने पूरी आपबीती अपने पिता को बताई, जिसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत थाने पर हुई. पैकोलिया थाने के थानेदार शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़िता के जिस्म का सौदा करने में जुट गए और जब इसमें नाकाम हो गए तो उन्होंने मुकदमा दर्ज करने से ही इनकार कर दिया. इसके बाद आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन वह भी रेप के बजाय छेड़खानी में.

शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पीड़िता ने अगर रेप का आरोप लगाया है तो जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

-रविंद्र सिंह, एडिशनल एसपी

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