बस्ती: प्राइवेट स्कूलों में संचालित बसों के लिए सरकार द्वारा तमाम नियम कानून बनाए गए हैं, लेकिन जनपद के प्राइवेट स्कूलों की मनमाने के आगे सारे नियम बौने साबित होते दिख रहे हैं. प्राइवेट स्कूल बसों में बच्चों को क्षमता से दोगुनी संख्या में भरा जाता है. इतना ही नहीं कंडक्टर भी नाबालिग हैं, जिसका काम बच्चों को उतारना चढ़ाना है.
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स्कूल में लगाई गई बस में मानक से ज्यादा बच्चों को बिठाया जाता है. इसके अलावा स्कूल बस में 12 से 13 साल के नाबालिग बच्चे को कंडक्टर की ड्यूटी पर लगाया गया है. यातायात नियमों की अनदेखी कर बच्चों की जान से स्कूल प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. विधायक के स्कूल की वजह से विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई से बचते रहते हैं. यही नहीं ऐसे कई रसूखदारों के प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिन पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.
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एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे का कहना है कि हर महीने स्कूल बसों के संचालन के लिए समिति बैठती है. समिति में यातायात के नियमों के पालन का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन बैठक के बाद फिर से स्कूल बसों के संचालन में यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाता. अगर नाबालिग को कंडक्टर बनाया गया है तो ये नियम विरुद्ध है. ऐसे लोगो पर कार्रवाई को जाएगी.
वहीं डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है, जो समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करती है. डीएम ने कहा कि हम इस बात की जांच करेंगे कि क्या कोई स्कूल नियमों के खिलाफ बसों का संचालन कर रहा है. अगर ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.