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बस्ती: प्राइवेट स्कूल उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, नाबालिग कंडक्टर को सौंपी जिम्मेदारी - यातायात नियमों की धज्जियां

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के श्रीराम पब्लिक स्कूल में यातायात नियमों की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं. इतना ही नहीं नाबालिग को स्कूल बस का कंडक्टर बना दिया गया है, जिसके कंधों पर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.

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नाबालिग कंडक्टर पर सुरक्षा की जिम्मेदारी.
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Published : Jan 26, 2020, 7:50 PM IST

बस्ती: प्राइवेट स्कूलों में संचालित बसों के लिए सरकार द्वारा तमाम नियम कानून बनाए गए हैं, लेकिन जनपद के प्राइवेट स्कूलों की मनमाने के आगे सारे नियम बौने साबित होते दिख रहे हैं. प्राइवेट स्कूल बसों में बच्चों को क्षमता से दोगुनी संख्या में भरा जाता है. इतना ही नहीं कंडक्टर भी नाबालिग हैं, जिसका काम बच्चों को उतारना चढ़ाना है.

नाबालिग कंडक्टर पर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी.
दरअसल बस्ती सदर से बीजेपी विधायक दयाराम चौधरी के श्रीराम पब्लिक स्कूल में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. सबसे बड़ी लापरवाही की बात है कि नाबालिग को स्कूल बस का कंडक्टर बना दिया गया है, जिसकी उम्र खुद पढ़ने-लिखने की है. उसके कंधे पर दर्जनों बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रख दी गई है. स्कूल में बच्चों को लाने और ले जाने के लिए जो बस लगाई गई है. उसमें यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिख रही है.

ये भी पढ़ें- बाराबंकी डीएम ने गणतंत्र दिवस को बताया आजादी का दिन, देखें वीडियो

स्कूल में लगाई गई बस में मानक से ज्यादा बच्चों को बिठाया जाता है. इसके अलावा स्कूल बस में 12 से 13 साल के नाबालिग बच्चे को कंडक्टर की ड्यूटी पर लगाया गया है. यातायात नियमों की अनदेखी कर बच्चों की जान से स्कूल प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. विधायक के स्कूल की वजह से विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई से बचते रहते हैं. यही नहीं ऐसे कई रसूखदारों के प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिन पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.

ये भी पढ़ें- अलीगढ़: AMU से पीएचडी कर रहे इराकी छात्र का कमरे में मिला शव

एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे का कहना है कि हर महीने स्कूल बसों के संचालन के लिए समिति बैठती है. समिति में यातायात के नियमों के पालन का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन बैठक के बाद फिर से स्कूल बसों के संचालन में यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाता. अगर नाबालिग को कंडक्टर बनाया गया है तो ये नियम विरुद्ध है. ऐसे लोगो पर कार्रवाई को जाएगी.

वहीं डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है, जो समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करती है. डीएम ने कहा कि हम इस बात की जांच करेंगे कि क्या कोई स्कूल नियमों के खिलाफ बसों का संचालन कर रहा है. अगर ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बस्ती: प्राइवेट स्कूलों में संचालित बसों के लिए सरकार द्वारा तमाम नियम कानून बनाए गए हैं, लेकिन जनपद के प्राइवेट स्कूलों की मनमाने के आगे सारे नियम बौने साबित होते दिख रहे हैं. प्राइवेट स्कूल बसों में बच्चों को क्षमता से दोगुनी संख्या में भरा जाता है. इतना ही नहीं कंडक्टर भी नाबालिग हैं, जिसका काम बच्चों को उतारना चढ़ाना है.

नाबालिग कंडक्टर पर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी.
दरअसल बस्ती सदर से बीजेपी विधायक दयाराम चौधरी के श्रीराम पब्लिक स्कूल में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. सबसे बड़ी लापरवाही की बात है कि नाबालिग को स्कूल बस का कंडक्टर बना दिया गया है, जिसकी उम्र खुद पढ़ने-लिखने की है. उसके कंधे पर दर्जनों बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रख दी गई है. स्कूल में बच्चों को लाने और ले जाने के लिए जो बस लगाई गई है. उसमें यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिख रही है.

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स्कूल में लगाई गई बस में मानक से ज्यादा बच्चों को बिठाया जाता है. इसके अलावा स्कूल बस में 12 से 13 साल के नाबालिग बच्चे को कंडक्टर की ड्यूटी पर लगाया गया है. यातायात नियमों की अनदेखी कर बच्चों की जान से स्कूल प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. विधायक के स्कूल की वजह से विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई से बचते रहते हैं. यही नहीं ऐसे कई रसूखदारों के प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिन पर जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.

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एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे का कहना है कि हर महीने स्कूल बसों के संचालन के लिए समिति बैठती है. समिति में यातायात के नियमों के पालन का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन बैठक के बाद फिर से स्कूल बसों के संचालन में यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाता. अगर नाबालिग को कंडक्टर बनाया गया है तो ये नियम विरुद्ध है. ऐसे लोगो पर कार्रवाई को जाएगी.

वहीं डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है, जो समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करती है. डीएम ने कहा कि हम इस बात की जांच करेंगे कि क्या कोई स्कूल नियमों के खिलाफ बसों का संचालन कर रहा है. अगर ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: प्राइवेट स्कूलों में संचालित बसों के लिए सरकार ने तमाम नियम कानून बनाये गए हैं. लेकिन जनपद के प्राइवेट स्कूलों की मनमाने के आगे सारे नियम बौने साबित हो रहे हैं. प्राइवेट स्कूल बसों में बच्चों को क्षमता से दोगुने संख्या में भरा जाता है. कंडक्टर भी नाबालिग हैं, जिनका काम बच्चों को उतारना चढ़ाना है.

दरअसल बस्ती सदर से बीजेपी विधायक दयाराम चौधरी के श्रीराम पब्लिक स्कूल में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. सबसे बड़ी लापरवाही की बात है कि नाबालिग बच्चे को स्कूल बस का कण्डक्टर बना दिया गया है. जिसकी उम्र खुद पढ़ने लिखने की है उसके कंधे पर दर्जनों बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रख दी गई है. स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने के लिए जो बस लगाई गई है वो यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, स्कूल में लगाई गई बस में मानक से ज्यादा बच्चों को बैठाया जाता है. इसके अलावा स्कूल बस में 12 से 13 साल के नाबालिग बच्चे को कण्डक्टर की ड्यूटी पर लगाया गया है. यातायात नियमों की अनदेखी कर बच्चों की जान से स्कूल प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है. विधायक के स्कूल की वजह से विभागीय अधिकारी भी कार्रवाई से बचते रहते हैं. यही नही ऐसे कई रसूखदारों के प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं जिन पर जिला प्रशासन कार्रवाई नही कर पा रहा है.
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एआरटीओ अरुण प्रकाश चौबे का कहना है कि हर महीने स्कूल बसों के संचालन के लिए समिति बैठती है. समिति में यातायात के नियमों के पालन का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन बैठक के बाद फिर से स्कूल बसों के संचालन में यातायात नियमों का पालन नही किया जाता. अगर नाबालिग को कंडक्टर बनाया गया है तो ये नियम विरुद्ध है. ऐसे लोगो पर कार्रवाई को जाएगी.

वहीं डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है जो समय समय पर स्कूलों का निरीक्षण करती है. डीएम ने कहा कि हम इस बात की जांच करेंगे कि क्या कोई स्कूल नियमो के खिलाफ बसों का संचालन कर रहा है. अगर ऐसा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बाइट..... अरुण प्रकाश चौबे, एआरटीओ
बाइट......आशुतोष निरंजन, डीएमConclusion:
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