बस्ती: गरीबी की मजबूरी का दंश झेल रहा एक परिवार आज भी 21 वीं शताब्दी की सुविधाओं से पूरी तरीके से महरूम है. जिले के विकासखंड हरैया के एक गांव में एक परिवार प्लास्टिक की पन्नी तान कर रहने को मजबूर है. क्योंकि अभी तक उसे प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला है.
हरैया ब्लॉक के लबदहा ग्राम सभा के खरथुआ गांव में पन्नी तान कर जीवन यापन कर रहा परिवार खरथुआ गांव के टिकोरी अपनी पत्नी निशा और बच्चे दीपक , दीपांशु के साथ पलास्टिक की पन्नी तान कर रहने को मजबूर है. टिकोरी जो की टूटे छप्पर पर प्लास्टिक की पन्नी तान कर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. टिकोरी ने बताया कि रात भर नींद नही आती है. डर लगा रहता है कि कहीं छप्पर टूट कर नीचे न गिर जाय. मेहनत मजदूरी करने वाले टिकोरी ने यह भी बताया कि जितना कमाता हूं. उतने में सिर्फ परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो जाता है. किसी तरह पन्नी का ही जुगाड़ हो पाया है, जिसे छप्पर के पर ऊपर से डाल दिया है.
इसे भी पढ़ें-प्रदेश वासियों ने किया जनता कर्फ्यू का पालन, बजाए गए शंख, थाली और ताली
सरकार की तरफ से आवास विहीन लोगों के लिए दो योजनाए चलाई जा रही है. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना, आपके द्वारा जरूरतमंद को आवास न मिलने की बात बताई गई है. अपने अधिकारियों से इसकी जांच कराएंगे और अगर परिवार पात्रता की श्रेणी में आता है. तो उसे हर हाल में जल्द से जल्द सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाएगा.
-अनिल सागर, कमिश्नर