बस्ती : जिले के शास्त्री चौक पर सोमवार को नीली बत्ती लगी एक कार पहुंची. कार गोंडा के तहसीलदार की थी. नामांकन की ड्यूटी में लगे पुलिस वालों की नजर कार पर पड़ी तो उन्होंने वाहन को रुकवा लिया. इसके बाद निजी वाहन पर नीली बत्ती न लगाने के नियम का हवाला देते हुए कार का चालान कर दिया. कार्रवाई के दौरान तहसीलदार पुलिस पर रौब गांठते नजर आए, हालांकि पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी.
एसडीएम शैलेश दुबे ने बताया कि सोमवार को शास्त्री चौक पर नीली बत्ती लगी एक कार पहुंची. इस दौरान पुलिस कर्मी नामांकन ड्यूटी में लगे हुए थे. नजर पड़ते ही पुलिस ने कार को रुकवा लिया. चालक से पूछताछ में पता चला कि गाड़ी गोंडा के तहसीलदार राजीव मोहन सक्सेना की है. तहसीलदार ने वाहन रोकने का विरोध किया. इसके बावजूद पुलिस कर्मियों ने उनके वाहन का चालान कर दिया.
पुलिस तहसीलदार और उनकी गाड़ी को कोतवाली लेकर पहुंची. यहां वाहन पर लगी नीली बत्ती हटवाई गई. इसके बाद चालान की रसीद थमाकर वाहन को रवाना कर दिया गया. तहसीलदार के वाहन का चालान होने पर शहर भर में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. हालांकि अभी भी शहर में कई इस तरह के वाहन दिख जाते हैं जिन पर केवल रौब गांठने के लिए नीली बत्ती लगा दी गई है. जिन पर नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वही नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं.
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