बस्ती: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को बस्ती जनपद में सांसद खेल महाकुम्भ का उद्घाटन करने पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े थे. इस दौरान बस्ती की डीएम प्रियंका निरंजन इधर-उधर दौड़तीं-भागतीं नजर आईं. सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रोटोकॉल में डीएम प्रियंका निरंजन को पहली बार उस स्टेडियम में दौड़ लगानी पड़ी जहां सांसद खेल महाकुम्भ का उद्घाटन कार्यक्रम होना था. दूसरी बार उन्हें सर्किट हाउस दौड़ लगानी पड़ी. इसका वीडियो वायरल हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद खेल महाकुम्भ का उद्घाटन करने के बाद वर्चुअली खो-खो प्रतियोगिता को भी देखा. प्रधानमंत्री ने सांसद खेल कुम्भ में आए खिलाड़ियों का हौसला भी बढ़ाया. पीएम मोदी ने कहा कि बस्ती गुरु वशिष्ठ की तपोभूमि है. खेल भी एक तपस्या है. खेलो इण्डिया अभियान के तहत सरकार खिलाड़ियों को भी आर्थिक मदद दे रही है. जिससे ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सके.
अब तक 2500 खिलाड़ियों को 50 हजार महीना आर्थिक मदद दी जा रही है. पहले खेल को पढ़ाई का हिस्सा नहीं माना जाता था. छात्रों के परिवार भी इसको अच्छा नहीं मानते थे. इस मानसिकता से देश का बहुत नुकसान हुआ. बड़ी संख्या में खेल प्रतिभाएं अपनी प्रतिभा दिखाने से वंचित रह गईं, लेकिन सरकार के अथक प्रयास से पिछले 8 साल में खेल को सामाजिक प्रतिष्ठा मिलने लगी है. इसलिए आज भारत खेल के मैदान में नए रिकार्ड बना रहा है. भारत ने ओलम्पिक 2020 में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. यह तो अभी शुरुआत है. सांसद खेल महाकुम्भ का मुख्य अद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिले.
बस्ती सांसद ने बताया कि खेल महाकुम्भ में 40 हजार खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे. इसके लिए ब्लाक स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं कराकर खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जो प्रतिभाशाली खिलाड़ी होंगे उनको खेलने के लिए सरकार सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, जिससे उनकी प्रतिभा राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पटल पर दिखे और देश के लिए वो मेडल जीत कर देश का मान बढ़ा सके.
वहीं सांसद खेल महाकुम्भ में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने ओलम्पिक, एशियाड, कामनवेल्थ या विश्व चैम्पियनशिप में जो भी खिलाड़ी मेडल प्रप्त कर रहा है. उनको प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार ने अलग व्यवस्था बनाई है. प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों को सीधे राज पत्रित सेवा में लेने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है. ओलम्पिक में गोल्ड मेडल पर प्रदेश सरकार खिलाड़ी को 6 करोड़ रुपए, रजत पदक पर 3 करोड़ और कांस्य पदक पर एक करोड़ की सहायता देती है. एशियन गेम्स में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को तीन करोड़, दो और एक करोड़ सहायता राशि प्रदेश सरकार उपलब्ध करा रही है. कामनवेल्थ और विश्व चैम्पियनशिप में डेढ़ करोड़, 75 लाख और 50 लाख की सहायता राशि प्रदेश सरकार उपलब्ध करा रही है. हमारा प्रयास है कि राज्य के हर जनपद में स्टेडियम बने. ब्लाक स्तर पर खेल के मैदान बने.