बस्ती: जिले को कागजों में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, लेकिन शौचालय के नाम पर धरातल पर निर्माण अधूरे पड़े हैं. गांव में कुछ शौचालय तो बने लेकिन कुछ अधूरे ही छोड़ दिए गए. आलम यह है कि बहुत से लोगों को मालूम ही नहीं, उनके घर शौचालय बनाए जाएंगे. वहीं ब्लाक कर्मचारियों की मदद से ग्राम प्रधान सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं.
कागजों में बन रहे शौचालय
ग्राम सभाओं में शौचालय बनवाने से लेकर तमाम योजनों में भ्रष्टाचार की लंबी सूची नजर आ रही है. इस बात की हकीकत जिले के महज चार ग्राम पंचायत के शौचालय निर्माण में लाखों रुपये के गबन ने साबित कर दी है. जांच के बाद मामले में दोषी पाए गए एक ग्राम पंचायत अधिकारी और चार ग्रामसभा के प्रधानों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. इस हेराफेरी में इन ग्रामसभा के ग्राम पंचायत अधिकारियों की भी भूमिका पाई गई है.
स्वच्छ भारत मिशन को पलीता
हरैया पुलिस के मुताबिक इलाके के मझगांवा, भानपुर, बांसगांव और केशवपुर ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनवाए जा रहे शौचालय में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. मामले में जांच के बाद शौचालय निर्माण में कुल 6 खातों से 63.19 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है.
एडीओ पंचायत गिरजेश कुमार की शिकायत पर ग्राम पंचायत अधिकारी अनिल कुमार सिंह समेत पांच प्रधानों के खिलाफ धारा 419, 420, 406 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है.
पंकज, एएसपी