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बस्ती: PFMS के माध्यम से होगा भुगतान, किसानों के फंसे 16 करोड़ रुपये

मूल्य समर्थन योजना के तहत शासन के निर्देशानुसार दिसंबर के बाद हुई धान की खरीद में किसानों को PFMS के द्वारा भुगतान किया जाएगा. फिलहाल किसानों को इस नई प्रणाली के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इसकी वजह से किसानों का करीब 16 करोड़ रुपये का भुगतान फंसा हुआ है.

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पीएफएमएस से होगा किसानों को भुगतान
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Published : Jan 12, 2020, 11:34 PM IST

बस्ती: मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों को भुगतान में नई समस्या आ गई है. PCF और PCU से दिसंबर के बाद हुई धान की खरीद और पहले के बकाया भुगतान RTGS के माध्यम से करने पर शासन ने रोक लगा दी है. शासन का निर्देश है कि अब भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) से होगा.

पीएफएमएस से होगा किसानों को भुगतान.

आरटीजीएस से नहीं होगा किसानों का भुगतान
दरअसल PFMS व्यवस्था लागू होने से किसानों के करीब 16 करोड़ रुपये फंस गए हैं. अब तक डेढ़ अरब रुपये से अधिक का धान एजेंसियों ने विभिन्न क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीदा है. PFMS से भुगतान पाने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. भुगतान के लिए सबसे पहले संबंधित केंद्र प्रभारियों का डिजिटल हस्ताक्षर शासन की ओर से बनेगा. इसके बाद संबंधित किसान का खाता नंबर, नाम और मोबाइल नंबर NIC के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.

लंबी प्रक्रिया से मिलेगा किसानों को धन
फाइल बनने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसको अपलोड किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया के बाद शासन से किसान के खाते में पैसा भेजा जाएगा. यदि खाता नंबर में कोई अंक गलत हुआ तो किसान को धन नहीं मिल सकेगा. शासन के निर्देशों के अनुसार यदि केंद्र प्रभारी अपना डिजिटल हस्ताक्षर शासन को भेजेंगे तो उसमें लंबा समय लगेगा. ऐसे में किसानों को अब अपने उत्पाद का मूल्य पाने में लंबा इंतजार करना होगा.

इसे भी पढ़ें:- 28 जनवरी से शुरू होगा बस्ती महोत्सव, आएंगे ये बड़े कलाकार

PFMS से भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी होगी. इससे भुगतान में कोई दिक्कत नहीं आएगी. हम प्रयास कर रहे हैं किसानों के भुगतान में देरी न हो. नई प्रक्रिया होने के चलते थोड़ी असुविधा हो रही है, लेकिन जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. PFMS से 72 घंटे में संबंधित किसान के खाते में धन पहुंच जाता है.
-श्री प्रकाश मिश्रा, खाद्य नियंत्रक, बस्ती मंडल

बस्ती: मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों को भुगतान में नई समस्या आ गई है. PCF और PCU से दिसंबर के बाद हुई धान की खरीद और पहले के बकाया भुगतान RTGS के माध्यम से करने पर शासन ने रोक लगा दी है. शासन का निर्देश है कि अब भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) से होगा.

पीएफएमएस से होगा किसानों को भुगतान.

आरटीजीएस से नहीं होगा किसानों का भुगतान
दरअसल PFMS व्यवस्था लागू होने से किसानों के करीब 16 करोड़ रुपये फंस गए हैं. अब तक डेढ़ अरब रुपये से अधिक का धान एजेंसियों ने विभिन्न क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीदा है. PFMS से भुगतान पाने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. भुगतान के लिए सबसे पहले संबंधित केंद्र प्रभारियों का डिजिटल हस्ताक्षर शासन की ओर से बनेगा. इसके बाद संबंधित किसान का खाता नंबर, नाम और मोबाइल नंबर NIC के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.

लंबी प्रक्रिया से मिलेगा किसानों को धन
फाइल बनने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसको अपलोड किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया के बाद शासन से किसान के खाते में पैसा भेजा जाएगा. यदि खाता नंबर में कोई अंक गलत हुआ तो किसान को धन नहीं मिल सकेगा. शासन के निर्देशों के अनुसार यदि केंद्र प्रभारी अपना डिजिटल हस्ताक्षर शासन को भेजेंगे तो उसमें लंबा समय लगेगा. ऐसे में किसानों को अब अपने उत्पाद का मूल्य पाने में लंबा इंतजार करना होगा.

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PFMS से भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी होगी. इससे भुगतान में कोई दिक्कत नहीं आएगी. हम प्रयास कर रहे हैं किसानों के भुगतान में देरी न हो. नई प्रक्रिया होने के चलते थोड़ी असुविधा हो रही है, लेकिन जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. PFMS से 72 घंटे में संबंधित किसान के खाते में धन पहुंच जाता है.
-श्री प्रकाश मिश्रा, खाद्य नियंत्रक, बस्ती मंडल

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: मूल्य समर्थन योजना के तहत भुगतान होने में अब किसानों के सामने नई समस्या आ गई है. अब पीसीएफ और पीसीयू द्वारा दिसंबर के बाद हुई धान खरीद और पहले के बकाया भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से करने पर शासन ने रोक लगा दी है. शासन का निर्देश है कि अब भुगतान पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से होगा.




Body:दरअसल पीएफएमएस सिस्टम की नई व्यवस्था लागू होने से किसानों के करीब 16 करोड रुपए फंस गए हैं. अब तक डेढ़ अरब रुपए से अधिक का धान एजेंसियों ने विभिन्न क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीदा है. पीएफएमएस से भुगतान पाने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी. भुगतान के लिए सबसे पहले संबंधित केंद्र प्रभारियों का डिजिटल हस्ताक्षर शासन की ओर से बनेगा. इसके बाद संबंधित किसान का खाता नंबर, नाम और मोबाइल नंबर एनआईसी से पीएफएमएस के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.

पूरी फाइल बनने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इसको अपलोड किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया के बाद शासन से किसान के खाते में पैसा भेजा जाएगा. यदि खाता नंबर में कोई अंक गलत हुआ तो धन किसान को नहीं मिल सकेगा. शासन के निर्देशों के अनुसार यदि केंद्र प्रभारी अपना डिजिटल हस्ताक्षर शासन को भेजेंगे तो उसमें लंबा समय लगेगा. ऐसे में किसानों को अब अपने उत्पाद का मूल्य पाने में लंबा इंतजार करना होगा.




Conclusion:मंडल के खाद्य नियंत्रक श्री प्रकाश मिश्रा ने कहा कि पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम से भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी होगी. इससे भुगतान में कोई दिक्कत नहीं आती. उन्होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं किसानों का भुगतान होता रहे. इसमें देरी न होने पाए, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि नई प्रक्रिया है इसलिए थोड़ी असुविधा हो रही है लेकिन जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा. पीएफएमएस से 72 घंटे में धन संबंधित किसान के खाते में पहुंच जाता है.

बाइट..... श्री प्रकाश मिश्रा, खाद्य नियंत्रक, बस्ती मंडल
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