बस्तीः जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए राजेंद्रा कोविड अस्पताल की एक ऐसी करतूत सामने आई है, जिससे इंसानियत पर से भरोसा उठा दिया है. निर्दयता की सारी हदें पार करने वाले इस नर्सिंग होम के डॉक्टरों और संचालक ने अहमद हुसैन नाम के एक कोविड मरीज को, महज इसलिए अस्पताल में ही बंधक बना लिया गया, क्योंकि वह उनका भरी भरकम बिल चुका पाने में सक्षम नहीं था.
बिल दीजिए और मरीज ले जाइए
जिले के रहने वाले अहमद हुसैन कोरोना संक्रमित हो गए. हालत बिगड़ने पर परिजनों ने राजेंद्रा अस्पताल में भर्ती कराया. आरोप है कि भर्ती कराते समय अस्पताल संचालक ने परिजनों से कहा कि 24 घंटे का ऑक्सीजन और 21 हजार रुपये उन्हें जमा करना होगा. साथ ही इसमें वेंटीलेटर की सुविधा भी शामिल रहेगी. मगर 18 घंटे बीतने के बाद जब मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो तीमारदार परेशान होने लगे. ठीक तरह से इलाज होता न देख मरीज को बस्ती मेडिकल कॉलेज में भेजने का निर्णय लिया. फिर क्या था अस्पताल प्रशासन ने कहा बिल दीजिए और मरीज को ले जाइए.
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अहमद हुसैन के भाई ददलू हुसैन ने बताया कि अस्पताल के संचालक ने 21 हजार के बजाए 34,400 का बिल बनाकर थमा दिया. इसका विरोध करने पर अस्पताल वालों ने भाई को बंधक बना लिया और कहा जब तक पूरा बिल नहीं भरोगे, तब तक मरीज को नहीं ले सकते. इतना ही नहीं ऑक्सीजन की पाइप भी निकाल दी गई.
सीएमओ को मामले की जानकारी नहीं
कोविड मरीज अहमद हुसैन के भाई का कहना है कि जब वो अस्पताल में अपने भाई को भर्ती करवाने ले गए थे तो उनके पास अपना ऑक्सीजन सिलेंडर भी था. मगर अस्पताल वालों ने उसे भी जब्त कर लिया. भाई की हालत खराब होता देख अंत में 31,000 का बिल चुकाकर अहमद को बस्ती मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया, जहां अहमद हुसैन जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. अहमद के भाई का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन उन्हें धमकी भरे फोन कर परेशान कर रहा है.
इस पूरे मामले को लेकर जब डीएम सौम्या अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बना दी. साथ ही सख्त निर्देश दिया की मामले में कार्रवाई की जाए. वहीं सीएमओ अनूप श्रीवास्तव ने बताया की उनके संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है. अगर आता है जो इसकी विधिवत जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.