बस्ती: 'मखस्थानं महतपुण्यम यत्र पुण्या मनोरमा'... मखौड़ा यानी 'मखधाम' और मनोरमा नदी की महिमा शास्त्रों-वेद पुराणों में कहा गया है. भगवान राम के अस्तित्व से जुड़ी यह पावन भूमि आज भी विकास की राह देख रही है. बुधवार को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन संपन्न किया. इस मौके पर ईटीवी भारत ने हर्रैया विधायक अजय सिंह से बातचीत की.
पुण्य सलिला मनोरमा जीवनदायिनी हैं. इनकी महिमा को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. यह वही स्थान है, जहां महाराज दशरथ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ किया था. आज भी यह स्थान त्रेतायुग की तरह उर्वरा है. दरअसल मखौड़ा धाम अयोध्या की चौरासीकोसी परिक्रमा का पहला पड़ाव स्थल है. चैत्र पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है. बड़ी संख्या में संत और गृहस्थ यहां से वर्ष प्रतिपदा के दिन यात्रा प्रारंभ करते हैं.
इस स्थान पर महाराज दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए कामेष्टि यज्ञ किया था. इसीलिए इसके प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा है. श्रीराम से जुड़े होने के बाद भी मखौड़ा आज विकास में मामले में काफी पीछे है. सरकार ने विकसित करने का दावा तो किया, लेकिन पांच साल से अधिक बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है.
हर्रैया विधायक अजय सिंह से मखौड़ा धाम के बारे में बातचीत की गई. विधायक का कहना है कि राम का मूल मखौड़ा है, लेकिन अभी तक विकास नहीं हो पाया है. सरकार से मांग की गई है कि काशी, अयोध्या व मथुरा की तरह मखौड़ा का भी विकास किया जाए. आखिरकार हम सबके प्रयास से मखौड़ा में मंदिर का निर्माण शुरू कराया गया है. सीएम योगी जब मखौड़ा आए थे तो उन्होंने कहा था कि मखौड़ा में राम मंदिर बनेगा, लेकिन अभी सरकार की तरफ से कुछ आसार नजर नहीं आ रहे हैं.