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...अब अंग्रेजी ही नहीं भोजपुरी और अवधी भी बोलेंगे डॉक्टर - मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को सिखाई जाएगी क्षेत्रीय भाषा

बस्ती मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को अब स्थानीय भाषाओं के बारे में भी सिखाया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि डॉक्टरों को स्थानीय लोगों से ताल-मेल स्थापित करने में दिक्कत न हो.

बस्ती मेडिकल कॉलेज
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Published : Sep 4, 2019, 10:13 AM IST

बस्ती: मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर अगर भोजपुरी या अवधी भाषा बोले तो चौंकिएगा नहीं. इसका मतलब यह नहीं है कि वह डॉक्टर गांव क्षेत्र का है या फिर कम पढ़ा लिखा है. दरअसल, मरीज के साथ डॉक्टर उसकी क्षेत्रीय भाषा में बात कर उसे घरेलू माहौल देने की कोशिश करेंगे. एमसीआई की गाइडलाइंस के अनुसार इसके लिए एमबीबीएस के छात्रों को अब क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी, ताकि वह मरीजों से घुल मिल सकें.

बस्ती मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को सिखाई जाएगी भोजपुरी और अवधी भाषा.

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नया कोर्स लागू किया है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में नए डॉक्टरों को क्षेत्रीय भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे मेडिकल के छात्रों की कुशलता में इजाफा होगा. इस तरह के प्रशिक्षण से छात्रों में नई संभावनाएं विकसित होंगी, जो उनके लिए आगे चलकर मददगार साबित होंगी. साथ ही छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, कंप्यूटर और योग के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- अब CISF की जगह UP POLICE के जवान संभालेंगे प्रदेश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था

बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नवनीत कुमार ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के अनुसार एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्रों को इंग्लिश के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी. इनमें अवधी और भोजपुरी सहित कई भाषाओं का समावेश रहेगा. छात्र इसमें से किसी भी भाषा को जो भी वह चाहें सीख सकते हैं.

उन्होंने बताया कि इसका मकसद होगा कि मरीज क्षेत्रीय भाषा में बात करता है तो डॉक्टर भी अगर उससे उसी भाषा में बात करेंगे तो एक-दूसरे की बात को ढंग से समझ पाएंगे और मरीज को अपनों का एहसास होगा. साथ ही मरीज की बीमारी को सही ढंग से समझने में आसानी होगी. इससे डॉक्टर बेहतर इलाज कर सकेंगे. प्राचार्य ने कहा कि इसके लिए प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे.

बस्ती: मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर अगर भोजपुरी या अवधी भाषा बोले तो चौंकिएगा नहीं. इसका मतलब यह नहीं है कि वह डॉक्टर गांव क्षेत्र का है या फिर कम पढ़ा लिखा है. दरअसल, मरीज के साथ डॉक्टर उसकी क्षेत्रीय भाषा में बात कर उसे घरेलू माहौल देने की कोशिश करेंगे. एमसीआई की गाइडलाइंस के अनुसार इसके लिए एमबीबीएस के छात्रों को अब क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी, ताकि वह मरीजों से घुल मिल सकें.

बस्ती मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को सिखाई जाएगी भोजपुरी और अवधी भाषा.

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नया कोर्स लागू किया है. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों में नए डॉक्टरों को क्षेत्रीय भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इससे मेडिकल के छात्रों की कुशलता में इजाफा होगा. इस तरह के प्रशिक्षण से छात्रों में नई संभावनाएं विकसित होंगी, जो उनके लिए आगे चलकर मददगार साबित होंगी. साथ ही छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, कंप्यूटर और योग के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.

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बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नवनीत कुमार ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के अनुसार एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्रों को इंग्लिश के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी. इनमें अवधी और भोजपुरी सहित कई भाषाओं का समावेश रहेगा. छात्र इसमें से किसी भी भाषा को जो भी वह चाहें सीख सकते हैं.

उन्होंने बताया कि इसका मकसद होगा कि मरीज क्षेत्रीय भाषा में बात करता है तो डॉक्टर भी अगर उससे उसी भाषा में बात करेंगे तो एक-दूसरे की बात को ढंग से समझ पाएंगे और मरीज को अपनों का एहसास होगा. साथ ही मरीज की बीमारी को सही ढंग से समझने में आसानी होगी. इससे डॉक्टर बेहतर इलाज कर सकेंगे. प्राचार्य ने कहा कि इसके लिए प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर अगर भोजपुरी अवधी भाषा बोले तो चौंकिएगा नहीं. इसका मतलब यह नहीं कि वह गांव क्षेत्र का है या फिर कम पढ़ा लिखा है. मरीज के साथ वह उसकी क्षेत्रीय भाषा में बात करके डॉक्टर उसे घरेलू माहौल देने की कोशिश करेगा. एमसीआई की गाइडलाइंस के अनुसार इसके लिए एमबीबीएस के छात्रों को अब क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी ताकि वह मरीजों से घुल मिल सके.


Body:दरअसल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नया कोर्स लागू किया है. जिसके लिए मेडिकल कॉलेजों में नए डॉक्टरों को क्षेत्रीय भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे मेडिकल छात्रों की कुशलता में इजाफा होगा. इस तरह के प्रशिक्षण से छात्रों में नई संभावनाएं विकसित करेंगे जो उनके लिए आगे मददगार साबित होंगे. साथ ही छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, कंप्यूटर और योग के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.

बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नवनीत कुमार ने बताया कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के गाइड लाइन के अनुसार एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्रों को इंग्लिश के साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाएं भी सिखाई जाएंगी. जिसमें अवधी, भोजपुरी सहित कई भाषाओं का समावेश रहेगा. छात्र जो चाहे वह भाषा सीख सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसका मकसद होगा कि मरीज क्षेत्रीय भाषा में बात करता है तो डॉक्टर भी अगर उससे उसी भाषा में बात करेंगे तो एक-दूसरे की बात को ढंग से समझ पाएंगे और मरीज को अपनों का एहसास होगा. साथ ही मरीज की बीमारी को सही ढंग से समझने में आसानी होगी. जिससे वह बेहतर इलाज कर सकेंगे. प्राचार्य ने कहा कि इसके लिए प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे.

बाइट...डॉक्टर नवनीत कुमार, प्राचार्य, बस्ती मेडिकल कालेज


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