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बस्ती: नगर पालिका के जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा, टीम करेगी जांच - बस्ती नगर पालिका की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा

उत्तर प्रदेश के बस्ती में नगर पालिका की कई बीघा जमीन पर भू-माफियाओं ने अपना कब्जा कर लिया है. वहीं नगर पालिका के ईओ अखिलेश त्रिपाठी का कहना है कि गठित टीम के चिन्हीकरण के बाद ही मामले पर कार्रवाई की जाएगी.

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मीडिया से बातचीत करते ईओ नगर पालिका
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Published : Dec 9, 2019, 7:58 AM IST

बस्ती: शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थित नगर पालिका की कई बीघा जमीन गायब हो गई है. हालांकि कागजों में आज भी वह जमीन बरकरार है. इतना ही नहीं शहर के सात चुंगी घर पर भी अवैध कब्जा हो रखा है. कई जगहों पर तो बकायदा कब्जेदारों ने भूमि को अपना साबित करने के लिए कई हथकंडे अपना रखे हैं.

नगर पालिका की जमीन पर कब्जा
शहर के चइयाबारी में पांडेय स्कूल के सामने बहुत पहले भैंसा खाना हुआ करता था. समय के साथ भैंसाखाना बंद हो गया. इसके बाद यहां की खाली जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया. अब चइयाबारी की यह जमीन कागजों में है, लेकिन किसी और के कब्जे में है. इसी प्रकार दक्षिण दरवाजा से अस्पताल मार्ग पर स्लाटर हाउस हुआ करता था, लेकिन अब यहां पालिका की जमीन पर दूसरों का कब्जा है.

मीडिया से बातचीत करते ईओ नगर पालिका.

कूड़ा डंपिंग जमीन पर भी कब्जा
नगर पालिका ने इस पर अपना दावा बरकरार रखा है. रौता चौराहा के अमरूद बाग के पीछे पालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड भी केवल कागजों में ही है. एक जमाने में त्रिलोक सिंह कालोनी के निकट कई बीघे में नगर पालिका की जमीन पर कूड़ा डंप किया जाता था, लेकिन अब इस जमीन का नजारा ही बदल गया है.

इसके अलावा शहर के अस्पताल चौराहा, रौता चौराहा, बांसी रोड, डुमरियागंज रोड, मेहदावल रोड, अमहट पुराना पुल और मूडघाट रोड के चुंगी घरों पर दूसरों का कब्जा है. हालांकि शासनादेश है कि इन चुंगीघरों को सुरक्षित किया जाए, लेकिन मौके पर इसका स्वरूप बदल सा गया है.

इसे भी पढ़ें:- बस्तीः सर्व शिक्षा अभियान पर पानी फेर रहे प्राइमरी स्कूल के शिक्षक

संपत्ति का मामला संज्ञान में आया है. इसके लिए सहायक अभियंता के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित कर दी गई है. यह टीम अपनी जमीन का चिन्हांकन करेगी. जहां कोई विवाद की स्थिति होगी वहां राजस्व विभाग से सहयोग लेकर पालिका की जमीन खाली कराई जाएगी. किसी भी तरह से कब्जा नहीं करने दिया जाएगा. चिन्हीकरण होते ही हम खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.
-अखिलेश त्रिपाठी, ईओ, नगर पालिका

बस्ती: शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थित नगर पालिका की कई बीघा जमीन गायब हो गई है. हालांकि कागजों में आज भी वह जमीन बरकरार है. इतना ही नहीं शहर के सात चुंगी घर पर भी अवैध कब्जा हो रखा है. कई जगहों पर तो बकायदा कब्जेदारों ने भूमि को अपना साबित करने के लिए कई हथकंडे अपना रखे हैं.

नगर पालिका की जमीन पर कब्जा
शहर के चइयाबारी में पांडेय स्कूल के सामने बहुत पहले भैंसा खाना हुआ करता था. समय के साथ भैंसाखाना बंद हो गया. इसके बाद यहां की खाली जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया. अब चइयाबारी की यह जमीन कागजों में है, लेकिन किसी और के कब्जे में है. इसी प्रकार दक्षिण दरवाजा से अस्पताल मार्ग पर स्लाटर हाउस हुआ करता था, लेकिन अब यहां पालिका की जमीन पर दूसरों का कब्जा है.

मीडिया से बातचीत करते ईओ नगर पालिका.

कूड़ा डंपिंग जमीन पर भी कब्जा
नगर पालिका ने इस पर अपना दावा बरकरार रखा है. रौता चौराहा के अमरूद बाग के पीछे पालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड भी केवल कागजों में ही है. एक जमाने में त्रिलोक सिंह कालोनी के निकट कई बीघे में नगर पालिका की जमीन पर कूड़ा डंप किया जाता था, लेकिन अब इस जमीन का नजारा ही बदल गया है.

इसके अलावा शहर के अस्पताल चौराहा, रौता चौराहा, बांसी रोड, डुमरियागंज रोड, मेहदावल रोड, अमहट पुराना पुल और मूडघाट रोड के चुंगी घरों पर दूसरों का कब्जा है. हालांकि शासनादेश है कि इन चुंगीघरों को सुरक्षित किया जाए, लेकिन मौके पर इसका स्वरूप बदल सा गया है.

इसे भी पढ़ें:- बस्तीः सर्व शिक्षा अभियान पर पानी फेर रहे प्राइमरी स्कूल के शिक्षक

संपत्ति का मामला संज्ञान में आया है. इसके लिए सहायक अभियंता के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित कर दी गई है. यह टीम अपनी जमीन का चिन्हांकन करेगी. जहां कोई विवाद की स्थिति होगी वहां राजस्व विभाग से सहयोग लेकर पालिका की जमीन खाली कराई जाएगी. किसी भी तरह से कब्जा नहीं करने दिया जाएगा. चिन्हीकरण होते ही हम खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.
-अखिलेश त्रिपाठी, ईओ, नगर पालिका

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
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बस्ती: जनपद में आम आदमी ही अपनी जमीनों के कब्जे को लेकर परेशान नही है, बल्कि खुद नगर पालिका की जमीनें गायब हो गयी हैं. यह सच है कि शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थित नगर पालिका की कई बीघा जमीन गायब हो गई है. हालांकि कागजों में वह जमीन आज भी बरकरार है. अब नगर पालिका को भी इसे ढूंढने में पसीने छूट रहे हैं. इतना ही नहीं शहर के सात चुंगी घर पर भी अवैध कब्जे में है. कई जगहों पर तो बाकायदा कब्जेदारों ने भूमि को अपना साबित करने के लिए कई हथकंडे अपना रखे हैं.

दरअसल शहर के चइयाबारी में पांडेय स्कूल के सामने कभी भैंसा खाना हुआ करता था. समय के साथ भैंसाखाना बंद हो गया. इसके बाद यहां की खाली जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया. अब चइयाबारी की यह जमीन कागजों में तो है, लेकिन मौके पर किसी और के कब्जे में है. इसी प्रकार दक्षिण दरवाजा से अस्पताल मार्ग पर स्लाटर हाउस हुआ करता था, लेकिन अब यहां पालिका की जमीन पर दूसरों का कब्जा है.

Body:हालांकि, पालिका ने इस पर अपना दावा बरकरार रखा है. रौता चौराहा के अमरूद बाग के पीछे पालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड भी कागजों में ही है, मौके पर जमीन ढूंढने से नहीं मिलेगी. एक जमाने में त्रिलोक सिंह कालोनी के निकट कई बीघे में नगर पालिका की जमीन थी, जिस पर कूड़ा डंप किया जाता था, मगर अब इस जमीन का नजारा ही बदल गया है. इसी तरह तुरकहिया व बभनगावां की जमीन पर पालिका का कागजी दावा तो है मगर यहां भी हालात अच्छे नहीं हैं. इसके अलावा पुराना जलकल पंप हाउस मिश्रौलिया, पिकौरा शिवगुलाम सीवर पंपिंग स्टेशन, पालिका कार्यालय के पीछे की जमीन व पुरानी बस्ती स्थित पुरानी गोशाला की जमीन भी कागजों में ही है। इसके अलावा शहर के अस्पताल चौराहा, रौता चौराहा, बांसी रोड, डुमरियागंज रोड, मेहदावल रोड, अमहट पुराना पुल व मूडघाट रोड के चुंगी घरों पर दूसरों का कब्जा है. हालांकि शासनादेश है कि इन चुंगीघरों को सुरक्षित किया जाए, मगर मौके पर इसका स्वरूप बदल सा गया है.

नगर पालिका के ईओ अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि संपत्ति का मामला संज्ञान में आया है. इसके लिए सहायक अभियंता के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित कर दी गई है. यह टीम अपनी जमीन का चिन्हांकन करेगी, जहां कोई विवाद की स्थिति होगी वहां राजस्व विभाग से सहयोग लेकर पालिका की जमीन खाली कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से कब्ज नही करने दिया जाएगा. समय काफी हो गया है लेकिन चिन्हीकरण होते ही हम खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.

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