बस्ती: शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थित नगर पालिका की कई बीघा जमीन गायब हो गई है. हालांकि कागजों में आज भी वह जमीन बरकरार है. इतना ही नहीं शहर के सात चुंगी घर पर भी अवैध कब्जा हो रखा है. कई जगहों पर तो बकायदा कब्जेदारों ने भूमि को अपना साबित करने के लिए कई हथकंडे अपना रखे हैं.
नगर पालिका की जमीन पर कब्जा
शहर के चइयाबारी में पांडेय स्कूल के सामने बहुत पहले भैंसा खाना हुआ करता था. समय के साथ भैंसाखाना बंद हो गया. इसके बाद यहां की खाली जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया. अब चइयाबारी की यह जमीन कागजों में है, लेकिन किसी और के कब्जे में है. इसी प्रकार दक्षिण दरवाजा से अस्पताल मार्ग पर स्लाटर हाउस हुआ करता था, लेकिन अब यहां पालिका की जमीन पर दूसरों का कब्जा है.
कूड़ा डंपिंग जमीन पर भी कब्जा
नगर पालिका ने इस पर अपना दावा बरकरार रखा है. रौता चौराहा के अमरूद बाग के पीछे पालिका का ट्रेंचिंग ग्राउंड भी केवल कागजों में ही है. एक जमाने में त्रिलोक सिंह कालोनी के निकट कई बीघे में नगर पालिका की जमीन पर कूड़ा डंप किया जाता था, लेकिन अब इस जमीन का नजारा ही बदल गया है.
इसके अलावा शहर के अस्पताल चौराहा, रौता चौराहा, बांसी रोड, डुमरियागंज रोड, मेहदावल रोड, अमहट पुराना पुल और मूडघाट रोड के चुंगी घरों पर दूसरों का कब्जा है. हालांकि शासनादेश है कि इन चुंगीघरों को सुरक्षित किया जाए, लेकिन मौके पर इसका स्वरूप बदल सा गया है.
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संपत्ति का मामला संज्ञान में आया है. इसके लिए सहायक अभियंता के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित कर दी गई है. यह टीम अपनी जमीन का चिन्हांकन करेगी. जहां कोई विवाद की स्थिति होगी वहां राजस्व विभाग से सहयोग लेकर पालिका की जमीन खाली कराई जाएगी. किसी भी तरह से कब्जा नहीं करने दिया जाएगा. चिन्हीकरण होते ही हम खाली कराने की कार्रवाई शुरू कर देंगे.
-अखिलेश त्रिपाठी, ईओ, नगर पालिका