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बस्ती: कांशीराम आवास योजना पूरी, अभी तक बेघर हैं जरुरतमंद - up news

बस्ती में कांशीराम आवास कॉलोनी का निर्माण तो पांच साल पहले हो गया, लेकिन जरूरतमंदों को अभी तक आवास आवंटित नहीं हो पाए हैं और अब कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद ने 8 करोड़ 10 लाख की इस परियोजना को आधा-अधूरा बनाकर नगर पालिका परिषद को हस्तांतरित कर दिया है.

कांशीराम आवास योजना पूरी, जरूरतमंदो को अभी तक नहीं मिला आवास
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Published : Apr 7, 2019, 4:23 AM IST

बस्ती: गरीबों को आवास का सपना दिखाना किसी भी सरकार के लिए नई बात नहीं है. लेकिन यह सपना पूरा कहां तक होता है, इसकी एक नजीर बस्ती जिले में देखी जा सकती है. यहां कांशीराम आवास कॉलोनी के नाम पर इमारत बनाकर लावारिस छोड़ दी गई है, लेकिन जरूरतमंदों को अभी तक आवास आवंटित नहीं किए गए है.

जिले की कांशीराम आवास कॉलोनी में भवन बने पांच साल हो गए, लेकिन यहां जरूरतमंदों को अभी तक आवास आवंटित नहीं किए गए है. कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद ने 8 करोड़ 10 लाख की इस परियोजना को आधा-अधूरा बनाकर नगर पालिका परिषद को हस्तांतरित कर दिया. वहीं नगर पालिका ने भी इस भवन की कमियों को नहीं देखा. सिर्फ कागजी कोरम पूरा देखकर अपनी सुपुर्दगी में ले लिया.

कांशीराम आवास योजना पूरी, जरूरतमंदों को अभी तक नहीं मिला आवास.


शहर के आरटीओ कार्यालय के निकट छबिलहा खोर गांव में मान्यवर कांशीराम योजना के तहत दो आवासीय भवनों का निर्माण हुआ, इसमें कुल 360 आवास बनाए गए हैं. इसके बाद कार्यदायी संस्था ने ढांचा खड़ाकर औपचारिकता पूरी कर दी, लेकिन इसमें बिजली, पानी, दरवाजा, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं.

पिछले कुछ दिनों पहले जिलाधिकारी डॉ. राजशेखर ने इस भवन का निरीक्षण किया था. उन्होंने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को तेजी के साथ सभी सुविधाओं से दोनों भवन को पूरा करने के निर्देश दिए थे, मगर यह हकीकत में अब तक तब्दील नहीं हो पाया है.

वहीं जब इस मामले पर नगर पालिका ईओ मणि भूषण तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि डीएम ने निरीक्षण करके इस भवन से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद इस आवास की कमियों को दूर करके आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाए.

बस्ती: गरीबों को आवास का सपना दिखाना किसी भी सरकार के लिए नई बात नहीं है. लेकिन यह सपना पूरा कहां तक होता है, इसकी एक नजीर बस्ती जिले में देखी जा सकती है. यहां कांशीराम आवास कॉलोनी के नाम पर इमारत बनाकर लावारिस छोड़ दी गई है, लेकिन जरूरतमंदों को अभी तक आवास आवंटित नहीं किए गए है.

जिले की कांशीराम आवास कॉलोनी में भवन बने पांच साल हो गए, लेकिन यहां जरूरतमंदों को अभी तक आवास आवंटित नहीं किए गए है. कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद ने 8 करोड़ 10 लाख की इस परियोजना को आधा-अधूरा बनाकर नगर पालिका परिषद को हस्तांतरित कर दिया. वहीं नगर पालिका ने भी इस भवन की कमियों को नहीं देखा. सिर्फ कागजी कोरम पूरा देखकर अपनी सुपुर्दगी में ले लिया.

कांशीराम आवास योजना पूरी, जरूरतमंदों को अभी तक नहीं मिला आवास.


शहर के आरटीओ कार्यालय के निकट छबिलहा खोर गांव में मान्यवर कांशीराम योजना के तहत दो आवासीय भवनों का निर्माण हुआ, इसमें कुल 360 आवास बनाए गए हैं. इसके बाद कार्यदायी संस्था ने ढांचा खड़ाकर औपचारिकता पूरी कर दी, लेकिन इसमें बिजली, पानी, दरवाजा, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं.

पिछले कुछ दिनों पहले जिलाधिकारी डॉ. राजशेखर ने इस भवन का निरीक्षण किया था. उन्होंने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को तेजी के साथ सभी सुविधाओं से दोनों भवन को पूरा करने के निर्देश दिए थे, मगर यह हकीकत में अब तक तब्दील नहीं हो पाया है.

वहीं जब इस मामले पर नगर पालिका ईओ मणि भूषण तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि डीएम ने निरीक्षण करके इस भवन से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद इस आवास की कमियों को दूर करके आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाए.

Intro:
बस्ती: गरीबों को आवास का सपना दिखाना किसी भी सरकार के लिए नई बात नही है. लेकिन ये सपना पूरा कहाँ तक होता है इसकी एक नजीर बस्ती जिले में देखी जा सकती है. यहां काशीराम आवास के नाम पर इमारत बनाकर लावारिस छोड़ दी गई है.

भवन पांच साल पुराना हो गया, लेकिन यहां जरूरतमंदों को अभी तक आवंटित नहीं किया गया. कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद ने 8 करोड़ 10 लाख की इस परियोजना को आधा-अधूरा बना कर नगर पालिका परिषद को हस्तांतरित कर दिया. मजे की बात यह कि नगर पालिका ने भी इस भवन की कमियों को नहीं देखा. सिर्फ कागजी कोरम पूरा देख अपनी सुपुर्दगी में ले लिया.




Body:दरअसल आरटीओ कार्यालय के निकट छबिलहा खोर गांव में मान्यवर कांशीराम योजना के तहत अगल-बगल दो आवासीय भवनों का निर्माण हुआ. इसमें कुल 360 आवास बनाए गए हैं. इसके बाद कार्यदायी संस्था ने ढांचा खड़ा कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली. इसमें बिजली, पानी, दरवाजा, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं.

पिछले दिनों जिलाधिकारी डा. राजशेखर ने इस भवन का निरीक्षण किया था. उन्होंने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को तेजी के साथ सभी सुविधाओं से दोनों भवन को आच्छादित करने के निर्देश दिए थे, मगर यह हकीकत में तब्दील नहीं हो पाया है.





Conclusion:नगर पालिका ईओ ने इस बावत बताया कि डीएम साहब ने निरीक्षण करके इस भवन से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि चुनाव में तुरन्त बाद इस आवास की कमियों को दूर करके आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.


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