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बस्ती: दुबौलिया पंचायत में देखिए ग्राम प्रधान की महिमा - बस्ती समाचार

अमूमन शादी के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाओं का भी जीवन चूल्हे-चौके में सिमट जाता है. ग्राउंड स्तर की राजनीति में अक्सर महिलाएं पति की रबर स्टांप ही बन कर रह जाती हैं. मगर बस्ती में ग्राम प्रधान महिमा सिंह ने अपनी कार्यशैली से खुद को सबसे अलग साबित कर किया है.

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Published : Nov 13, 2020, 5:03 AM IST

बस्ती: ग्राम पंचायत में बदलाव की बयार और एक महिला प्रधान की दृढ़ इच्छा का संकल्प देखना हो तो बस्ती जिले के दुबौलिया विकास खंड की ग्राम पंचायत दुबौलिया आइए. इस गांव की प्रधान महिमा सिंह ने शौचालय और स्वच्छता की अलख जगाई. जब उन्हें इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया तो सम्मान राशि से गांव में आरओ प्लांट लगा दिया. इस कारण गांव के लोग शुद्ध पानी पी रहे हैं.

दुबौलिया के हर घर में आरओ वॉटर की सप्लाई हो रही है

पहले गांव में जगाई स्वच्छता की अलख
ग्राम प्रधान महिमा सिंह ने राजनीतिशास्त्र में एमए किया है. जब वह पहली बार प्रधान बनी तो गांव को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा. उन्होंने गांव के सभी 406 घरों में शौचालय बनवाए. पानी की निकासी के लिए नाली और सोख्ता बनवाया. स्वच्छता के लिए उनकी ग्राम पंचायत को वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपये मिले. महिमा सिंह ने बताया कि उन्हें लगा कि शुद्ध पेयजल की कमी के कारण लोग विशेषकर बच्चे बीमार हो रहे हैं. इस कारण उन्होंने पुरस्कार की राशि से ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन पर 2019 में आरओ प्लांट स्थापित कराया. 406 घरों के 2307 लोगों को 24 घंटे आरओ प्लांट का शुद्ध पेयजल मिलने लगा. नि:शुल्क पानी मुहैया कराने पर मशीन के रखरखाव का बजट गड़बड़ाने का डर था लिहाजा उन्होंने ग्रामवासियों के लिए प्रति केन (20 लीटर) नाममात्र का शुल्क (10 रुपये) रखा.

घर-घर पहुंचाया आरओ का पानी, कमाई भी की
आज हर घर में पर्याप्त मात्रा में आरओ वॉटर की सप्लाई हो रही है. ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों की सहमति के बाद अतिरिक्त पानी बेचकर ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने का फैसला किया है. डिलीवरी वाहन की व्यवस्था कर दुबौलिया बाजार में आरओ वाटर की सप्लाई शुरू कराई. यहां भी प्रति केन महज 15 रुपये मूल्य रखा गया. महिमा सिंह के इस कदम से ग्राम पंचायत को वर्ष 2019-20 में 53 हजार रुपये की आमदनी हुई. वर्तमान सत्र 2020-21 के पहले सात माह में 35 हजार रुपये की आय हो चुकी है. यह आमदनी कर्मचारियों के मानदेय, मशीन के रखरखाव और वाहन खर्च निकालने के बाद बची हुई राशि है. ग्राम प्रधान महिमा सिंह ने बताया कि उनका लक्ष्य इस साल की समाप्ति तक 75 हजार रुपये आय हासिल करने का है. इस राशि का उपयोग गांव के छोटे-मोटे काम के लिए किए जाएंगे.डीपीआरओ विनय कुमार सिंह अपने जिले की इस ग्राम प्रधान की कार्यशैली के मुरीद हैं. उन्होंने भी ग्राम प्रधान के कामों की तारीफ की है.

बस्ती: ग्राम पंचायत में बदलाव की बयार और एक महिला प्रधान की दृढ़ इच्छा का संकल्प देखना हो तो बस्ती जिले के दुबौलिया विकास खंड की ग्राम पंचायत दुबौलिया आइए. इस गांव की प्रधान महिमा सिंह ने शौचालय और स्वच्छता की अलख जगाई. जब उन्हें इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया तो सम्मान राशि से गांव में आरओ प्लांट लगा दिया. इस कारण गांव के लोग शुद्ध पानी पी रहे हैं.

दुबौलिया के हर घर में आरओ वॉटर की सप्लाई हो रही है

पहले गांव में जगाई स्वच्छता की अलख
ग्राम प्रधान महिमा सिंह ने राजनीतिशास्त्र में एमए किया है. जब वह पहली बार प्रधान बनी तो गांव को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा. उन्होंने गांव के सभी 406 घरों में शौचालय बनवाए. पानी की निकासी के लिए नाली और सोख्ता बनवाया. स्वच्छता के लिए उनकी ग्राम पंचायत को वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपये मिले. महिमा सिंह ने बताया कि उन्हें लगा कि शुद्ध पेयजल की कमी के कारण लोग विशेषकर बच्चे बीमार हो रहे हैं. इस कारण उन्होंने पुरस्कार की राशि से ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन पर 2019 में आरओ प्लांट स्थापित कराया. 406 घरों के 2307 लोगों को 24 घंटे आरओ प्लांट का शुद्ध पेयजल मिलने लगा. नि:शुल्क पानी मुहैया कराने पर मशीन के रखरखाव का बजट गड़बड़ाने का डर था लिहाजा उन्होंने ग्रामवासियों के लिए प्रति केन (20 लीटर) नाममात्र का शुल्क (10 रुपये) रखा.

घर-घर पहुंचाया आरओ का पानी, कमाई भी की
आज हर घर में पर्याप्त मात्रा में आरओ वॉटर की सप्लाई हो रही है. ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों की सहमति के बाद अतिरिक्त पानी बेचकर ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने का फैसला किया है. डिलीवरी वाहन की व्यवस्था कर दुबौलिया बाजार में आरओ वाटर की सप्लाई शुरू कराई. यहां भी प्रति केन महज 15 रुपये मूल्य रखा गया. महिमा सिंह के इस कदम से ग्राम पंचायत को वर्ष 2019-20 में 53 हजार रुपये की आमदनी हुई. वर्तमान सत्र 2020-21 के पहले सात माह में 35 हजार रुपये की आय हो चुकी है. यह आमदनी कर्मचारियों के मानदेय, मशीन के रखरखाव और वाहन खर्च निकालने के बाद बची हुई राशि है. ग्राम प्रधान महिमा सिंह ने बताया कि उनका लक्ष्य इस साल की समाप्ति तक 75 हजार रुपये आय हासिल करने का है. इस राशि का उपयोग गांव के छोटे-मोटे काम के लिए किए जाएंगे.डीपीआरओ विनय कुमार सिंह अपने जिले की इस ग्राम प्रधान की कार्यशैली के मुरीद हैं. उन्होंने भी ग्राम प्रधान के कामों की तारीफ की है.

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