बस्ती: राष्ट्रपिता महत्मा गांधी के द्वारा चलाया गया असहयोग आंदोलन प्रथम जन आंदोलन था. इस आंदोलन को व्यापक जनाधार मिला. इसमें गांधी जी विदेशी चीजों के परित्याग का पालन करने को कहा था, जिसके बाद खादी के कपड़ों का प्रचलन बढ़ा. धीरे-धीरे गांधी आश्रम की स्थापना हुई. आजादी के बाद गांधी आश्रमों को बढ़ावा देने के लिए तमाम सरकारों ने योजनाएं भी चलाई लेकिन आज जनपद में गांधी आश्रमों की स्थिति दयनीय हो रही है.
युवा पीढ़ी खादी की तरफ आकर्षित नहीं होती है. सरकार को गांधी आश्रमों के लिए बजट बढ़ाना चाहिए. साथ ही खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और कर्मचारियों के वेतन पर भी ध्यान देने की जरूरत है. आज मात्र तीन गांधी आश्रम बस्ती शहर में बचे हैं.
राधे कृष्ण शुक्ला, व्यवस्थापक, गांधी आश्रम