बस्ती: जनपद में मिल मालिकों की मनमानी के चलते गन्ना किसान बेहद परेशान हैं. यहां मिल तो संचालित कर दी गई हैं, लेकिन जो किसानों का पिछला बकाया था उसका भुगतान आज भी नहीं हो पाया है, जिसके चलते किसानों का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है.
यूपी सरकार भले ही किसानों के हित की बात करती हो मगर सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है. पिछले एक महीने से गन्ना भुगतान का इंतजार कर रहे किसानों का धैर्य गुरुवार को टूट गया और वे विकास भवन कार्यालय पर धरना देने पहुंच गए. गुस्साए किसानों ने अनिश्चितकाल किसान पंचायत शुरू कर दी. सैकड़ों किसानों को देख जिम्मेदार अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए, लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए और भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन किसान पंचायत शुरू कर दी.
किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए भाकियू नेताओं ने कहा कि यदि जिला गन्ना अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों की बात सुनी होती तो ऐसे आन्दोलन की जरूरत न पड़ती. उन्होंने कहा कि सैकड़ों किसानों के खाते गलत तरीके से फ्रिज कर दिए गए हैं. गन्ना किसानों ने 15 दिनों तक इंतजार करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को सूचना देकर गन्ना भुगतान की गुहार लगाई, लेकिन उनकी जायज मांगों को अनसुना कर दिया गया.
वहीं किसानों ने कहा कि सीएम योगी ने चुनाव के दौरान बताया था कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है तो 14 दिन के अंदर सभी गन्ना किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन यहां जमीनी हकीकत में यह एक जुमला निकला. आज केंद्र और प्रदेश में सरकार होने के बावजूद भी गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि अब हम अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिये धरने प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे है.